पटना : नाम- शिवदीप लांडे, पूरा नाम- शिवदीप वामनराव लांडे. पहचान- बिहार के 'सुपर कॉप'. काम- अपराधियों के दिल में दहशत पैदा करना. अभी का अपडेट- IPS के पद से इस्तीफा. प्रश्न- अगला ठिकाना कहां?
IPS शिवदीप लांडे पहले बने थे IRS : 29 अगस्त 1976 को महाराष्ट्र के अकोला में शिवदीप वामनराव लांडे का जन्म हुआ. पढ़ाई में बेहतर लांडे पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किये फिर सिविल सेवा की ओर बढ़ गए. आईपीएस बनने से पहले शिवदीप राजस्व विभाग में (IRS) अधिकारी बने. हालांकि 2006 में अच्छे अंक के साथ IPS बने.
बिहार के कई जिलों में हुई पोस्टिंग : शिवदीप लांडे को बिहार कैडर मिला. इसके बाद लांडे की बिहार में एंट्री हुई. शिवदीप लांडे की पहली नियुक्ति मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र जमालपुर में हुई. यहां पर उन्होंने अपना इरादा दिखा दिया कि वह किसी भी कीमत पर अपराधियों के साथ नरमी नहीं बरतेंगे. यहां से कारवां शुरू हुआ वह पटना, अररिया, पूर्णिया तक जारी रहा.
लहरिया कट मारना भूल गए मनचले : पटना (मध्य क्षेत्र) के एसपी बनकर जब लांडे आए तो अपराधियों के पसीने छूटने लगे. लहरिया कट मारने वाले मनचले, खौफ खाने लगे. लांडे के क्रेज का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लड़कियों के मोबाइल में उनका नंबर सेव रहता. जब भी किसी को समस्या हो वहां पर लांडे की उपस्थिति रहती थी. यहां तक कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो, लोग हाथों में कैंडल लिए सड़क पर उतर आए.
'सिंघम' की छवि में उभरे लांडे : इसी बीच वह केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर 3 साल के लिए महाराष्ट्र गए. जब वहां से लौटे तो लोग कहने लगे 'सिंघम रिटर्न'. फिल्म सिंघम तो बाद में बनी, लांडे बिहार के लिए पहले से ही 'सिंघम' थे. कभी उन्हें डीआईजी बनाया गया तो कभी आईजी के पद पर नियुक्ति हुई. जहां-जहां गए अपनी छाप छोड़ते गए.
अगले कदम पर नजर : खैर, अब शिवदीप लांडे ने आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वो कह रहे हैं कि कर्मभूमि बिहार ही रहेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि 'बिहार के सिंघम' का अगला ठिकाना क्या होगा? क्या वह भी राजनीति की ओर तो रुख नहीं करेंगे. हालांकि ये सब भविष्य के गर्भ में छिपा है. इधर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
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