नई दिल्ली: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने हाल में एक बेटे को जन्म दिया. इसके लिए उन्होंने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का सहारा लिया. सिद्धू मूसेवाला अपने घर के इकलौते बेटे थे, जिनकी 29 मई, 2022 को हत्या कर दी गई थी. आज हम आपको बताएंगे की इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक क्या है और किस उम्र तक इसका लाभ लिया जा सकता है.
डॉ. आंचल अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक को आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं. इस ट्रीटमेंट में महिला के अंडाणुओं और पुरुषों के शुक्राणुओं के संयोजन से भ्रूण तैयार किया जाता है. इसे कुछ दिन तक ट्यूब में रखा जाता है. इसके बाद उसे पूर्ण रूप से विकसित होने के लिए वापस महिला के गर्भ में रख दिया जाता है. ऐसा करने के लिए महिला का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है. अगर गर्भधारण करने वाली महिला को हाई ब्लड प्रेशर या शुगर जैसी बीमारी है और वह इसकी दवा ले रही है, तो उसे पहले इलाज से कंट्रोल किया जाना चाहिए.
क्या रखें डाइट: उन्होंने बताया कि आईवीएफ की मदद से गर्भग्रहण करने वाली महिला को हेल्थी लाइफस्टाइल मेंटेन करना चाहिए. इसके लिए महिला को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए और बाजार में मिलने वाले जंक फूड से परहेज करना चाहिए. साथ ही किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ और हाई कैलरी फूड का भी सेवन भी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा आज कल कई महिलाएं डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लिए दवाएं लेती हैं, जिसमें से कुछ दवाएं बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में उन महिलाओं को सुरक्षित दवाएं दी जाती हैं. वहीं, अच्छी डाइट से प्रेग्नेंसी के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है.
किन परिस्थितियों में काम आता है आईवीएफ: इसका इस्तेमाल तब किया जाता है, जब महिला के ट्यूब ब्लॉक हों या पुरुष के शुक्राणुओं में कोई कमी हो. इसके अलावा अगर महिला को पीसीओडी की शिकायत होने पर भी यह तकनीक काफी काम आती है. इसके अलावा कई बार देखने में आता है कि सभी जांच नॉर्मल पाए जाने के बाद भी महिला गर्भवती नहीं हो पाती है. ऐसे में भी आईवीएफ तकनीक काफी कारगर है. समय के साथ आईवीएफ तकनीक का सक्सेस रेट भी बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा मां बनने जा रही महिला की उम्र भी तय करती है कि यह कितनी सफल होगी.
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