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Valentines Day: प्रेम और विरह की अमर दास्तान बयां करता है लातेहार का मैगनोलिया प्वाइंट - मैगनोलिया प्वाइंट

Latehar Magnolia Point. वेलेंटाइन वीक चल रहा है. प्यार को समर्पित यह सप्ताह है. हर तरफ मोहब्बत की बातें हो रही हैं. प्रेम कहानियों की चर्चा हो रही है. एक प्रेम कहानी झारखंड की भी है. इस कहानी में संपूर्ण समर्पण का भाव दिखता है. जुदाई में होने वाली तड़प है. तड़प ऐसी कि उसमें मौत को गले लगाना जिंदगी जीने से बेहतर लगने लगता है.

Latehar Magnolia Point
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 14, 2024, 12:15 PM IST

Updated : Feb 14, 2024, 12:21 PM IST

मैगनोलिया प्वाइंट की जानकारी देते संवाददाता राजीव

लातेहारः प्रेम की अनेकों कहानियां हैं, जिसकी दुनिया भर में चर्चा होती है. कुछ प्रेम कहानियां ऐसी भी हैं जो गुमनामी के अंधेरे में खो गईं. ऐसी ही एक अमर प्रेम कहानी है अंग्रेज अफसर के बेटी और चरवाहे की. जिसकी महक आज भी लातेहार के नेतरहाट की फिजाओं में समायी हुई है. एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें प्रेम परवान तो चढ़ा लेकिन कहानी अधूरी रह गई. कहानी का अंत दर्द भरा रहा. नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट इस कहानी को बखूबी बयां करता है.

चरवाहे से हुआ अंग्रेज अफसर की बेटी को प्यार

दरअसल, नेतरहाट की हसीन वादियों में आज भी ब्रिटिश अफसर की बेटी और एक मामूली चरवाहे की अमर प्रेम कहानी की खुशबू बिखरी हुई है. नेतरहाट के मैगनोलिया प्वाइंट आने वाले पर्यटक अमर प्रेम की खुशबू को बखूबी महसूस भी करते हैं. बताया जाता है कि नेतरहाट के बटुआटोली का रहने वाला एक चरवाहा युवक बटुक नेतरहाट की वादियों में मवेशी चराने जाया करता था. इस दौरान वह बड़ी मधुर बांसुरी बजाया करता था. एक बार एक अंग्रेज अफसर की बेटी मैगनोलिया जब नेतरहाट आई थी तो वह अपने घोड़े पर सवार होकर घूमने निकली. इसी दौरान बटुक मवेशी चरा रहा था और बांसुरी बजा रहा था. उसकी बांसुरी की सुरीली आवाज से अंग्रेज गवर्नर की बेटी मैगनोलिया दीवानी बन गई. उसके बाद चरवाहा और मैगनोलिया की नजदीकियां बढ़ती ग. मैगनोलिया अक्सर चरवाहे के साथ घंटों नेतरहाट की वादियों में बैठकर बांसुरी की धुन सुनती रहती थी.

अंग्रेज अफसर ने चरवाहे की हत्या करवाई तो मैगनोलिया ने भी दे दी जान

इधर मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम की खबर मैगनोलिया के पिता अंग्रेज अफसर को हुई. उसने मैगनोलिया को कैद कर दिया और चरवाहे की हत्या करवा कर पहाड़ियों के नीचे खाई में फेंकवा दिया. कुछ दिन कैद रहने के बाद मैगनोलिया फिर से चरवाहे को ढूंढने नेतरहाट की वादियों में निकल पड़ी. लगातार कई दिनों तक ढूंढने के बाद भी जब चरवाहे का कोई पता नहीं चला तो वह काफी उदास हो गई. उसे एक सिपाही से पता चला कि उसके पिता ने चरवाहे की हत्या करवा दी है और चरवाहे के बॉडी को खाई में फेंक दिया गया है. इसकी जानकारी होने के बाद मैगनोलिया प्रेम विरह में दीवानी हो गई और उसने भी उसी पहाड़ी से घोड़े के साथ खाई में छलांग लगाकर अपने प्रेम को अमर कर दिया.

धीरे-धीरे प्रसिद्ध होने लगी है चरवाहे और मैगनोलिया की प्रेम कहानी

हालांकि वर्षों तक गुमनाम रहे मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम कहानी को अब धीरे-धीरे लोग जानने लगे हैं. जिला प्रशासन के द्वारा भी इस अमर प्रेम कहानी के प्रतीक स्थल को मैगनोलिया प्वाइंट का नाम दिया गया. इस स्थल पर घोड़े और प्रेमी जोड़े का स्टैच्यू भी लगाया गया है, जो उनकी प्रेम और विरह की दास्तान को बयां करता है. अमर प्रेम और उसकी निशानी को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक प्रतिवर्ष यहां आते हैं.

ये भी पढ़ेंः

Valentines Day 2023: डॉक्टर भी होते हैं दिलवाले, रिम्स की ये जोड़ियां हैं प्रेम की मिसाल

मैगनोलिया प्वाइंट की जानकारी देते संवाददाता राजीव

लातेहारः प्रेम की अनेकों कहानियां हैं, जिसकी दुनिया भर में चर्चा होती है. कुछ प्रेम कहानियां ऐसी भी हैं जो गुमनामी के अंधेरे में खो गईं. ऐसी ही एक अमर प्रेम कहानी है अंग्रेज अफसर के बेटी और चरवाहे की. जिसकी महक आज भी लातेहार के नेतरहाट की फिजाओं में समायी हुई है. एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें प्रेम परवान तो चढ़ा लेकिन कहानी अधूरी रह गई. कहानी का अंत दर्द भरा रहा. नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट इस कहानी को बखूबी बयां करता है.

चरवाहे से हुआ अंग्रेज अफसर की बेटी को प्यार

दरअसल, नेतरहाट की हसीन वादियों में आज भी ब्रिटिश अफसर की बेटी और एक मामूली चरवाहे की अमर प्रेम कहानी की खुशबू बिखरी हुई है. नेतरहाट के मैगनोलिया प्वाइंट आने वाले पर्यटक अमर प्रेम की खुशबू को बखूबी महसूस भी करते हैं. बताया जाता है कि नेतरहाट के बटुआटोली का रहने वाला एक चरवाहा युवक बटुक नेतरहाट की वादियों में मवेशी चराने जाया करता था. इस दौरान वह बड़ी मधुर बांसुरी बजाया करता था. एक बार एक अंग्रेज अफसर की बेटी मैगनोलिया जब नेतरहाट आई थी तो वह अपने घोड़े पर सवार होकर घूमने निकली. इसी दौरान बटुक मवेशी चरा रहा था और बांसुरी बजा रहा था. उसकी बांसुरी की सुरीली आवाज से अंग्रेज गवर्नर की बेटी मैगनोलिया दीवानी बन गई. उसके बाद चरवाहा और मैगनोलिया की नजदीकियां बढ़ती ग. मैगनोलिया अक्सर चरवाहे के साथ घंटों नेतरहाट की वादियों में बैठकर बांसुरी की धुन सुनती रहती थी.

अंग्रेज अफसर ने चरवाहे की हत्या करवाई तो मैगनोलिया ने भी दे दी जान

इधर मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम की खबर मैगनोलिया के पिता अंग्रेज अफसर को हुई. उसने मैगनोलिया को कैद कर दिया और चरवाहे की हत्या करवा कर पहाड़ियों के नीचे खाई में फेंकवा दिया. कुछ दिन कैद रहने के बाद मैगनोलिया फिर से चरवाहे को ढूंढने नेतरहाट की वादियों में निकल पड़ी. लगातार कई दिनों तक ढूंढने के बाद भी जब चरवाहे का कोई पता नहीं चला तो वह काफी उदास हो गई. उसे एक सिपाही से पता चला कि उसके पिता ने चरवाहे की हत्या करवा दी है और चरवाहे के बॉडी को खाई में फेंक दिया गया है. इसकी जानकारी होने के बाद मैगनोलिया प्रेम विरह में दीवानी हो गई और उसने भी उसी पहाड़ी से घोड़े के साथ खाई में छलांग लगाकर अपने प्रेम को अमर कर दिया.

धीरे-धीरे प्रसिद्ध होने लगी है चरवाहे और मैगनोलिया की प्रेम कहानी

हालांकि वर्षों तक गुमनाम रहे मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम कहानी को अब धीरे-धीरे लोग जानने लगे हैं. जिला प्रशासन के द्वारा भी इस अमर प्रेम कहानी के प्रतीक स्थल को मैगनोलिया प्वाइंट का नाम दिया गया. इस स्थल पर घोड़े और प्रेमी जोड़े का स्टैच्यू भी लगाया गया है, जो उनकी प्रेम और विरह की दास्तान को बयां करता है. अमर प्रेम और उसकी निशानी को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक प्रतिवर्ष यहां आते हैं.

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Last Updated : Feb 14, 2024, 12:21 PM IST
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