जयपुर. राजधानी जयपुर की जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने किडनी ट्रांसप्लांट मामले में फोर्टिस अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शनिवार को नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इससे पहले शुक्रवार को फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानु लववंशी को गिरफ्तार किया गया था. आरोपी भानु से पूछताछ के बाद शनिवार को फॉर्टिस हॉस्पिटल के दोनों डॉक्टरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
डीसीपी ईस्ट कावेंद्र सागर के मुताबिक रिश्वत लेकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में पुलिस ने फोर्टिस अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप गुप्ता को शिकंजे में लिया है. दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी भानु दलालों के संपर्क में रहकर अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था. अस्पताल में सर्जरी के बाद दलाल मरीजों को किराए के मकान में रखते थे. दोनों डॉक्टर किराए के मकानो में मरीज देखने के लिए जाते थे. दोनों डॉक्टर सर्जन हैं. डॉक्टर जितेंद्र और डॉक्टर संदीप गुप्ता फोर्टिस अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी किया करते थे.
शुक्रवार को फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानु लववंशी उर्फ भानु प्रताप को गिरफ्तार करके पूछताछ की गई. इसके बाद शनिवार को दोनों डॉक्टरों को बुलाकर पूछताछ की गई. दोनों डॉक्टरों ने पुलिस के सवालों पर संतोष पूर्वक जवाब नहीं दिए. इसके बाद दोनों डॉक्टरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस दोनों डॉक्टरों से पूछताछ करके ट्रांसप्लांट के इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य डॉक्टरों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है. पुलिस की पूछताछ में इस खेल में शामिल कई डॉक्टरों के नाम भी सामने आए हैं.
एसीबी ने सवाई मानसिंह अस्पताल में 31 मार्च को सवाई सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास 70000 रुपये नगदी और तीन फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी भी बरामद की गई थी. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. इसके बाद फोर्टिस अस्पताल के कोऑर्डिनेटर विनोद सिंह को भी गिरफ्तार किया गया.
ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में गिरफ्तार आरोपी गौरव सिंह, विनोद सिंह और अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मेड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना, दलाल सुखमय नंदी से भी पूछताछ की गई. पूछताछ में फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानु प्रताप की भूमिका सामने आई. आरोपी भानु दलालों के संपर्क में रहकर अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था. अस्पताल में सर्जरी के बाद दलाल मरीजों को किराए के मकान में रखते थे, जहां पर मरीजों की देख रेख के लिए भानु प्रताप जाता था. पुलिस की गिरफ्त में आए डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और संदीप गुप्ता कई बार किराए के मकान में मरीजों को देखने के लिए जाते थे. ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जीवाड़े में शामिल अन्य डॉक्टरों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. वही मेड सफर कंपनी के डायरेक्टर राजकमल और दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.