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इस खास मशीन से जानिए बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने देवघर श्रावणी मेला में लगाया है स्टॉल - Baidyanath Jyotirlinga

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 3, 2024, 10:28 PM IST

Deoghar shravani mela. यदि आप आप बैद्यनाथ मंदिर स्थापना से जुड़ी कहानी नहीं जानने हैं तो श्रावणी मेले में लगे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के स्टॉल पर पहुंच जाएं. यहां आपको खास मशीन से बैद्यनाथ मंदिर की कहानी दिखाई जाएगी.

Baidyanath Jyotirlinga
थ्री डी वीआर मशीन से बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास जानती श्रद्धालु. (फोटो-ईटीवी भारत)

देवघरः श्रावणी मेला में देवघर आने वाले श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. खासकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के एक स्टॉल पर इन दिनों लोगों की अधिक भीड़ उमड़ रही है.इस स्टॉल पर थ्री डी वीआर मशीन (वर्चुअल रियलिटी मशीन)रखी गई है. यह मशीन बेहद खास है. इस मशीन को आंखों में लगाते बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास की जानकारी मिलती है.

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के स्टॉल पर थ्री डी वीआर मशीन के संबंध में जानकारी देते संवाददाता हितेश कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मशीन को आंखों से लगाते ही होंगे शिवलोक के दर्शन

स्टॉल पर मौजद कर्मचारी ने बताया कि यह मशीन चश्मे की तरह आंखों में लगाई जाती है. मशीन को आंखों में लगाते ही पूरा ब्रह्मांड नजर आता है. मशीन लगाते ही शिवलोक के दर्शन होंगे और बैद्यनाथ मंदिर स्थापना से जुड़ी कहानी जान पाएंगे.

बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग की कहानी लोगों कर कर रही रोमांचित

इस मशीन को लगाने के बाद कई श्रद्धालु रोमांचित नजर आए. श्रद्धालुओं ने कहा कि मशीन के माध्यम से हमें आदिकाल के बारे में पता चलता है. इस मशीन के माध्यम से लोग यह जान पाएंगे कि देवघर में बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग की स्थापना कैसे हुई है.

मशीन के माध्यम से बाबा मंदिर स्थापना की मिलेगी जानकारी

वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की कर्मचारी रत्ना बताती हैं कि इस मशीन को लोग अपनी आंखों में पहनकर अद्भुत नजारे देख सकते हैं. इस मशीन को पहनने के बाद श्रद्धालु यह भी जान पाते हैं कि देवघर से रावण का रिश्ता क्या था. किस प्रकार से भगवान विष्णु ने रावण के माध्यम से भोलेनाथ के शिवलिंग को देवघर में स्थापित करवाया.

स्टॉल में लगी वर्चुअल रियल मशीन को लेकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि इस मशीन में लोगों को देवघर का इतिहास दिखाने के बाद उनसे फीडबैक भी लिया जाता है.

लोग मिनटों में जान रहे बैद्यनाथ मंदिर का इतिहास

गौरतलब है कि आज के इस आधुनिक दौर में युवा अपनी धर्म, संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में यह मशीन वैसे युवाओं को अपने संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी बढ़ाती है.लोग कुछ मिनटों में ही देवघर के बैद्यनाथ मंदिर से जुड़े इतिहास को जान पाते हैं.

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सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के स्टॉल पर थ्री डी वीआर मशीन के संबंध में जानकारी देते संवाददाता हितेश कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मशीन को आंखों से लगाते ही होंगे शिवलोक के दर्शन

स्टॉल पर मौजद कर्मचारी ने बताया कि यह मशीन चश्मे की तरह आंखों में लगाई जाती है. मशीन को आंखों में लगाते ही पूरा ब्रह्मांड नजर आता है. मशीन लगाते ही शिवलोक के दर्शन होंगे और बैद्यनाथ मंदिर स्थापना से जुड़ी कहानी जान पाएंगे.

बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग की कहानी लोगों कर कर रही रोमांचित

इस मशीन को लगाने के बाद कई श्रद्धालु रोमांचित नजर आए. श्रद्धालुओं ने कहा कि मशीन के माध्यम से हमें आदिकाल के बारे में पता चलता है. इस मशीन के माध्यम से लोग यह जान पाएंगे कि देवघर में बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग की स्थापना कैसे हुई है.

मशीन के माध्यम से बाबा मंदिर स्थापना की मिलेगी जानकारी

वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की कर्मचारी रत्ना बताती हैं कि इस मशीन को लोग अपनी आंखों में पहनकर अद्भुत नजारे देख सकते हैं. इस मशीन को पहनने के बाद श्रद्धालु यह भी जान पाते हैं कि देवघर से रावण का रिश्ता क्या था. किस प्रकार से भगवान विष्णु ने रावण के माध्यम से भोलेनाथ के शिवलिंग को देवघर में स्थापित करवाया.

स्टॉल में लगी वर्चुअल रियल मशीन को लेकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि इस मशीन में लोगों को देवघर का इतिहास दिखाने के बाद उनसे फीडबैक भी लिया जाता है.

लोग मिनटों में जान रहे बैद्यनाथ मंदिर का इतिहास

गौरतलब है कि आज के इस आधुनिक दौर में युवा अपनी धर्म, संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में यह मशीन वैसे युवाओं को अपने संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी बढ़ाती है.लोग कुछ मिनटों में ही देवघर के बैद्यनाथ मंदिर से जुड़े इतिहास को जान पाते हैं.

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