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जोशीमठ की तर्ज पर खुपी गांव में हो रहा भूस्खलन, ग्रामीण बोले- जल्द हमें करें विस्थापित - Landslide in Khupi village

Landslide in Khupi village खुपी गांव में सालों से हो रहे भूस्खलन से हालात इतने बदहाल हो गए हैं कि घरों में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें हो गई हैं. ऐसे में लोगों ने एक बार फिर शासन-प्रशासन से गांव को अन्य जगह विस्थापित करने और भूस्खलन का स्थायी उपचार करने की मांग उठाई है.

Landslide in Khupi village
खुपी गांव में भूस्खलन से घरों में पड़ रही दरारें (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 3, 2024, 4:23 PM IST

जोशीमठ की तर्ज पर खुपी गांव में हो रहा भूस्खलन (video-ETV Bharat)

नैनीताल: जिले के खुपी गांव में एक बार फिर भूस्खलन होने लगा है,जिससे स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से खुपी गांव को विस्थापित करने या गांव में हो रहे भूस्खलन का स्थायी उपचार करने की मांग उठाई है. खूपी गांव स्थित घरों में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं, जिससे गांव का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक शासन-प्रशासन का ध्यान खुपी गांव के प्रभावितों की तरफ नहीं गया.

100 नाली भूमि भूस्खलन से हुई नष्ट: क्षेत्रीय निवासी निर्मला देवी ने बताया कि अब तक ग्रामीणों की करीब 100 नाली भूमि भूस्खलन में समा चुकी है. भूस्खलन से घरों में पड़ी दरारों की वजह से करीब आधा दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए. वहीं, स्थानीय निवासी कविता ने बताया कि 2011 से गांव में भूस्खलन हो रहा है. गांव पर मंडरा रहे खतरे से निजाद पाने के लिए कई बार सरकारी नुमाइंदों और राजनेताओं से फरियाद लगाई, लेकिन अब तक उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी.

स्थानीय लोगों ने अनहोनी का लगाया आरोप: स्थानीय पद्मादेवी ने बताया कि मेहनत मजदूरी करके दो कमरों का घर बनाया था, जो अब भूखखलन की जद में आ चुका है. घर में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. उन्होंने कहा कि कई दशकों से गांव में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि खूपीगांव नैनीताल की तलहटी समेत बलिया नाले से लगता हुआ है.खूपी गांव के ठीक ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव है, जिन पर सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है.

एसडीएम बोले जल्द होगा स्थायी समाधान: एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया गांव में भूस्खलन हो रहा है, जिससे गांव खतरे में है. ऐसे में जिन घरों में दरारें पड़ी हैं, उन लोगों को अपना घर खाली करके दूसरे स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग गांव के स्थायी उपचार को लेकर कार्य योजना बना रहा है, जल्द ही गांव के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का स्थाई उपचार किया जाएगा.

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जोशीमठ की तर्ज पर खुपी गांव में हो रहा भूस्खलन (video-ETV Bharat)

नैनीताल: जिले के खुपी गांव में एक बार फिर भूस्खलन होने लगा है,जिससे स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से खुपी गांव को विस्थापित करने या गांव में हो रहे भूस्खलन का स्थायी उपचार करने की मांग उठाई है. खूपी गांव स्थित घरों में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं, जिससे गांव का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक शासन-प्रशासन का ध्यान खुपी गांव के प्रभावितों की तरफ नहीं गया.

100 नाली भूमि भूस्खलन से हुई नष्ट: क्षेत्रीय निवासी निर्मला देवी ने बताया कि अब तक ग्रामीणों की करीब 100 नाली भूमि भूस्खलन में समा चुकी है. भूस्खलन से घरों में पड़ी दरारों की वजह से करीब आधा दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए. वहीं, स्थानीय निवासी कविता ने बताया कि 2011 से गांव में भूस्खलन हो रहा है. गांव पर मंडरा रहे खतरे से निजाद पाने के लिए कई बार सरकारी नुमाइंदों और राजनेताओं से फरियाद लगाई, लेकिन अब तक उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी.

स्थानीय लोगों ने अनहोनी का लगाया आरोप: स्थानीय पद्मादेवी ने बताया कि मेहनत मजदूरी करके दो कमरों का घर बनाया था, जो अब भूखखलन की जद में आ चुका है. घर में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. उन्होंने कहा कि कई दशकों से गांव में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि खूपीगांव नैनीताल की तलहटी समेत बलिया नाले से लगता हुआ है.खूपी गांव के ठीक ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव है, जिन पर सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है.

एसडीएम बोले जल्द होगा स्थायी समाधान: एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया गांव में भूस्खलन हो रहा है, जिससे गांव खतरे में है. ऐसे में जिन घरों में दरारें पड़ी हैं, उन लोगों को अपना घर खाली करके दूसरे स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग गांव के स्थायी उपचार को लेकर कार्य योजना बना रहा है, जल्द ही गांव के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का स्थाई उपचार किया जाएगा.

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