कोरिया : शहर के तालाबों को सुंदर बनाने के लिए कोरिया नगर पालिका लाखों रुपए खर्च कर चुकी है. बावजूद इसके लोगों को इसका कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर के सभी तालाबों की हालत बेहद खराब है. कई तालाबों में जलकुम्भी और कमल पौधे की जड़ों का जाल फैला हुआ है. तालाब के तट प्लास्टिक और कचरे से पटे हुए हैं.
शहर के सभी तालाब बदहाल : बस स्टैंड के पास प्रेमाबाग तालाब के सौंदर्यीकरण पर बीते साल नगर पालिका ने 36 लाख रुपए खर्च किया था. सालभर भी नहीं बीता और तालाब गंदगी से पटा पड़ा है. यही हाल बाजारपारा के जोड़ा तालाब का है. श्रीराम मंदिर तालाब और जेल तालाब दोनों में प्लास्टिक और कचरा पानी तट पर जमा है. प्रेमाबाग तालाब के किनारों पर नगर पालिका ने पेबर ब्लॉक, रेलिंग, बेंच और लाइटिंग लगाकर रंग रोंगन कार्य कराया था. सालभर में ही यहां की लैंप लाइट टूट गई है. तालाब तट की सफाई नहीं होने से गंदगी फैल गई है. तालाब का पानी भी गंदा है.
गंदगी से पटी हुई है तालाब : बाजारपारा के जोड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण पर भी नगर पालिका का ध्यान नहीं है. श्रीराम मंदिर तालाब, जहां छठ पूजा समेत श्रद्धालु अन्य धार्मिक अनुष्ठान पूरा करते हैं, वह बाजार की गंदगी से भरा पड़ा है. जबकि तालाब के बाहर नगर पालिका के जुर्माना वाला चेतावनी बोर्ड भी लगा है. यही हाल बाजारपारा में जेल तालाब का है. तालाब गंदगी से पटी हुई है, जबकि दोनों तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण पर 4 साल पहले करीब 70 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च की गई थी. बाजारपारा में जेल तालाब पूरी तरह से कमल के पौधों से पट चुका है. तालाब में पानी दिखाई ही नहीं दे रही है. नगर पालिका ने इस साल तालाब की सफाई अब तक शुरू नहीं की है.
"श्रीराम मंदिर में छठ पूजा होती है. श्रम दान कर सफाई भी होती है. नगर पालिका को चाहिए कि महीने में एक बार यहां सफाई कराई जाए. 6 साल के अंदर जेल तालाब में सौंदर्यीकरण पर 60 लाख रुपए खर्च हुए हैं." - अनुराग दुबे, समाजसेवी
नगर पालिका के दावों पर उट रहे सवाल : शहरवासियों का कहना है कि 5 साल के भीतर तालाब का दो बार सौंदर्यीकरण किया गया. इस काम के लिए करीब 40 लाख रुपए से अधिक खर्च किए गए. बावजूद इसके तालाब आकर्षण का केंद्र नहीं बन सका. जबकि कोरिया नगर पालिका ने दावा किया था कि सौंदर्यीकरण के बाद यह तालाब शहरवासियों के घूमने का एक बेहतर स्थान बनेगा. तालाब तट पर चौपाटी बनाने का दावा था, जहां लोग शाम का वक्त बीता सकेंगे, लेकिन यह बदहाल पड़ा है." -
प्रेमाबाग तालाब में अब नहीं आते लोग : बस स्टैंड के पास प्रेमाबाग तालाब का 25 लाख रुपए से घाट निर्माण और करीब 8 लाख रुपए से सौंदर्यीकरण हुआ था. राजधानी के मरीन ड्राइव की तर्ज पर निर्माण कार्य पूरा कराने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. शाम के वक्त अब यहां लोगों ने भी आना बंद कर दिया है. तालाब की सुंदरता और रंग रोंगन कार्य भी अब बदहाल हो चला है.
गंदे पानी से मछली पालन संभव नहीं : आसपास के कुछ मछुआरे तालाब में मछली पालन भी करते हैं. यहां तालाब में सालभर पानी रहता है, लेकिन तालाब के करीब 90 फीसदी हिस्से में कमल की जड़ों का जाल फैल चुका है. इससे पानी पूरी तरह दूषित हो गया है और पानी की सतह के साथ तल में भी गंदगी जमा हो गई है. कमल के फैलने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आने से जलजीवों पर खतरा बना हुआ है.
कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के संकेत: कलेक्टर कोरिया विनय कुमार लंगेह ने कहा, "आपके माध्यम से मामला मेरे संज्ञान में आया है कि तालाब सौंदर्यीकरण पर 36 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. मामले में नगर पालिका सीएमओ से रिपोर्ट मंगाएंगे कि राशि का उपयोग किस-किस मद में हुआ है, यदि राशि का सही ढंग से उपयोग नहीं हुआ है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी."
पिछले कुछ सालों में इन तालाबों को संवारने में करोंड़ों रुपए फूंक दिए गए. लेकिन स्थित जस की तस बनी हुई है. कलेक्टर जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं. लेकिन इन तालाबों की सफाई और सौंदर्यीकरण कब होगा, यह कह पाना मुश्किल है. अब देखना होगा कि आगे कोरिया नगर पालिका इस दिशा में क्या कदम उठाती है.