पटना : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की उपलब्धियों को अपना बताया है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सवाल किया है. लालू ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि नीतीश कुमार बताएं कि एनडीए के दस वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा किया मिला?
रेलवे की उपलब्धियों को लालू ने बताया अपना: लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आपको बताते खुशी हो रही है कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है. हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी. प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.
आपको बताते खुशी हो रही है कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है।हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 14, 2024
बिहार में रेल के पहिए का… pic.twitter.com/xEzEDffy6s
'रेलवे के लिए वरदान साबित हुआ रेल पहिया कारखाना': लालू ने आगे लिखा कि बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुआ. अब Made in Bihar रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं.
"बिहार के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे भारतीय रेलवे की विदेशों पर निर्भरता कम हो गई. मुझे यह बताते प्रसन्नता हो रही है कि हमारे द्वारा बिहार में स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है."- लालू प्रसाद यादव, आरजेडी सुप्रीमो
'बिना विदेशी सहायता के पहला कारखाना': 2004-05 में स्वीकृत और जुलाई 2008 में शुरू हुआ रेल पहिया प्लांट का निर्माण हमारे द्वारा बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. यह भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार था कि बिना किसी विदेशी सहयोग के एक अत्यधिक परिष्कृत कारखाना देश में स्थापित किया गया था. यह रेलवे इंजीनियरों की इन-हाउस क्षमता और विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ.
'यह कारखाना लगाना चुनौती पूर्ण': चारों तरफ नदियों से घिरा रहने और पानी लगने के कारण कारख़ाना स्थापित करने के लिए यह स्थल चुनौतियों से भरा था लेकिन अपनी इच्छा शक्ति के दम पर हमने सभी कठिनाइयों को पार किया और 2008 में इसका उद्घाटन कर सिविल कार्य शुरू करवाया.
'UPA1 सरकार की उपलब्धि': UPA-1 में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बल पर हमने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के सहयोग से विकास कार्यों के लिए बिहार को 1 लाख 44 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता राशि आवंटित ही नहीं बल्कि दिलाई थी. UPA-1 में केंद्र से मिले सहयोग के कारण बिहार में ग्रामीण सड़कें, पुल-पुलिया, बिजली, रेलवे लाइनें, मनरेगा के तहत रोजगार, रेलवे स्टेशन, तथा सारण और मधेपुरा में रेल कारखानों का जाल बिछा दिया था. हमारे द्वारा UPA काल में दिए गए सहयोग राशि से नीतीश कुमार ने अपना चेहरा खूब चमकाया. चूंकि हम प्रचार नहीं बल्कि जमीनी काम करते थे.
'NDA के 10 साल के शासन में क्या मिला?: नीतीश बताए NDA के 10 वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा क्या मिला? हमने तो 22 सांसदों के दम पर 2004 से 2009 के बीच 5 वर्ष में ही बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की सहायता राशि दिलाई लेकिन ये तो 2014 में 31, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद लेकर भी दिल्ली के सामने हाथ जोड़, गिड़गिड़ा कर झोली फैलाते है लेकिन तब भी इन्हें कुछ नहीं मिलता.
'राजधानी में हक मांगना नहीं छिनना पड़ता है': लालू ने नीतीश पर तंज कसते हुए लिखा है कि राजधानी में हक मांगना नहीं छिनना पड़ता है. 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी. इस सरकार में लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री बने थे. अपने रेल मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने सारण में रेल पहिया कारखाना का प्रोजेक्ट पास करवाया था. आज इसी रेल पहिया कारखाना में 2 लाख से अधिक रेल चक्के के निर्माण के बहाने लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला किया है. अब देखना होगा कि बीजेपी और एनडीए के नेता इसका किस रूप में जवाब देते हैं.
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