मुजफ्फरपुर: बिहार के चर्चित सुनीता किडनी कांड के मुख्य आरोपी डॉक्टर आरके सिंह के घर की कुर्की की तैयारी तेज हो गई है. साल 2022 से सुनीता का गुनहगार डॉक्टर फरार चल रहा है. इस मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है.
सुनीता किडनी कांड के आरोपी डॉक्टर के घर होगी कुर्की: इसको लेकर मुजफ्फरपुर पुलिस ने वैशाली के डीएम को पत्र लिखा है. डॉ. सिंह ने सुनीता के यूट्रस का ऑपरेशन किया था. इसके बाद उसकी दोनों किडनी गायब हो गई थी. दो साल से सुनीता अस्पताल में जिंदगी व मौत से जूझ रही है. वह अब भी एसकेएमसीएच में भर्ती है.
वैशाली डीएम को भेजा गया पत्र: ऑपरेशन करने वाला चिकित्सक डॉ. सिंह मूलरूप से वैशाली जिले के पातेपुर का निवासी है. इस मामले को लेकर एडिशनल एएसपी पूर्वी शहरयार अख्तर ने बताया कि सुनीता कांड के आरोपित डॉ. आरके सिंह की कुर्की के संबंध में वैशाली डीएम को पत्र भेजा गया है. अब प्रावधान के अनुसार आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
"दूसरे जिले के आरोपित के घर की कुर्की से पहले वहां के डीएम को सूचना देना अनिवार्य होता है, इसलिए पुलिस ने वैशाली डीएम को कोर्ट से जारी डॉ. सिंह के खिलाफ कुर्की वारंट का हवाला देते हुए पत्र लिखा है. अब वैशाली में मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति के बाद कुर्की जब्ती होगी."- शहरयार अख्तर, एडिशनल एएसपी पूर्वी
निकाल ली गई थी दोनों किडनी: घटना तीन सितंबर 2022 की है. सुनीता की मां तेतरी देवी के बयान पर हॉस्पिटल संचालक बरियारपुर निवासी डॉ. पवन कुमार, सर्जन डॉ. आरके सिंह, ओटी सहायक जीतेंद्र कुमार पासवान, डॉ. पवन की पत्नी और दो अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. कांड का आरोपित डॉ. पवन डेढ़ साल से जेल में बंद है.
डोनर के इंतजार में है सुनीता: बताते चले कि 3 सितंबर 2022 को मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र के मथुरापुर निवासी सुनीता देवी के पेट में दर्द होने पर बरियारपुर के एक क्लीनिक में उसका ऑपरेशन किया गया था. उसके बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी. SKMCH में जब जांच करवाया गया तो पता चला कि सुनीता की दोनों किडनी डाॅक्टर ने निकाल ली है. इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारी ने जांच शुरू की. अब सुनीता को किसी डोनर का इंतजार है.
अब भी फरार है मुख्य आरोपी डाॅक्टर: सुनीता के किडनी निकाले जाने के मामले में अबतक मुख्य आरोपी फरार है. वहीं जिस क्लीनिक में सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ था, क्लीनिक संचालक पवन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार संचालक ने ऑपरेशन के लिए बाहर से आए डाॅक्टर को इस मामले में आरोपी बताया था. पवन की गिरफ्तारी भूटान भागने के दौरान हुई थी. उसने पुलिस के समक्ष यह बताया था कि डाॅ आरके सिंह ने यह ऑपरेशन किया था. अब तक ऑपरेशन कर किडनी निकालने वाला डाॅक्टर पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
NHRC ने लिया था संज्ञान: इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया. इसके बाद इस पूरे मामले में कार्रवाई की पूरी डिटेल एनएचआरसी ने मांगी और सरकार से इस मामले में पीड़िता को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की बात भी कही गई. एनएचआरसी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इस मामले में नोटिस भेजा था. उसके बाद भी आयोग की ओर से मामले का अपडेट लिया गया और महिला के इलाज को लेकर भी निर्देश दिया गया था.
पति ने भी छोड़ दिया साथ: अपनी दोनों किडनी गवां चुकी सुनीता का उसके पति ने भी साल भर पहले साथ छोड़ दिया था. पति ने सुनीता को कहा कि 'अब तुमसे जिंदगी नहीं चलेगी. तुम जियो या मरो मुझे तुमसे (सुनीता) कोई मतलब नहीं है.' सुनीता के पति का नाम अकलू राम है. अपने परिजनों और बच्चों के साथ सुनीता आज भी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है.