शिमला: आज के आधुनिक दौर में बदलते लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में गलत खानपान का चलन बढ़ रहा है, जो हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है. डॉक्टरों की माने तो गलत खानपान के कारण दिन प्रतिदिन हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है. अब युवाओं में भी हार्ट अटैक की प्रतिशता बढ़ती जा रही है. ऐसे अगर समय रहते आप अपने शरीर में हो रहे बदलाव और लक्षणों को गंभीरता से लेते हैं और डॉक्टरों की परामर्श के अनुसार खुद का ख्याल रखते हैं तो आप हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं.
इन लक्षणों से हार्ट अटैक की होती है पहचान: हार्ट अटैक होने से पहले शरीर आपको सिंगल देता है. जिसके लक्षण से आप इस पहचान सकते हैं. अगर आपके सीने में असहज दबाव, दर्द, सुन्नता, निचोड़न, दर्द, सर्वाइकल पेन, कंधे में दर्द या बाएं बाजू में दर्द हो तो इसे अनदेखा नहीं करें. अगर यह बेचैनी आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल रही है तो आप सचेत हो जाएं और जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचें.
बिना काम किए ही थकान होना हार्ट अटैक का अलार्म: आईजीएमसी शिमला में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर पीसी नेगी ने कहा कि बगैर किसी मेहनत या काम के अगर थकान हो रही है. यह हार्ट अटैक अलार्म हो सकता है. अगर आपको दिन में कई बार चक्कर आ रहा है, उल्टी जैसा महसूस हो रहा है और आप असहज महसूस कर रहे हैं तो यह भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है. अगर आपको सांस लेने में किसी प्रकार का अंतर लग रहा है या सांस फूल रही है तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है.
अपने खानपान का रखें विशेष ख्याल: डॉक्टर पीसी नेगी ने बताया कि पिछले चार पांच सालों से जिनकी उम्र 40 के करीब है, ऐसे युवा 8 फीसदी हमारे पास इलाज करवाने आ रहे हैं. उन्होंने कहा की पहले यह बीमारी 60 से 70 वर्ष की उम्र के लोगों की होती थी. लेकिन अब ये बीमारी युवाओं में भी बढ़ती जा रही है. क्योंकि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं है. जब आपकी उम्र 40 के पास हो जाए तो आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दे.
अपने शरीर की जांच करानी चाहिए: डॉक्टर पीसी नेगी ने बताया कि जिनका पारिवारिक इतिहास रहा है, उन्हें 25 साल की उम्र में और अन्य लोगों को 30 साल की उम्र तक अपने पूरे शरीर की जांच करानी चाहिए. आधुनिक टेक्नोलॉजी और विज्ञान से आज के समय में मनुष्य की हेल्थ जन्मपत्री निकाल सकते हैं. इससे यह राहत होगी कि अगर कोई बड़ी बीमारी होगी तो इसका समय पर उपचार किया जा सकता है.
गतिहीन जीवनशैली भी मुख्य कारण: डॉक्टर पीसी नेगी ने कहा कि आज कल लोगों की गतिहीन जीवनशैली और गलत खानपान भी हृदय रोग के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है. दफ्तरों के काम को लेकर हद से अधिक स्ट्रेस, अपने डेली रूटीन का ख्याल ना रखना, बहुत कम सोना और जरूरत से ज्यादा शराब और सिगरेट पीने जैसी आदतें आपके दिल को बीमार बनाती जा रही है. पहले लोग फील्ड में बहुत काम किया करते थे, लेकिन अब लोग न तो काम करते हैं और न ही व्यायाम करते हैं. जिससे हमारी जीवन शैली काफी प्रभावित हो रही है. एक्सरसाइज की कमी के कारण मांसपेशियों के कम संकुचन से ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है. इससे हृदय वाहिकाओं में रक्त का संचार कम होता है, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है.
यूथ में भी बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा: डॉक्टर पीसी नेगी ने कहा कि 20 साल के यूथ को भी हार्ट अटैक आ रहें है. तंबाकू का सेवन हार्ट अटैक का प्रमुख कारण है, इसके अलावा बदला हुआ लाइफ स्टाइल भी इसके लिए जिम्मेदार है. युवाओं में नशे की लत भी एक सडन हार्ट अटैक का मुख्य कारण माना जा रहा है. हमें हर रोज आधा घंटा व्यायाम करना चाहिए. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. एक्सरसाइज करने के अलावा लगातार डॉक्टरों की निगरानी में अपना इलाज करवाना चाहिए. इसके अलावा ऐसी चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए, जिसके लिए डॉक्टर ने मना किया हो है. हार्ट अटैक आने पर जल्द से जल्द नजदीक के अस्पताल पहुंचना जरूरी है. ताकि मरीज का इलाज समय पर शुरू हो सके.
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