अलवर: गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व शहर के केंद्रीय विद्यालय स्कूल के खेल मैदान में भारतीय सेना की ओर से मेले का आयोजिन किया गया. इस मेले के आयोजन के पीछे सेना का कारण था कि शहरवासी भारतीय सेना और उनके कौशल व आधुनिक हथियारों के बारे में जानें. इसके चलते इस आयोजन की थीम 'नो योर आर्मी' रखा गया. इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने किया. इस दौरान बड़ी संख्या में शहरवासी भी आयोजन में पहुंचे. यहां पर सेना के अधिकारियों की ओर से जवानों के बहादुरी के किस्से भी सुनाए गए.
भारतीय सेना की ओर से आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन में जनता की भागीदारी मिलती है और ऐसे आयोजन बच्चों की भी देश सेवा के लिए प्रेरित करते हैं. ऐसे आयोजन से बच्चों के मन में देश के प्रति जज्बा, प्रेम व कर्तव्य का भाव पैदा होता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन का वे स्वागत करते हैं. भारतीय सेना की ओर से आयोजित इस आयोजन के दौरान सेना में शामिल डॉग्स ने अपना कौशल दिखाया, जिस पर स्कूली बच्चों व अन्य लोगों ने तालिया बजाई. वहीं सेना के अधिकारियों के साथ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक-एक शस्त्रों के बारे में जानकारी ली.
सेना के हाथियों की लगी प्रदर्शनी: सेना के नायब सूबेदार सुखपाल सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में अलवर में नो योर आर्मी मेला आयोजित किया गया है. इसके अंतर्गत अलवर मिलिट्री स्टेशन पर जो भी अस्त्र-शस्त्र है, उन्हें प्रदर्शित किया गया. जिससे शहरवासी भारतीय सेना के बारे में जाने और उनके आधुनिक व अत्य आधुनिक हथियारों के बारे में जानकारी पा सकें.
उन्होंने बताया कि यहां बहुत से हथियार प्रदर्शित किए गए हैं. जिनमें कई ऐसे हथियार हैं, जो भारत में ही बनाए गए हैं, जिन्हें समय-समय पर भारतीय सेना में शामिल किया गया. उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे उपकरण भी यहां रखे गए हैं, जिन्हें हेलीकॉप्टर द्वारा शत्रुओं पर भी गिराया जाता है. ऐसे शस्त्र पहाड़ी सीमा पर तैनात रहने वाले भारतीय सेना के जवानों के पास रहते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे शस्त्र भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें 1999 में भारतीय सेना के विजय ऑपरेशन में काम में लिया गया.