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Explainer: जानिए क्या है दिल्ली जल बोर्ड का मामला, ED ने भेजा अरविंद केजरीवाल को नोटिस

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 18, 2024, 6:12 PM IST

Delhi Jal Board Scam: ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में समन भेजकर सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. अरविंद केजरीवाल सोमवार को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए. जानिए क्या है मामला और इससे जुड़ी सभी बातें.

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नई दिल्ली: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक नए मामले में भी नोटिस दिया है. इससे कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह समन (नोटिस) जारी किया है.

दिल्ली जल बोर्ड में अवैध तरीके से शर्तें न पूरी होने के बावजूद एक कंपनी को टेंडर दिया गया था. इसके बदले जल बोर्ड के अधिकारियों ने मोटी रकम ली थी. इस मामले में जांच के लिए पिछले महीने ईडी ने आम आदमी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं व दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारियों के घर पर छापेमारी भी की थी. इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार पहले गिरफ्तार भी हो चुके हैं. ईडी ने इस मामले में पहली बार सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है. कैसे हुआ घोटाला, क्या है पूरा मामला, क्यों अरविंद केजरीवाल को ईडी ने नोटिस दिया. जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत का एक्सप्लेनेर..

सवाल : क्या है दिल्ली जल बोर्ड का पूरा मामला?

उत्तर : दिल्ली जल बोर्ड ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी को एक टेंडर दिया था. आरोप है कि कंपनी टेंडर के सारे मानदंडों को पूरे नहीं कर रही थी. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने रिश्वत लेकर कंपनी को टेंडर दिया. आरोप है कि टेंडर बढ़ी हुई दरों पर दिया गया, जिससे ठेकेदार से रिश्वत वसूली जा सके. टेंडर का मूल्य 38 करोड़ रुपये था. सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए, शेष राशि गबन कर ली गई. यह टेंडर कंपनी को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर लगाने और परीक्षण करने के लिए दिया गया था. रिश्वत का पैसा कई अधिकारियों के साथ आम आदमी पार्टी के चुनावी कोष में गया.

सवाल: मामले में पहले क्या कार्रवाई हुई है?

उत्तर: इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) जांच कर रही है. फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार के यहां छापेमारी भी हुई थी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य सुलभ कुमार, दिल्ली जल बोर्ड के कई अधिकारियों समेत अन्य लोगों के यहां छापेमारी हुई थी. मामले में मनी लांड्रिंग हुई है, इसे आधार बनाकर मामले की जांच की जा रही है.

इस मामले में ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेका लिया था. इसकी जानकारी जगदीश कुमार अरोड़ा को थी. आरोप है कि जगदीश अरोड़ा ने रिश्वत का पैसा नगद और बैंक खातों में लिया था. रिश्वत का पैसा विभिन्न लोगों में बांटा गया था.

सवाल: अरविंद केजरीवाल को किस आधार पर भेजा गया समन ?

उत्तर : दिल्ली जल बोर्ड के इस मामले में पहले सीबीआई ने एक प्राथमिक की दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी को जल बोर्ड का 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था. जबकि, कंपनी मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थी.

आरोप है कि रिश्वत का पैसा आम आदमी पार्टी के चुनावी कोष में गया था. इस तरीके से मनी लांड्रिंग की गई है. अब इस मामले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ करने और बयान दर्ज करने के नेटिस जारी किया है. सोमवार को मामले ईडी ने अरविंद केजरीवाल को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ईडी के कार्यलय नहीं गए.

सवाल: इस नोटिस से अरविंद केजरीवाल की कितनी मुश्किलें बढ़ सकती है ?

उत्तर : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में पहले से ईडी के रडार पर हैं. बार-बार नोटिस जारी कर ईडी अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुला रही है लेकिन वह नोटिस को गैरकानूनी बताते हुए नहीं जा रहे हैं. शनिवार को ईडी के इस नोटिस पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई.

इसके बाद ईडी ने फिर से शराब नीति घोटाले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया. साथ ही अरविंद केजरीवाल को नोटिस में दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया. लोकसभा चुनाव सर पर है. ऐसे में घोटाले के आरोप और बार-बार ईडी के नोटिस से अरविंद केजरीवाल की न सिर्फ छवि खराब होगी, बल्कि नुकसान भी होगा.

सवाल: क्या है शराब नीति घोटाला ?

उत्तर : दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना काल में आबकारी नीति 2021-22 लागू की गई थी. इस नीति को लागू करने में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है. इस नीति के कार्यान्वयन में अनियमितताओं की शिकायत दिल्ली के उपराज्यपाल से हुई थी. उपराज्यपाल ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई. हालांकि, बाद में नई शराब नीति आने के बाद इस शराब नीति को रद्द कर दिया गया था. मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं. अब तक इस मामले में 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

सवाल: आबकारी नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के कौन-कौन से नेता जेल में हैं ? इससे पार्टी को कितना नुकसान हो रहा है ?

उत्तर : दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. जेल में बंद मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक माने जाते हैं. उनकी गैर मौजूदगी में चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को स्टार प्रचारकों की कमी खल रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश नहीं होंगे सीएम केजरीवाल, समन को बताया गैरकानूनी





नई दिल्ली: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक नए मामले में भी नोटिस दिया है. इससे कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह समन (नोटिस) जारी किया है.

दिल्ली जल बोर्ड में अवैध तरीके से शर्तें न पूरी होने के बावजूद एक कंपनी को टेंडर दिया गया था. इसके बदले जल बोर्ड के अधिकारियों ने मोटी रकम ली थी. इस मामले में जांच के लिए पिछले महीने ईडी ने आम आदमी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं व दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारियों के घर पर छापेमारी भी की थी. इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार पहले गिरफ्तार भी हो चुके हैं. ईडी ने इस मामले में पहली बार सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है. कैसे हुआ घोटाला, क्या है पूरा मामला, क्यों अरविंद केजरीवाल को ईडी ने नोटिस दिया. जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत का एक्सप्लेनेर..

सवाल : क्या है दिल्ली जल बोर्ड का पूरा मामला?

उत्तर : दिल्ली जल बोर्ड ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी को एक टेंडर दिया था. आरोप है कि कंपनी टेंडर के सारे मानदंडों को पूरे नहीं कर रही थी. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने रिश्वत लेकर कंपनी को टेंडर दिया. आरोप है कि टेंडर बढ़ी हुई दरों पर दिया गया, जिससे ठेकेदार से रिश्वत वसूली जा सके. टेंडर का मूल्य 38 करोड़ रुपये था. सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए, शेष राशि गबन कर ली गई. यह टेंडर कंपनी को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर लगाने और परीक्षण करने के लिए दिया गया था. रिश्वत का पैसा कई अधिकारियों के साथ आम आदमी पार्टी के चुनावी कोष में गया.

सवाल: मामले में पहले क्या कार्रवाई हुई है?

उत्तर: इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) जांच कर रही है. फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार के यहां छापेमारी भी हुई थी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य सुलभ कुमार, दिल्ली जल बोर्ड के कई अधिकारियों समेत अन्य लोगों के यहां छापेमारी हुई थी. मामले में मनी लांड्रिंग हुई है, इसे आधार बनाकर मामले की जांच की जा रही है.

इस मामले में ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठेका लिया था. इसकी जानकारी जगदीश कुमार अरोड़ा को थी. आरोप है कि जगदीश अरोड़ा ने रिश्वत का पैसा नगद और बैंक खातों में लिया था. रिश्वत का पैसा विभिन्न लोगों में बांटा गया था.

सवाल: अरविंद केजरीवाल को किस आधार पर भेजा गया समन ?

उत्तर : दिल्ली जल बोर्ड के इस मामले में पहले सीबीआई ने एक प्राथमिक की दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी को जल बोर्ड का 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था. जबकि, कंपनी मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थी.

आरोप है कि रिश्वत का पैसा आम आदमी पार्टी के चुनावी कोष में गया था. इस तरीके से मनी लांड्रिंग की गई है. अब इस मामले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ करने और बयान दर्ज करने के नेटिस जारी किया है. सोमवार को मामले ईडी ने अरविंद केजरीवाल को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ईडी के कार्यलय नहीं गए.

सवाल: इस नोटिस से अरविंद केजरीवाल की कितनी मुश्किलें बढ़ सकती है ?

उत्तर : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में पहले से ईडी के रडार पर हैं. बार-बार नोटिस जारी कर ईडी अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुला रही है लेकिन वह नोटिस को गैरकानूनी बताते हुए नहीं जा रहे हैं. शनिवार को ईडी के इस नोटिस पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई.

इसके बाद ईडी ने फिर से शराब नीति घोटाले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया. साथ ही अरविंद केजरीवाल को नोटिस में दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया. लोकसभा चुनाव सर पर है. ऐसे में घोटाले के आरोप और बार-बार ईडी के नोटिस से अरविंद केजरीवाल की न सिर्फ छवि खराब होगी, बल्कि नुकसान भी होगा.

सवाल: क्या है शराब नीति घोटाला ?

उत्तर : दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना काल में आबकारी नीति 2021-22 लागू की गई थी. इस नीति को लागू करने में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है. इस नीति के कार्यान्वयन में अनियमितताओं की शिकायत दिल्ली के उपराज्यपाल से हुई थी. उपराज्यपाल ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई. हालांकि, बाद में नई शराब नीति आने के बाद इस शराब नीति को रद्द कर दिया गया था. मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं. अब तक इस मामले में 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

सवाल: आबकारी नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के कौन-कौन से नेता जेल में हैं ? इससे पार्टी को कितना नुकसान हो रहा है ?

उत्तर : दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. जेल में बंद मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक माने जाते हैं. उनकी गैर मौजूदगी में चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को स्टार प्रचारकों की कमी खल रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश नहीं होंगे सीएम केजरीवाल, समन को बताया गैरकानूनी





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