ETV Bharat / state

लक्ष्मण टीला मंदिर-मस्जिद मामला; मुस्लिम पक्ष को कोर्ट से झटका, रिवीजन याचिका खारिज - लक्ष्मण टीला मुस्लिम पक्ष को झटका

टीले वाली मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को कोर्ट से झटका लगा है. टीलेवाली मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष की रिवीजन याचिका खारिज कोर्ट ने खारिज कर दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 3:36 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 8:17 PM IST

लखनऊ : लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर-मस्जिद विवाद प्रकरण में विवादित स्थान को शेषावतार मंदिर, पटल कूप और शेषनागेष्ट टीलेश्वर महादेव मंदिर बताते हुए निर्बाध पूजा-अर्चना, आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करने में हस्तक्षेप को रोकने की मांग करते हुए सिविल कोर्ट में दायर वाद को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है. मौलाना कारी सैयद शाह फजलुल मन्नान की पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए अपर जिला न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय ने कहा कि सिविल जज ने वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाले आदेश 7 नियम 11 की अर्जी को खारिज कर कोई विधिक त्रुटि नहीं की है. मामले में उभय पक्षों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देकर साक्ष्य आदि के साथ निस्तारण किया जाना न्यायोचित होगा.

सिविल जज के समक्ष दाखिल वाद में टीले वाली मस्जिद के पेश इमाम व उनके द्वारा स्थान पर दावा करने वाले सभी लोगों के विरुद्ध पूजा-पाठ में हस्तक्षेप रोकने के लिए अनिवार्य निषेधाज्ञा की डिक्री जारी करने की मांग की गई है. सिविल जज जूनियर डिवीज़न साउथ ने पिछले वर्ष फरवरी में मामले को मूलवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश देते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था. सिविल जज ने मामले के विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के लिए समन जारी करने का भी आदेश दिया था. साथ ही 6 सितम्बर 2023 को वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली अर्जी को खारिज कर दिया. इसके विरुद्ध वर्तमान पुनरीक्षण दाखिल किया गया था. कहा गया था कि वाद पत्र पढ़ने से ही स्पष्ट हो रहा है कि वादीगण वाद कारण स्थापित करने में असफल रहे हैं. हालांकि अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट ने कहा कि वाद पत्र में वाद कारण स्पष्ट है.

यह वाद सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव रहे नृपेंद्र पांडेय, अनीता देवी, धीरेंद्र सिंह, मोहित कुमार सक्सेना, अभिषेक मेहरा, रवि कुमार राय, सर्वेश कुमार व वैभव सिंह ने दाखिल किया है. वाद में सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव गृह यूपी, एएसआई, ज़िलाधिकारी लखनऊ, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, टीले वाली मस्जिद के पेश इमाम व सुन्नी वक्फ बोर्ड को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है.
कहा गया है कि औरंगज़ेब के शासनकाल में लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर को तोड़कर ज़मीन के एक हिस्से में टीले वाली मस्जिद बना दी गई थी, जबकि मस्जिद के चारदीवारी के बाहर शेषनाग पटल कूप, शेषनागेष्ट टीलेश्वर महादेव मंदिर और पुराने हिंदू मंदिर अभी हैं. वादियों का कहना है कि 17 मई 2022 को बड़े मंगल पर वादीगण लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर में पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते थे परंतु मौलाना अब्दुल मन्नान ने इसे वक़्फ़ सम्पत्ति बताते हुए पूजा पाठ करने पर धमकी दी. बवाल होने पर पुलिस ने उक्त स्थल पर पूजा करने की अनुमति नहीं दी.

लखनऊ : लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर-मस्जिद विवाद प्रकरण में विवादित स्थान को शेषावतार मंदिर, पटल कूप और शेषनागेष्ट टीलेश्वर महादेव मंदिर बताते हुए निर्बाध पूजा-अर्चना, आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करने में हस्तक्षेप को रोकने की मांग करते हुए सिविल कोर्ट में दायर वाद को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है. मौलाना कारी सैयद शाह फजलुल मन्नान की पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए अपर जिला न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय ने कहा कि सिविल जज ने वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाले आदेश 7 नियम 11 की अर्जी को खारिज कर कोई विधिक त्रुटि नहीं की है. मामले में उभय पक्षों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देकर साक्ष्य आदि के साथ निस्तारण किया जाना न्यायोचित होगा.

सिविल जज के समक्ष दाखिल वाद में टीले वाली मस्जिद के पेश इमाम व उनके द्वारा स्थान पर दावा करने वाले सभी लोगों के विरुद्ध पूजा-पाठ में हस्तक्षेप रोकने के लिए अनिवार्य निषेधाज्ञा की डिक्री जारी करने की मांग की गई है. सिविल जज जूनियर डिवीज़न साउथ ने पिछले वर्ष फरवरी में मामले को मूलवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश देते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था. सिविल जज ने मामले के विपक्षियों को जवाब दाखिल करने के लिए समन जारी करने का भी आदेश दिया था. साथ ही 6 सितम्बर 2023 को वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली अर्जी को खारिज कर दिया. इसके विरुद्ध वर्तमान पुनरीक्षण दाखिल किया गया था. कहा गया था कि वाद पत्र पढ़ने से ही स्पष्ट हो रहा है कि वादीगण वाद कारण स्थापित करने में असफल रहे हैं. हालांकि अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट ने कहा कि वाद पत्र में वाद कारण स्पष्ट है.

यह वाद सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव रहे नृपेंद्र पांडेय, अनीता देवी, धीरेंद्र सिंह, मोहित कुमार सक्सेना, अभिषेक मेहरा, रवि कुमार राय, सर्वेश कुमार व वैभव सिंह ने दाखिल किया है. वाद में सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव गृह यूपी, एएसआई, ज़िलाधिकारी लखनऊ, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, टीले वाली मस्जिद के पेश इमाम व सुन्नी वक्फ बोर्ड को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है.
कहा गया है कि औरंगज़ेब के शासनकाल में लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर को तोड़कर ज़मीन के एक हिस्से में टीले वाली मस्जिद बना दी गई थी, जबकि मस्जिद के चारदीवारी के बाहर शेषनाग पटल कूप, शेषनागेष्ट टीलेश्वर महादेव मंदिर और पुराने हिंदू मंदिर अभी हैं. वादियों का कहना है कि 17 मई 2022 को बड़े मंगल पर वादीगण लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर में पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते थे परंतु मौलाना अब्दुल मन्नान ने इसे वक़्फ़ सम्पत्ति बताते हुए पूजा पाठ करने पर धमकी दी. बवाल होने पर पुलिस ने उक्त स्थल पर पूजा करने की अनुमति नहीं दी.

Last Updated : Feb 28, 2024, 8:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.