रायपुर: साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल सोमवती अमावस्ता को लगने वाला है. सूर्य ग्रहण के अगले दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. वेद पुराणों में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है. चैत्र नवरात्रि से पहले लगने वाले सूर्य ग्रहण के चलते इस बार नवरात्रि का त्योहार बड़ा ही शुभ संयोग लेकर आ रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक ग्रहण के समय आने वाली किरणों से राहु का प्रभाव और बढ़ जाता है. राहु का प्रभाव बढ़ने से हमारे जीवन पर कहीं न कहीं उसका असर पड़ता है. इसी वजह से ग्रहण के दौरान शुभा कार्यों को करने से मना किया जाता है.
8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण: ग्रहण काल के दौरान कुछ सावधानियां लोगों को बरतनी चाहिए. हिंदू धर्म में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के वक्त घर में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य के ग्रहण का असर जब खत्म हो जाता है तब आप अपने शुभ कार्यों को पूरा कर सकते हैं. मान्यता है कि ग्रहण के वक्त किए गए शुभ कार्य का फल भी अशुभ हो जाता है. ग्रहण काल के दौरान आपको किन किन सावधानियों का ध्यान रखना ये जानना भी जरुरी है.
ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचना चाहिए: धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य या चंद्र ग्रहण के वक्त खाना नहीं खाना चाहिए. पुराणों में माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ग्रहण के दौरान भोजन करता है तो उसे नर्क की कठिन यातनाएं सहनी पड़ती है. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में भोजन में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए.
ग्रहण के वक्त पेड़ पौधों को नहीं छुएं: हिंदू धर्म में कहा गया है कि तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा होती है. जब ग्रहण लगता है उस वक्त तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाने चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी में मां लक्ष्मी और पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है. विष्णु का वास होने के चलते सूर्य ग्रहण में इन पेड़ों को नहीं छूना चाहिए. ग्रहण के दौरान अगर इन पीपल और तुलसी के पौधे को छुआ जाता है तो धन की देवी मां लक्ष्मी निराश हो जाती हैं.
देवी देवताओं की प्रतिमा नहीं छूना चाहिए: सूर्य ग्रहण के वक्त देवी देवताओं की प्रतिमा को भी नहीं छूना चाहिए. ग्रहण के दौरान पूजा पाठ भी नहीं करनी चाहिए. माना जाता है कि ग्रहण के दौरान जब भगवान की मूर्ति को छूते हैं और पूजा करते हैं उसका दोष लगता है. इसलिए ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इस दिन सिर्फ पाठ किया जाना चाहिए इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव खत्म होता है.
गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए खास ध्यान: सूर्य ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. सूतक शुरू होने से ग्रहण खत्म होने तक घर से बाहर गर्भवती महिलाओं को नहीं निकलना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को घर की छत पर नहीं जाना चाहिए. इसके अलावा नुकीली चीजें जैसे सुई कैंची चाकू आदि का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए.
खरीदारी से बचना चाहिए: ग्रहण के दिन खरीदारी नहीं करनी चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार सूतक काल के समय पृथ्वी का वातावरण दूषित हो जाता है. सूतक के अशुभ प्रभाव से सुरक्षित रहने के लिए ज्यादा सावधानी बरती जानी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण और सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य पूजा या खरीदारी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में शुभ ग्रहों का प्रभाव कम होने लगते हैं. नया काम करने से बचना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान नेगेटिव एनर्जी बढ़ जाती है. इसलिए इस दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत या मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही ग्रहण के दौरान नाखून काटने और कंघी करने से भी बचें.
सूर्य ग्रहण भारत में नहीं होगा मान्य: साल 2024 में पहला सूर्य ग्रहण 8 और अप्रैल को है. यह सूर्य ग्रहण रात में 9:12 पर लगेगा और मध्य रात्रि 1:25 पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 39 मिनट की होगी. इसका सूतक काल 8 और 9 अप्रैल सुबह 9:12 पर प्रारंभ होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है. यह सूर्य ग्रहण दक्षिण पश्चिमी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव पर दिखाई देगा. भारत में यह मान्य नहीं होगा. इस वजह से इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा.