बड़वानी/धार: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा पट्टी के कई ऐसे गांव हैं, जो बड़वानी जिले के पास हैं, लेकिन उनका जिला मुख्यालय धार है. इसके कारण यहां के लोगों को करीब 120 किमी सफर कर सरकारी काम कराने जाना पड़ता है. जबकि बड़वानी बिल्कुल नजदीक है. बीते दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खरगोन में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक ली थी. इसमें उन्होने जिलों के पुनर्निर्धारण के लिए जल्द कमेटी बनाने के लिए कहा था. लोगों ने मांग की है कि अगर नर्मदा पट्टी से लगे गांवों को बड़वानी जिले में जोड़ दिया जाए तो लोगों को सुविधा होगी.
बड़वानी से मात्र 38 व धार से 120 किमी दूर है कुक्षी तहसील
भाजपा जिला महामंत्री विक्रम चौहान ने बताया, '' बड़वानी जिले से कुक्षी मात्र 38 किमी है, जबकि उसका जिला मुख्यालय धार 120 किमी दूर है. ऐसे में इस तहसील के लोगों को प्रशासनिक काम के लिए 120 किमी का सफर करना पड़ता है. इससे लोगों को समय के साथ अधिक राशि भी खर्च करना पड़ती है. वैसे कुक्षी और मनावर के रहवासी खरीददारी सहित अन्य कार्यों के लिए बड़वानी ही आते हैं. क्योकि बड़वानी वहां से नजदीक पड़ता है.''
गलत सीमांकन के कारण धार जिले में शामिल हुए कई गांव
चिखलदा निवासी अरुण यादव ने बताया, ''धार जिले में ऐसे कई स्थान हैं, जो बड़वानी से नजदीक हैं, लेकिन गलत सीमांकन के कारण वह दूसरे जिले में चले गए हैं. अगर इन गांवों को बड़वानी जिले से जोड़ दिया जाए तो लोगों को सुविधा होगी. साथ ही आवागमन सुगम हो जाएगा. राजघाट पर नया पुल बनने से कुक्षी की दूरी भी 15 किमी कम हो जाएगी.'' नर्मदा के बैंक वाटर के कारण राजघाट स्थित पुराना पुल साल में करीब छह माह डूबा हुआ रहता है.
पुल बनने से कम होगी दूरी
इसी वजह से धार जिला मुख्यालय जाने के लिए लोगों को बड़वानी बाईपास से कसरावद पुल होकर जाना पड़ता है, जिससे कई गांवों की दूरी बढ़ जाती है. राजघाट पर पुल का निर्माण कर दिया जाए तो यहां से कुक्षी की दूरी 15 किमी कम हो जाएगी. साथ ही निसरपुर व कड़माल गांव भी सीधे बड़वानी से जुड़ जाएंगे. धार जिले के ग्रामीणों ने बताया कि निसरपुर व कड़माल धार जिले में आता है. जबकि राजघाट का पुल पार करने पर मात्र 10 किमी का सफर तय कर बड़वानी पहुंच जाते थे. अब पुराना पुल डूबने से लोगों को परेशानी आ रही है.
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मनावर से जुड़ने के लिए नर्मदा पर पुल की दरकार
वर्तमान में बड़वानी से मनावर जाने के लिए लोगों को करीब 50 किमी का सफर तय करना पड़ता है, जबकि छोटा बड़दा गांव में लोग नाव से नर्मदा पार कर सीधे मनावर पहुंच जाते हैं. इसके लिए मात्र 10 मिनट का समय लगता है. अगर छोटा बड़दा गांव में नर्मदा नदी पर पुल का निर्माण कर दिया जाए तो आसपास के कई गांव सीधे बड़वानी जिले से जुड़ जाएंगे. लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. वर्तमान में लोग नाव से जोखिम उठाकर खतरों का सफर करने के लिए मजबूर हैं.