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उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टार्टअप की अपार संभावनाएं, एक्सपर्ट से जानें कैसे शुरू करें व्यापार - Organic Startup in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 12, 2024, 6:55 PM IST

Updated : Jul 12, 2024, 7:26 PM IST

Organic Startup in Uttarakhand बेरोजगारी और कम होती नौकरियों के इस दौर में अगर आप खुद के स्टार्टअप का सोच रहे हैं. खासतौर से अगर आप उत्तराखंड से हैं, तो ऑर्गेनिक स्टार्टअप आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. ऑर्गेनिक के क्षेत्र में स्टार्टअप करने के लिए किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ेगा और इसमें कितनी संभावनाएं हैं.चलिए आपको बताते हैं.

Organic Startup in Uttarakhand
ऑर्गेनिक स्टार्टअप की अपार संभावनाएं, (photo-ETV Bharat)
उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टार्टअप की अपार संभावनाएं (video-ETV Bharat)

देहरादून: पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड ने ऑर्गेनिक सेक्टर में अपनी विश्व पटल पर पहचान बनाई है. उत्तराखंड की ऑर्गेनिक कृषि और यहां के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की केवल देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी इसकी लोकप्रियता बड़ी है. उत्तराखंड के मिलेट्स देश में अन्य जगहों पर पाए जाने वाले मिलेट्स से बेहद खास माने जाते हैं, क्योंकि इनमें हाय न्यूट्रिशन प्रॉपर्टीज पाई गई है. यह सब उत्तराखंड में मौजूद हिमालय इकोलॉजी की वजह से यहां पर मौजूद रिच डाइवर्सिटी और हाई मिनरल्स युक्त भूमि को माना जाता है. संजीवनी बूटी वाला देवभूमि उत्तराखंड अपने हिमालय उत्पादों के लिए आदिकाल से ही बेहद खास माना जाता है, लेकिन अब उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने इसे विश्व पटल पर लाने का काम किया है.

कोविड 19 के बाद दुनिया में ऑर्गेनिक सेक्टर में उछाल: साल 2020 में कोविड के बाद दुनिया का रुख अपने स्वास्थ्य और खान-पान के प्रति बदला है. जिसका ऑर्गेनिक सेक्टर पर बड़ा असर पड़ा है. रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर (FiBL) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट (IFOM) के इंटरनेशनल रिसोर्स डाटा द्वारा साल 2022 में 187 देश पर किए गए सर्वे के अनुसार भारत भारत में 2.6 मिलियन हेक्टर भूमि पर ऑर्गेनिक खेती की जाती है, जो कि पूरी दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा देश है और इसमें भी उत्तराखंड शीर्ष के राज्य में मौजूद है.

भारत में ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में 10 सालों में डेढ़ सौ गुना वृद्धि: इसी रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में भारत ने अपने ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में तकरीबन डेढ़ सौ गुना वृद्धि की है. वहीं, साल 2022-23 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार भारत में 4.43 मिलियन ऑर्गेनिक किसान मौजूद हैं. उत्तराखंड में ऑर्गेनिक खेती की बात करें, तो यहां पारंपरिक रूप से पूरे पहाड़ी इलाकों में जैविक खेती ही की जाती है. उत्तराखंड में ऑर्गेनिक की बढ़ती पहचान ही आपको ऑर्गेनिक स्टार्टअप के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करती है. उत्तराखंड में यदि आप ऑर्गेनिक स्टार्ट करते हैं तो हिमालय प्रोडक्ट की पहचान के रूप में आपको पहचाना जाएगा और आपके स्टार्टअप के प्रति लोगों की अधिक विश्वसनीयता देखने को मिलेगी.

ऐसे शुरू करें ऑर्गेनिक स्टार्टअप: ऑर्गेनिक के क्षेत्र में एक बड़ा अनुभव रखने वाले उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के MD विनय कुमार ने बताया कि ऑर्गेनिक स्टार्टअप करने के लिए सबसे पहले आपको अपने आसपास पाए जाने वाले ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की पहचान करनी होगी और आपको अपने स्टार्टअप को लेकर एक बेहतर मार्केट रिसर्च और स्ट्रेटजी बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक कि आज की तारीख में काफी बड़ी रेंज मौजूद है. इसके लिए हमें पहले अपने स्टार्टअप के लिए एक पार्टिकुलर थीम सेलेक्ट करनी होगी और फिर रणनीति बनानी होगी. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक सेक्टर में स्टार्टअप छोटे स्तर से शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे उसको बढ़ाना चाहिए. आप मल्टी बनाकर इसका ऑनलाइन चैनल पर भी शुरू कर सकते हैं.

उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड आपके स्टार्टअप में करेगा मदद: एमडी ऑर्गेनिक बोर्ड विनय कुमार ने बताया कि ऑर्गेनिक सेक्टर में व्यवसाय शुरू करने के लिए ऑर्गेनिक बोर्ड आपको प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवाता है. इसके अलावा भारत और राज्य सरकार की कई योजनाओं के तहत आपको लाभ दिया जाता है, जिसके लिए आप उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं और इसके लिए आपको निरंतर और गुणवत्ता को लेकर बेहद ध्यान रखने की जरूरत है.

ऑर्गेनिक सेक्टर की कई हैं सक्सेस स्टोरी: उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टार्टअप करने वाले लोगों की अगर बात की जाए तो पिछले कुछ सालों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने विशुद्ध रूप से ऑर्गेनिक व्यवसाय में कदम रखा है, जिनको उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने पूरी तरह से सपोर्ट किया है. लगातार यह ऑर्गेनिक स्टार्टअप आगे बढ़ते जा रहे हैं. इसी तरह से विलुप्त होती देहरादून की बासमती राइस को एक बार फिर से पहचान दिला रहे आशीष राजवंशी ने बताया कि उन्हें इस आर्गेनिक स्टार्टअप में उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने काफी सपोर्ट किया है और लगातार लोगों का रुझान ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद संवेदनशील हुए हैं, उसे देखते हुए ऑर्गेनिक सेक्टर में काफी रुझान देखने को मिल रहा है. उन्होंने सभी युवाओं को संदेश दिया है कि यह सेक्टर भरोसे का सेक्टर है और यहां पर गुणवत्ता से समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है.

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उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टार्टअप की अपार संभावनाएं (video-ETV Bharat)

देहरादून: पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड ने ऑर्गेनिक सेक्टर में अपनी विश्व पटल पर पहचान बनाई है. उत्तराखंड की ऑर्गेनिक कृषि और यहां के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की केवल देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी इसकी लोकप्रियता बड़ी है. उत्तराखंड के मिलेट्स देश में अन्य जगहों पर पाए जाने वाले मिलेट्स से बेहद खास माने जाते हैं, क्योंकि इनमें हाय न्यूट्रिशन प्रॉपर्टीज पाई गई है. यह सब उत्तराखंड में मौजूद हिमालय इकोलॉजी की वजह से यहां पर मौजूद रिच डाइवर्सिटी और हाई मिनरल्स युक्त भूमि को माना जाता है. संजीवनी बूटी वाला देवभूमि उत्तराखंड अपने हिमालय उत्पादों के लिए आदिकाल से ही बेहद खास माना जाता है, लेकिन अब उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने इसे विश्व पटल पर लाने का काम किया है.

कोविड 19 के बाद दुनिया में ऑर्गेनिक सेक्टर में उछाल: साल 2020 में कोविड के बाद दुनिया का रुख अपने स्वास्थ्य और खान-पान के प्रति बदला है. जिसका ऑर्गेनिक सेक्टर पर बड़ा असर पड़ा है. रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर (FiBL) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट (IFOM) के इंटरनेशनल रिसोर्स डाटा द्वारा साल 2022 में 187 देश पर किए गए सर्वे के अनुसार भारत भारत में 2.6 मिलियन हेक्टर भूमि पर ऑर्गेनिक खेती की जाती है, जो कि पूरी दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा देश है और इसमें भी उत्तराखंड शीर्ष के राज्य में मौजूद है.

भारत में ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में 10 सालों में डेढ़ सौ गुना वृद्धि: इसी रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में भारत ने अपने ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में तकरीबन डेढ़ सौ गुना वृद्धि की है. वहीं, साल 2022-23 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार भारत में 4.43 मिलियन ऑर्गेनिक किसान मौजूद हैं. उत्तराखंड में ऑर्गेनिक खेती की बात करें, तो यहां पारंपरिक रूप से पूरे पहाड़ी इलाकों में जैविक खेती ही की जाती है. उत्तराखंड में ऑर्गेनिक की बढ़ती पहचान ही आपको ऑर्गेनिक स्टार्टअप के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करती है. उत्तराखंड में यदि आप ऑर्गेनिक स्टार्ट करते हैं तो हिमालय प्रोडक्ट की पहचान के रूप में आपको पहचाना जाएगा और आपके स्टार्टअप के प्रति लोगों की अधिक विश्वसनीयता देखने को मिलेगी.

ऐसे शुरू करें ऑर्गेनिक स्टार्टअप: ऑर्गेनिक के क्षेत्र में एक बड़ा अनुभव रखने वाले उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के MD विनय कुमार ने बताया कि ऑर्गेनिक स्टार्टअप करने के लिए सबसे पहले आपको अपने आसपास पाए जाने वाले ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की पहचान करनी होगी और आपको अपने स्टार्टअप को लेकर एक बेहतर मार्केट रिसर्च और स्ट्रेटजी बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक कि आज की तारीख में काफी बड़ी रेंज मौजूद है. इसके लिए हमें पहले अपने स्टार्टअप के लिए एक पार्टिकुलर थीम सेलेक्ट करनी होगी और फिर रणनीति बनानी होगी. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक सेक्टर में स्टार्टअप छोटे स्तर से शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे उसको बढ़ाना चाहिए. आप मल्टी बनाकर इसका ऑनलाइन चैनल पर भी शुरू कर सकते हैं.

उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड आपके स्टार्टअप में करेगा मदद: एमडी ऑर्गेनिक बोर्ड विनय कुमार ने बताया कि ऑर्गेनिक सेक्टर में व्यवसाय शुरू करने के लिए ऑर्गेनिक बोर्ड आपको प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवाता है. इसके अलावा भारत और राज्य सरकार की कई योजनाओं के तहत आपको लाभ दिया जाता है, जिसके लिए आप उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं और इसके लिए आपको निरंतर और गुणवत्ता को लेकर बेहद ध्यान रखने की जरूरत है.

ऑर्गेनिक सेक्टर की कई हैं सक्सेस स्टोरी: उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टार्टअप करने वाले लोगों की अगर बात की जाए तो पिछले कुछ सालों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने विशुद्ध रूप से ऑर्गेनिक व्यवसाय में कदम रखा है, जिनको उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने पूरी तरह से सपोर्ट किया है. लगातार यह ऑर्गेनिक स्टार्टअप आगे बढ़ते जा रहे हैं. इसी तरह से विलुप्त होती देहरादून की बासमती राइस को एक बार फिर से पहचान दिला रहे आशीष राजवंशी ने बताया कि उन्हें इस आर्गेनिक स्टार्टअप में उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने काफी सपोर्ट किया है और लगातार लोगों का रुझान ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद संवेदनशील हुए हैं, उसे देखते हुए ऑर्गेनिक सेक्टर में काफी रुझान देखने को मिल रहा है. उन्होंने सभी युवाओं को संदेश दिया है कि यह सेक्टर भरोसे का सेक्टर है और यहां पर गुणवत्ता से समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है.

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Last Updated : Jul 12, 2024, 7:26 PM IST
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