कुशीनगर : विशुनपुरा थाना क्षेत्र के मठिया माफी गांव के रहने वाले दीपू (19) की हत्या महाराष्ट्र में शुक्रवार रात उसके दोस्त मुकेश ने ही कर दी. हत्या की वारदात वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. बताया जा रहा कि दीपू अपने दोस्त मुकेश के कहने पर ही महाराष्ट्र की एक कंपनी में काम करने गया था. जहां खाना बनाने के विवाद में मुकेश ने लोहे के राड से मार मार कर दीपू की जान ले ली.
दीपू के चाचा हरेन्द्र सैनी ने बताया कि हमारा परिवार मूल रूप से बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले के भीतहा थाने के बररिहा गांव का है. 1996 में नारायणी नदी की बाढ़ में सबकुछ गंवाने के बाद पिता रघुनाथ सैनी के साथ कुशीनगर के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के मठिया माफी गांव में बस गए थे. हम दो भाई हैं. यहीं सरकारी जमीन पर झोपड़ी बना कर रहते हैं. किसी तरह कर्ज आदि लेकर परिवार पालन करते हैं. इसी दौरान आरोपी मुकेश के मामा से जान पहचान हम सबकी हुई. गांव के युवकों के साथ दीपू की दोस्ती मुकेश भी हो गई थी.
पिछले साल मुकेश काम करने महाराष्ट्र पुणे चला गया था. इसके बाद दीपू को भी बुला लिया. दोनों साथ ही रहते थे. पुणे में दीपू अपने पिता का कर्ज चुकाने और बहन की शादी के लिए रुपये जुटाने के इंतजाम में जुटा था. आरोपी मुकेश नशा करता और अक्सर विवाद करता था. दीपावाली के पहले खाना बनाने की बात पर दीपू ने मुकेश को डाटा था. जिसके बाद से मुकेश नाराज रहने लगा और होटल में खाना खाने लगा. घटना वाली रात मुकेश ने लोहे की राड मार कर दीपू की हत्या कर दी और भागने लगा, लेकिन अन्य साथियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं खून से लथपथ दीपू को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
ग्राम प्रधान विजय सिंह ने बताया कि घटना बहुत दुखद है. दीपू का परिवार बेहद गरीब है. उसका शव महाराष्ट्र से लाने में करीब 55 हजार रुपये खर्च बताया गया है. इस बाबत आसपास के लोगों ने मदद की है. हालांकि सूचना के बावजूद कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन से पहल नहीं की गई है. थानाध्यक्ष विशुनपुरा रामसहाय चौहान ने बताया कि मामला महाराष्ट्र का है. वहां मुकदमा पंजीकृत है.
दीपू के छोटे भाई ने बताया कि भाई ने दीपावाली की रात उससे कहा था कि इस बार आ नहीं पाया, लेकिन होली पर जरूर आऊंगा. तुम मन लगाकर पढ़ना. पिता ने कहा कि दीपू पढ़ाई छोड़ हमारे कर्ज को चुकाने और बहन की शादी के लिए कमाने गया था. हर महीने पैसे भेजता था, लेकिन अब हम सब फिर बेसहारा हो गए हैं. दीपू महाराष्ट्र पुणे के पिंपरी चिंचवड थाना क्षेत्र स्थित वीकेवी ऑटोमोटिव कंपनी में कार्य करता था.
पुणे से गांव पहुंचा दीपू का शव
दीपू का शव सोमवार की दोपहर में गांव पहुंचा. दीपू का शव जैसे ही गांव मे एम्बुलेंस से पहुंचा तो चीख पुकार मच गई. ग्रामीण पीड़ित परिवार को दिलासा दे रहे थे. गरीब परिवार के जवान बेटे का निर्ममता से हत्या जिसने भी जाना वह खुद को रोक नहीं पाया. हजारों लोगों के बीच परिजनों ने बेटे का अंतिम संस्कार किया. गांव के कुछ युवाओं ने पीड़ित परिवार के सहयोग के लिए 66 हजार रुपये इकठ्ठा कर दिए. इसके साथ ही आरोपी को सजा दिलाने के लिए युवाओं ने हर सम्भव मदद का भरोसा भी दिया.