पटना: राजधानी पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर रविवार को गंगा दशहरा के मौके पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने आस्था के संगम में डुबकी लगाई. गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगा की पूजा अर्चना कर अपने परिवार की खुशहाली के लिए मनोकामनाएं मांगी. पुरानी मान्यता है की गंगा दशहरा के मौके पर गंगा स्नान करने से देवता खुश होते हैं और लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा: हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इसी दिन भागीरथी अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. तभी से गंगा दशहरा के मौके पर गंगा की पूजा अर्चना और आस्था की डुबकी लगाने की परंपरा चली आ रही है. पटना में श्रद्धालुओं के लिए गंगा घाटों पर सुरक्षा के सभी प्रबंध जिला प्रशासन की ओर से किए गए. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान की तैनाती थी और इनके द्वारा गंगा नदी में लगातार मॉनिटरिंग होती रही.
आज है चार शुभ संयोग: गंगा नदी में बैरिकेडिंग करने के साथ-साथ बड़ी संख्या में गोताखोर और पुलिस बल भी तैनात किए गए थे ताकि कोई अनहोनी ना हो. वही गंगा स्नान की बात कर तो आज 16 जून को हस्त नक्षत्र भी है जो गंगा दशहरा के दिन को विशेष बना रहा है. चार शुभ संयोग में गंगा दशहरा होने से गंगा स्नान का विशेष महत्व बन रहा है और रात्रि 2:54 बजे तक गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त है.
आज के दिन का है विशेष महत्व: गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु प्रीति ने बताया कि गंगा स्नान का सनातन परंपरा में विशेष महत्व है और गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मानसिक शांति मिलने के साथ-साथ जीवन के कष्ट दूर होते हैं. इस दिन स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती है इसलिए वह अपने परिवार की खुशहाली के लिए गंगा स्नान कर मां गंगा की पूजा अर्चना की है. आज के दिन ही मां गंगा धरती पर आई थी जिसके बाद गंगा क्षेत्र की धरती उपजाऊ हुई और क्षेत्र में हरियाली आई जिससे जनजीवन आगे बढ़ा.
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