कोटा. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी कोटा के स्टूडेंट्स ने बुधवार को मैस में खाना नहीं देने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. सभी छात्रों ने क्लासेस का बहिष्कार किया और कैंपस में आकर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की. वहीं, ट्रिपल आईटी कोटा के कोऑर्डिनेटर प्रो. एके व्यास का कहना है कि स्टूडेंट्स के छोटे-मोटे मुद्दे थे. सभी को समझा दिया है. सभी मुद्दों का समाधान भी कर दिया है. आने वाले दिनों में सभी समस्याओं से निजात मिल जाएगी.
700 से ज्यादा विद्यार्थी हॉस्टल में : दरअसल, बीते साल से कोटा के ट्रिपल आईटी कैंपस रानपुर में क्लासेस लग रही हैं, जो बीते 10 सालों से जयपुर एमएनआईटी परिसर में संचालित हो रहीं थी. बुधवार को बड़ी संख्या में स्टूडेंट ने प्रोटेस्ट किया और क्लासेस का बहिष्कार किया. सभी छात्र कैंपस की एडमिनिस्ट्रेटिव कम एकेडमिक बिल्डिंग के अंदर आकर बैठ गए. स्टूडेंट्स का आोरप है कि उनको मैस वाले ने दोपहर का खाना नहीं दिया. इस कैंपस में वर्तमान में 700 से ज्यादा विद्यार्थी रह रहे हैं. यह सभी बीटेक फर्स्ट, सेकंड और थर्ड ईयर के छात्र हैं.
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विद्यार्थियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 6 महीने से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. आरोप है कि मैस पर जब खाना खाने के लिए पहुंचे तो मैस संचालक ने मना कर दिया. उनसे कहा गया कि आज खाना नहीं बना है, क्योंकि 3 महीने का भुगतान नहीं हुआ है. छात्रों का कहना है कि कॉलेज शुरू हुए 6 महीने हो गए हैं. सभी विद्यार्थियों ने सेमेस्टर फीस के साथ ही मैस और हॉस्टल का पैसा भी जमा करा दिया है.
छात्रों ने उठाए ये मुद्दे :
- मैस में हाइजीन, फैकल्टी क्रंच और मेडिकल फैसिलिटी हो
- साफ पीने के पानी की व्यवस्था
- इंस्टीट्यूट में परमानेंट फैकल्टी की कमी
- कैंपस के नजदीक इंडस्ट्रियल एरिया होने से प्रदूषण. मेडिकल फैसिलिटी नहीं.
- स्टूडेंट का यह भी कहना है कि ऑडिटोरियम में एक पिलर और क्लास रूम की छत विद्यार्थियों के ऊपर उद्घाटन के दिन ही गिर गई थी. बिल्डिंग को भी मेंटेन करवाया जाए.
- सेमेस्टर की फीस 1 लाख से ज्यादा है. इसमें कॉलेज में स्पोर्ट्स और अन्य एक्टिविटी का पैसा लिया जाता है. ऐसे में यह सुविधा भी शुरू की जाए. इसके अलावा कैंपस में जनरल स्टोर भी नहीं है. ऐसे में बच्चों को दूर जाना होता है.
- विद्यार्थियों की यह भी मांग है कि कॉलेज में जनरेटर लगाया जाए, ताकि बिजली जाने पर ऑनलाइन क्लास मिस न हों.
- इंस्टीट्यूट में हॉस्टल, स्पोर्ट्स और अन्य मैनेजमेंट के लिए कोई अथॉरिटी नहीं है. ऐसे में सारा काम फैकल्टी को करना होता है.
- इंटरनेट की लेन में भी कई बार प्रॉब्लम आ जाती है.