जयपुर : श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शहर वासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लोग अपने घरों में विराजमान लड्डू गोपाल जी के लिए रंग-बिरंगी पोशाकें और आभूषण लेने के लिए बाजारों में पहुंच रहे हैं. खास बात ये है कि इस बार आर्टिफिशियल आभूषणों के अलावा चांदी के मुकुट, बांसुरी, मालाएं और अन्य साज सामान भी बाजार में मौजूद हैं. साथ ही ऑर्डर पर सोने के आभूषण भी तैयार किए जा रहे हैं.
ऑर्डर देकर सोने के आभूषण बनाए जा रहे : जन्माष्टमी का पर्व नजदीक आ गया है. 26 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. ऐसे में हर कोई अपने घर में विराजित लड्डू गोपाल जी का शृंगार करने को भी आतुर है. श्रद्धालु बाल गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करने के बाद उनका शृंगार करने के लिए नई-नई पोशाक और आभूषण लेने बाजारों में पहुंच रहे हैं. इस बार बाजार में ठाकुर जी की रंग-बिरंगी पोशाकों के साथ विभिन्न रंगों में आभूषण भी मौजूद हैं. न सिर्फ आर्टिफिशियल ज्वेलरी बल्कि बाजार में चांदी के सिंहासन, पालने, मुकुट, बांसुरी, बाजूबंद, पाजेब, लटकन, छड़ी और अन्य आभूषण भी मौजूद हैं. इसके अलावा नाप से ऑर्डर देकर सोने के आभूषण भी तैयार किए जा रहे हैं.
चांदी का पूरा सेट 1700 रुपए : ज्वेलर रत्नेश सोनी ने बताया कि शहरवासी अपने भाव के अनुसार अपने लड्डू गोपाल जी को सजाते हैं. ऐसे में इस बार चांदी की ज्वेलरी की भी खास डिमांड है. इसमें भगवान के तमाम आभूषणों का सेट भी बनाया गया है और ये अलग-अलग भी उपलब्ध हैं. विशेष स्टोन वाले मुकुट भी तैयार किए गए हैं, जो विभिन्न ग्राम में उपलब्ध हैं. चांदी का पूरा सेट 1700 रुपए से लेकर ग्राम के अनुसार मौजूद है. वहीं, ज्वेलर सीताराम शर्मा ने बताया कि लोग प्रमुख रूप से मुकुट, माला और बांसुरी लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
बाजार में चांदी के भी झूले उपलब्ध : बाजारों में लड्डू गोपाल जी के लिए हरे, पीले, लाल और अन्य कई रंगों में पोशाक विभिन्न वैरायटी में मौजूद हैं. इसी के साथ उनके लिए मोर मुकुट, संगीत और लीला की याद दिलाने वाली छोटी बांसुरी, बाजूबंद, कंगन, कान के कुंडल भी मौजूद हैं. कुछ लोग उनके प्रति अपनी भक्ति और प्रेम की भावना को प्रकट करने के लिए पुष्प से भी शृंगार करने वाले हैं. शृंगार पूरा होने के बाद लड्डू गोपाल जी को झूले में बैठाने की भी एक परंपरा है, जिसके लिए लकड़ी के अलावा बाजार में चांदी के भी झूले मिल रहे हैं.
डिजाइनर झूले और मुकुट : पोशाक और आभूषणों के अलावा लोग ठाकुर जी के लिए पुष्प, छड़ी, पगड़ी, तिलक और प्राकृतिक इत्र भी खरीदने पहुंच रहे हैं. इसके अलावा बाजारों में मोर पंख से बने हुए डिजाइनर झूले और मुकुट भी डिमांड में हैं. बहरहाल, लोग लड्डू गोपाल जी को अपने घर का सदस्य ही मानते हैं और जिस तरह घर के सदस्य का जन्मदिन मनाते हैं, उसी तरह से जन्माष्टमी मनाने के लिए भी उत्साहित हैं.