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जोधपुर के अधिवक्ताओं की हड़ताल समाप्त, आज से काम पर लौटेंगे सभी वकील - Advocates strike ends in jodhpur

जोधपुर में वकीलों ने न्यायिक कार्य के बहिष्कार को स्थगित कर दिया है. सभी अधिवक्ता गुरुवार से राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य शुरू कर देंगे.

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 13, 2024, 10:41 PM IST

Updated : Mar 14, 2024, 6:21 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन एवं राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर द्वारा न्यायिक कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया है. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए अधिवक्ताओं की समिति के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से न्यायालयों में अनुपस्थित रहने के निर्णय को स्थगित कर दिया. सभी अधिवक्ता गुरुवार से राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य शुरू कर देंगे.

लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्द पुरोहित एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने बताया कि दोनों एसोसिएशन की आम-सभा में गठित समिति की ओर से बुधवार को न्यायिक कार्य बहिष्कार जारी रखते हुए मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया. बीकानेर जिले में उच्च न्यायालय की वर्चुअल बैंच,ई-कोर्ट की स्थापना के विरोध स्वरूप एवं इस संबंध में आवश्यक सूचना,स्पष्टीकरण के लिए निवेदन किया. अधिवक्ता समिति के निवेदन पर मुख्य न्यायाधीश की ओर से ठोस आश्वासन देते हुए ये कहा गया कि उच्च न्यायालय की बेंच की स्थापना एक प्रशासनिक मामला है. इस संबंध में कोई प्रस्ताव,आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी नहीं किया गया है.

इसे भी पढ़ें-ई-कोर्ट के जरिए बीकानेर के वकील कर सकेंगे हाईकोर्ट में पैरवी, CJI ने की घोषणा

राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल की ओर से भी अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमण्डल को ये कहते हुए आश्वस्त किया गया था कि सरकार के स्तर पर हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. हाईकोर्ट की गरिमा और अखंडता को बरकरार रखा जाएगा एवं एक वकील होने के नाते इस मुद्दे पर वे भी जोधपुर के अधिवक्ताओं के साथ हैं. एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि लोकसभा सत्र में पूछे गए एक सवाल के संबंध में केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से ये उत्तर दिया गया था कि वर्चुअल बेंच की स्थापना एक प्रशासनिक मामला है, जो संबंधित राज्य सरकारों और संबंधित उच्च न्यायालय के दायरे और क्षेत्राधिकार में आता है. ऐसे में केंद्र सरकार की इस मामले में कोई सीधी भूमिका नहीं है. अधिवक्ताओं की आम-सभा में गठित समिति की ओर से प्रेषित प्रतिवेदन पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से संज्ञान लेते हुए "ग्रीवेंस रिड्रेशल कमेटी" का गठन भी इस संबध में किया गया.

दोनों एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच स्थापित करने की चर्चाएं केवल मौखिक हैं और वर्तमान में न्याय विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस दस्तावेजी कार्रवाई नहीं की है. एसोसिएशन की ओर से समिति की बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर ये निर्णय लिया गया कि अधिवक्ताओं की समिति के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से न्यायालयों में अनुपस्थित रहने के निर्णय को स्थगित किया जाता है. वर्तमान में ऐसे किसी प्रस्ताव के उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार के स्तर पर प्रस्तावित नहीं होने से गुरुवार से समस्त अधिवक्तागण न्यायालयों में उपस्थिति प्रदान करेंगे.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन एवं राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर द्वारा न्यायिक कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया है. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए अधिवक्ताओं की समिति के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से न्यायालयों में अनुपस्थित रहने के निर्णय को स्थगित कर दिया. सभी अधिवक्ता गुरुवार से राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य शुरू कर देंगे.

लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्द पुरोहित एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने बताया कि दोनों एसोसिएशन की आम-सभा में गठित समिति की ओर से बुधवार को न्यायिक कार्य बहिष्कार जारी रखते हुए मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया. बीकानेर जिले में उच्च न्यायालय की वर्चुअल बैंच,ई-कोर्ट की स्थापना के विरोध स्वरूप एवं इस संबंध में आवश्यक सूचना,स्पष्टीकरण के लिए निवेदन किया. अधिवक्ता समिति के निवेदन पर मुख्य न्यायाधीश की ओर से ठोस आश्वासन देते हुए ये कहा गया कि उच्च न्यायालय की बेंच की स्थापना एक प्रशासनिक मामला है. इस संबंध में कोई प्रस्ताव,आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी नहीं किया गया है.

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राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल की ओर से भी अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमण्डल को ये कहते हुए आश्वस्त किया गया था कि सरकार के स्तर पर हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. हाईकोर्ट की गरिमा और अखंडता को बरकरार रखा जाएगा एवं एक वकील होने के नाते इस मुद्दे पर वे भी जोधपुर के अधिवक्ताओं के साथ हैं. एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि लोकसभा सत्र में पूछे गए एक सवाल के संबंध में केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से ये उत्तर दिया गया था कि वर्चुअल बेंच की स्थापना एक प्रशासनिक मामला है, जो संबंधित राज्य सरकारों और संबंधित उच्च न्यायालय के दायरे और क्षेत्राधिकार में आता है. ऐसे में केंद्र सरकार की इस मामले में कोई सीधी भूमिका नहीं है. अधिवक्ताओं की आम-सभा में गठित समिति की ओर से प्रेषित प्रतिवेदन पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से संज्ञान लेते हुए "ग्रीवेंस रिड्रेशल कमेटी" का गठन भी इस संबध में किया गया.

दोनों एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच स्थापित करने की चर्चाएं केवल मौखिक हैं और वर्तमान में न्याय विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस दस्तावेजी कार्रवाई नहीं की है. एसोसिएशन की ओर से समिति की बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर ये निर्णय लिया गया कि अधिवक्ताओं की समिति के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से न्यायालयों में अनुपस्थित रहने के निर्णय को स्थगित किया जाता है. वर्तमान में ऐसे किसी प्रस्ताव के उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार के स्तर पर प्रस्तावित नहीं होने से गुरुवार से समस्त अधिवक्तागण न्यायालयों में उपस्थिति प्रदान करेंगे.

Last Updated : Mar 14, 2024, 6:21 AM IST
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