कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर में कलाकृति भवन के सौजन्य से गांधी शिल्प बाजार का आयोजन किया जा रहा है. जो 31 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है. यहां पर देश के अलग-अलग राज्यों से 70 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे हुए हैं और अपने हाथ से बने हुए सामान का यहां पर स्टॉल लगाए हुए हैं. ऐसे ही एक शिल्पकार फतेहपुर सीकरी से पहुंचे हैं. जो पत्थर पर आर्ट का काम करते हैं.
स्टोन कार्विंग आर्ट: शिल्पकार सोनू ने कहा कि वह फतेहपुर सीकरी से कुरुक्षेत्र के शिल्प बाजार में पहुंचे हैं. वह स्टोन कार्विंग आर्ट लेकर पहुंचे हैं. जहां पत्थरों पर कलाकृतियां बनाई जाती है. उनको काटकर उनका नया रूप दिया जाता है. यह येलो मार्बल पर बनाए जाते हैं. जो अपने आप में काफी अनोखा और मजबूत पत्थर होता है. इस आर्ट के नाम से ही उनका गांव फतेहपुर सीकरी जाना जाता है.
पूरा गांव करता है स्टोन कार्विंग आर्ट: सोनू ने बताया कि उनके दादा परदादा के समय से वह इस आर्ट पर काम करते आ रहे हैं. फतेहपुर सीकरी गांव इसी आर्ट के चलते पूरे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है. यहां पर एक विशेष प्रकार का पत्थर पाया जाता है. उस पत्थर को ही उन्होंने अपना रोजगार बनाया है. पूरा गांव इस आर्ट पर काम करता है और अपनी कलाकृति और ज्यादा सही तरीके से निखारता है.
नेशनल अवार्ड से हो चुके सम्मानित: शिल्पकार सोनू ने बताया कि वह इसमें काफी महारत हासिल किए हुए हैं. इस आर्ट की वजह से उनके पिता और दादा को कई राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं. वह देश के अन्य राज्यों में जाते रहते हैं. अपनी कला का प्रदर्शन करते रहते हैं. इतना ही नहीं, वह इतने अच्छे हैंडीक्राफ्ट बनाते हैं कि भारत के साथ-साथ विदेशों में भी उनके हाथ से बने हुए चीजों की डिमांड रहती है.
मेहनत और समय लगाकर बनता है आर्ट: उन्होंने कहा कि यहां पर 50 से ज्यादा किस्म के आइटम लेकर शिल्पकार पहुंचे हैं. जिसमें उनकी मुख्य आइटम मुगल हांडी और कैनवास है. इसके साथ-साथ उनके हर एक चीज काफी एंटीक होती है. उनकी आर्ट को वह सुधारने के लिए लगातार इस पर काम करते हैं. समय-समय पर वह ट्रेनिंग भी लेते रहते हैं. वह पत्थर के एक पीस या टुकड़े पर ही अपने आर्ट को डिजाइन देते हैं. कहीं तो उनकी ऐसी आर्ट है, जहां हाथी के अंदर साथी उल्लू के अंदर उल्लू उन्होंने बनाया हुआ है. जो देखने में भी काफी अनोखी है और बनाने में भी काफी समय लग जाता है.
![Kurukshetra Gandhi Crafts Market](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-02-2025/23499577_kkkk2_aspera.jpg)
लोगों का मिल रहा रिस्पांस: शिल्पकार सोनू ने बताया कि यहां पर उनका विशेष तौर पर गांधी शिल्प बाजार के लिए आमंत्रित किया गया है. वह सरकार द्वारा रजिस्टर्ड शिल्पकार हैं. देश में जितने भी बड़े-बड़े शिल्प बाजार लगते हैं. वहां पर उनको बुलाया जाता है. जहां पर वह अपने हाथों से बनाए गए चीजों की प्रदर्शनी लगाते हैं. यहां आने के लिए सरकार ने ही उनका सारा खर्च उठाया है. लोग भी उनकी चीजों को खूब खरीद रहे हैं.
![Kurukshetra Gandhi Crafts Market](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-02-2025/23499577_kkkk1_aspera.jpg)
प्रोडक्ट की कीमत: प्रोडक्ट की कीमत 500 से लेकर 8 हजार तक रखी गई है. उन्होंने बताया कि उनका पूरा गांव इसी शिल्प कला के चलते पूरे भारत में प्रसिद्ध है. फतेहपुर सीकरी को इस आर्ट के रूप में जाना जाता है. उनके परिवार में करीब 70 लोग हैं. जो इसी काम पर लगे हुए हैं. उनका परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा गांव इसी आर्ट पर काम कर रहा है और अपनी अलग पहचान बना रहा है.
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