सरगुजा : अम्बिकापुर से रेनुकूट रेल लाइन का सर्वे कंप्लीट हो चुका है. जल्द ही अम्बिकापुर से बरवाडीह, अम्बिकापुर से रेनुकूट और अम्बिकापुर से म्योर तक का रेल लाइन की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड के सामने होगी. उम्मीद की जा रही है कि इनमें से किसी एक मार्ग पर रेल लाइन निर्माण की स्वीकृति मिल जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो वर्षो से रेल सुविधाओं से वंचित सरगुजा को एक साथ दो बड़ी सौगात मिलेगी. अम्बिकापुर से रेनुकूट तक रेल लाइन का सर्वे होने के साथ ही रेल मंत्रालय ने अम्बिकापुर से कोरबा तक रेल लाइन के सर्वे की स्वीकृति दे दी है.
अंबिकापुर कोरबा रेललाइन से क्या होगा फायदा : अंबिकापुर से कोरबा रेल लाइन अगर बन जाती है तो इससे सरगुजा वासियों के लिए राजधानी रायपुर जाना बेहद आसान हो जाएगा. वहीं कोरबा सहित अम्बिकापुर से रेनुकूट रेल लाइन भी बन गई तो रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्से के लोगों को बनारस और उत्तरप्रदेश के दूसरे शहरों में आने जाने में काफी आसानी हो जाएगी. वर्तमान में अम्बिकापुर से रायपुर जाने के लिए करीब 12 से 13 घंटे का समय लगता है. ट्रेन पहले मध्यप्रदेश जाती है. फिर अनूपपुर जंक्शन से वापस छत्तीसगढ़ में प्रवेश करती है. लेकिन कोरबा रेल लाइन बनने से रायपुर तक का सफर आधे समय में करीब 6 घंटे में ही तय किया जा सकेगा.
अम्बिकापुर बरवाडीह नई रेल लाइन
लागत : 9030 करोड़
FIRR : -0.52% (नकारात्मक)
EIRR : 3.81% (बहुत कम)
-0.52% हानि (अम्बिकापुर बरवाडीह)
- बहुत ज्यादा सड़क मार्ग ट्रैफिक नहीं है
- इस क्षेत्र की आबादी तुलनात्मक तौर पर कम है.
- इस मार्ग में यात्रा करने वाले या मालवाहक गाड़ियों का परिचालन कम है.
-इसी कारण EIRR न्यूनतम 14% भी नहीं आ रहा है
अम्बिकापुर बरवाडीह लाइन से सरकार को हर वर्ष कुल खर्च का -0.52% हानि होगी. जबकि अम्बिकापुर रेनुकूट मार्ग में लगभग 15% का लाभ होगा. अम्बिकापुर रेणुकूट रेलमार्ग का EIRR 19.50% है जो कि तय मानक से 5.50% ज्यादा है. यानी यह मार्ग इन सभी शर्तों के अनुकूल है, जबकि बरवाडीह मार्ग का EIRR मात्रा 3.81% है, यानी लगभग कोई भी शर्तें पूरी नहीं हो रही.
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