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कोडरमा का ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं को बना रहा हुनरमंद, फ्री में दी जाती है 64 तरह की ट्रेनिंग - Training of rural women

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 13, 2024, 5:42 PM IST

Training of rural women. कोडरमा का ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं को हुनरमंद बना रहा है. यहां महिलाओं को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. यहां कुल 64 तरह की ट्रेनिंग दी जाती है.

Training of rural women
ट्रेनिंग के दौरान महिलाएं (ईटीवी भारत)

कोडरमा : जिले का ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान न सिर्फ महिलाओं को हुनरमंद बना रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है. इस संस्थान में महिलाओं को 64 तरह की ट्रेनिंग देकर उन्हें सर्वगुण संपन्न बनाया जाता है.

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं को बना रहा हुनरमंद (ईटीवी भारत)

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मनोहर निराला ने बताया कि इस ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग लेने वाली सभी महिलाएं और छात्राएं ग्रामीण इलाकों से चुनी गई हैं. फिलहाल इन्हें ब्यूटीशियन का 30 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा इस संस्थान के जरिए ग्रामीण महिलाओं को मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सिलाई, बुनाई, अचार-पापड़ बनाने और मोबाइल रिपेयरिंग जैसे 64 कलाओं​ ​की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी सहयोग दिया जाता है.

भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित इस संस्थान का संचालन कोडरमा की अग्रणी बैंक शाखा बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. प्रशिक्षु महिलाओं ने बताया कि यहां आने वाली महिलाओं और छात्राओं को आवासीय प्रशिक्षण के दौरान हर तरह की सुविधा प्रदान की जाती है. रहने-खाने से लेकर प्रशिक्षण के दौरान सभी आवश्यक संसाधन संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं.

वहीं प्रशिक्षक सबिता पोद्दार ने बताया कि संस्थान के माध्यम से न केवल महिलाओं को हुनरमंद बनाया जाता है, बल्कि उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए आवश्यक पहल भी की जाती है. हुनरमंद महिलाओं को रोजगार के लिए बैंकों से ऋण भी मुहैया कराया जाता है. इसके साथ ही समय-समय पर इस संस्थान के प्रशिक्षक महिलाओं को आत्मनिर्भरता का पाठ भी पढ़ाते हैं.

पिछले वित्तीय वर्ष में भी इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली शत-प्रतिशत महिलाओं एवं छात्राओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया था तथा इस वर्ष भी शत-प्रतिशत सफलता का लक्ष्य रखा गया है. कुछ कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए चयनित किया जाता है, जहां चयन के बाद उन्हें प्रशिक्षण के दौरान हर तरह की सुविधा निःशुल्क दी जाती है. प्रशिक्षित होकर हुनरमंद बनने के बाद उन्हें रोजगार के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाते हैं.

यह भी पढ़ें: कोडरमा में महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, बेटियों को तलवारबाजी और लाठीबाजी में बनाया जा रहा निपुण - Fencing And Stick Fight Training

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यह भी पढ़ें: युवाओं को हुनरमंद बनाएगा कौशल रथ, मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

कोडरमा : जिले का ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान न सिर्फ महिलाओं को हुनरमंद बना रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है. इस संस्थान में महिलाओं को 64 तरह की ट्रेनिंग देकर उन्हें सर्वगुण संपन्न बनाया जाता है.

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं को बना रहा हुनरमंद (ईटीवी भारत)

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मनोहर निराला ने बताया कि इस ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग लेने वाली सभी महिलाएं और छात्राएं ग्रामीण इलाकों से चुनी गई हैं. फिलहाल इन्हें ब्यूटीशियन का 30 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा इस संस्थान के जरिए ग्रामीण महिलाओं को मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सिलाई, बुनाई, अचार-पापड़ बनाने और मोबाइल रिपेयरिंग जैसे 64 कलाओं​ ​की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी सहयोग दिया जाता है.

भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित इस संस्थान का संचालन कोडरमा की अग्रणी बैंक शाखा बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. प्रशिक्षु महिलाओं ने बताया कि यहां आने वाली महिलाओं और छात्राओं को आवासीय प्रशिक्षण के दौरान हर तरह की सुविधा प्रदान की जाती है. रहने-खाने से लेकर प्रशिक्षण के दौरान सभी आवश्यक संसाधन संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं.

वहीं प्रशिक्षक सबिता पोद्दार ने बताया कि संस्थान के माध्यम से न केवल महिलाओं को हुनरमंद बनाया जाता है, बल्कि उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए आवश्यक पहल भी की जाती है. हुनरमंद महिलाओं को रोजगार के लिए बैंकों से ऋण भी मुहैया कराया जाता है. इसके साथ ही समय-समय पर इस संस्थान के प्रशिक्षक महिलाओं को आत्मनिर्भरता का पाठ भी पढ़ाते हैं.

पिछले वित्तीय वर्ष में भी इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली शत-प्रतिशत महिलाओं एवं छात्राओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया था तथा इस वर्ष भी शत-प्रतिशत सफलता का लक्ष्य रखा गया है. कुछ कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए चयनित किया जाता है, जहां चयन के बाद उन्हें प्रशिक्षण के दौरान हर तरह की सुविधा निःशुल्क दी जाती है. प्रशिक्षित होकर हुनरमंद बनने के बाद उन्हें रोजगार के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाते हैं.

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