लखनऊ : राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब भारतीय जनता पार्टी और संघ काशी व मथुरा को अपने एजेंडे में और आक्रामक तरीके से शामिल करेगा. सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या के बाद मथुरा और काशी पर लोकसभा चुनाव में जोर दिया जाएगा. जिसके जरिये भाजपा की हिंदुत्व के एजेंडे को और धार देने की तैयारी है. इससे भाजपा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद और आगे भी हिंदुत्व की राजनीति को बनाए रखेगी.
एकजुट करने का प्रयास करेगी भाजपा : काशी विश्वनाथ और मथुरा में दोनों ही विवादित स्थलों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं. कहीं ना कहीं पूरा देश यह मान रहा है कि राम मंदिर निर्माण के पीछे योगदान भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार का भी बराबर का है. इसी जनभावना का ख्याल रखते हुए भारतीय जनता पार्टी नारे 'अभी तो केवल झांकी है, काशी, मथुरा बाकी है' को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुनाएगी. काशी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आगाज हो गया है और पुरातात्विक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. दूसरी ओर मथुरा का विवाद कोर्ट में विचाराधीन है और यहां भी हिंदू पक्ष को सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में दोनों स्थानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी अब जोर-शोर से लड़ाई करने की तैयारी में है. भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में भी बाकायदा काशी और मथुरा का उल्लेख कर सकती है. जिससे भाजपा हिंदू जनमानस को जाति का बंधन तोड़कर एकजुट करने का प्रयास करेगी.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जो न्याय होता है वह सभी के सामने आ जाता है. जय श्री राम जन्मभूमि में न्याय हुआ, ठीक वैसे ही न्याय मथुरा और काशी में भी होगा. भारतीय जनता पार्टी इसके लिए भरसक प्रयास करेगी. हमारे लिए राम मंदिर भी चुनावी मुद्दा नहीं था और मथुरा और काशी भी कोई चुनावी मुद्दा नहीं होगा.
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