रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज गई है. राज्य बनने के बाद पहली बार सिर्फ दो फेज में चुनाव होने जा रहा है. 23 नवंबर को मतों की गिनती होनी है. वैसे तारीखों की घोषणा से पहले ही जंग छिड़ी हुई है. भाजपा ने रोटी, बेटी और माटी को हथियार बनाया है. आधी आबादी को साधने के लिए गोगो दीदी योजना के तहत हर माह 2100 रु. और 500 रु. में गैस सिलेंडर देने का वादा किया गया है. युवाओं को साथी भत्ता के साथ-साथ सरकारी पदों को भरने का भरोसा दिलाया गया है. इसके अलावा बांग्लादेशी घुसपैठ का हवाला देकर खतरे में पड़ी आदिवासी अस्मिता की दुहाई दी जा रही है.
बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा नहीं चलेगाः बैजनाथ मिश्रा
अब सवाल है कि क्या यह मुद्दा राज्य सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. सरकार इस हमले का जवाब किस रूप में दे सकती है. वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्रा का कहना है कि डेमोग्राफी में बदलाव क्या पांच वर्षों में हो गया है. क्या जब बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास मुख्यमंत्री थे, तब डेमोग्राफी नहीं बदली थी. यह मुद्दा नहीं चलेगा. यहां रोटी, माटी और बेटी वाला मुद्दा जरुर चलेगा. इसका कारण भी है. माटी का मतलब है जमीन घोटाला से. यहां सरकार की जमीन तक बेची गई है. बेटियों की अस्मत सुरक्षित नहीं है. छेड़खानी और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं. रोटी के लिए पलायन हो रहा है. इसको रोकने में सरकार विफल साबित रही है. अब यह निर्भर करता है कि सरकार अपना बचाव कैसे करती हैं. फिलहाल, सरकार के पास मंईयां योजना और मुफ्त बिजली ही है. इससे ज्यादा तो कुछ है नहीं.
घुसपैठ पर भाजपा कर रही है चौतरफा घेराबंदी
20 सितंबर को साहिबगंज में परिवर्तन यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि आप झारखंड में सरकार बदल दो, मैं एक-एक घुसपैठिए को चुन चुनकर बाहर कर दूंगा, उल्टा लटकाकर सीधा कर दूंगा. भाजपा की दलील है कि संथाल में आदिवासी जनसंख्या 44 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है. वोट बैंक के डर से यहां की सरकार घुसपैठियों को नहीं रोक रही है. 2 अक्टूबर को हजारीबाग में भाजपा की परिवर्तन रैली में पीएम मोदी कह चुके हैं कि हमें झारखंड की रोटी, बेटी और माटी को बचाना है. इस मसले पर हाईकोर्ट की चिंता का हवाला दे चुके हैं.
इधर झामुमो से भाजपा में आए कोल्हान टाइगर चंपाई सोरेन मांझी परगना सम्मेलन बुलाकर आदिवासी समाज से सीधा संवाद कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि मां, बहन, बहू, बेटी की तरफ बुरी नजर से देखने वालों की आंखें फोड़ दी जाएंगी. वहीं असम के सीएम और झारखंड भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा इस मसले पर मुखर रहे हैं. वह कहते रहे हैं कि असम में भी घुसपैठ हुई है. उनकी सरकार चिन्हित कर डिपोर्ट कर रही है. आदिवासी हित में हेमंत सरकार को भी कड़ा स्टैंड लेने की जरुरत है.
घुसपैठ रोकना केंद्र का काम - सत्ता पक्ष
इस मसले पर सत्ता पक्ष का साफ कहना है कि झारखंड में कोई बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं हुई है. अगर हुई है तो इसको रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. यह काम बीएसएफ का है. सीएम हेमंत सोरेन समेत सत्तापक्ष के सभी नेताओं का कहना है कि भाजपा के लोग अपनी गलती का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ना चाहते हैं. लेकिन झारखंड के लोग मिलजुलकर रहना जानते हैं. उनको कोई नहीं बहका सकता है.
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