रांची: चुनावी महापर्व में मतदान की तारीख पास आती जा रही है. राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के लिए चुनावी रणनीति भी बना ली है. चुनावी सरगर्मी के बीच सबकी निगाहें राज्य की उन तीन ST रिजर्व लोकसभा सीट पर लगी है जहां की सभी की सभी विधानसभा सीट भी ST यानी आदिवासियों के लिए रिजर्व है.
खूंटी, लोहरदगा और सिंहभूम एसटी रिज़र्व सीट के अंतर्गत पड़ने वाले सभी ST विधानसभा सीटों को लेकर देखें तो 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का पलड़ा भारी रहा था. तब लोहरदगा और सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले एसटी आरक्षित विधानसभा सीटों पर भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया था, खूंटी लोकसभा के अंतर्गत पड़ने वाली दो विधानसभा सीट तोरपा और खूंटी में ही भाजपा की जीत हो पाई थी. तब झामुमो और कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 16 ST विधानसभा सीट में से क्रमशः 09 और 05 सीटें जीती थी.
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2019 में विधानसभा चुनाव जैसा नतीजा ही इस बार दोहराया जाएगा या नतीजे बदलेंगे? इस सवाल के जवाब में झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आदिवासी कल्याण और सम्मान के लिए काम किया है, उसका असर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर दिखेगा. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2019 का नतीजा चाहे जो भी रहा हो, 2024 के लोकसभा चुनाव में खूंटी, लोहरदगा और सिंहभूम सभी पर भाजपा की ही जीत होगी.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मोदी सरकार के काम जैसे संथाली को आठवीं अनुसूची में शामिल करने, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने, पहले पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी का उलिहातू जाना, 24 हजार करोड़ की जनमन योजना की वजह से अब अनुसूचित जनजाति के लोगों में भाजपा को लेकर एक संदेश गया है कि ये वे लोग है जो कहते हैं वह करते हैं. ऐसे में तीनों के तीनों सीट भाजपा जीतेगी.
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सभी के सभी ST रिजर्व विधानसभा सीट को खुद में समेटे राज्य की तीन लोकसभा सीट खूंटी, लोहरदगा और सिंहभूम में महागठबंधन की जीत सुनिश्चित बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सिंहभूम सीट तो निश्चित रूप से झामुमो जीत रहा है. लोहरदगा सीट भी अगर कांग्रेस हमें दे दें तो जीत सुनिश्चित हो जाएगी. उन्होंने कहा कि विनिबिलिटी को देखते हुए अभी भी झामुमो की गुजारिश लोहरदगा सीट के लिए है.
वहीं कांग्रेस ने झामुमो की ओर से अब भी लोहरदगा सीट की मांग पर प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि सभी ST विधानसभा सीटों को खुद में समेटे खूंटी, लोहरदगा और सिंहभूम लोकसभा सीट पर कांग्रेस और महागठबंधन की जीत तय है.
लोहरदगा, सिंहभूम और खूंटी, तीनों लोकसभा सीट है हाई प्रोफाइल
झारखंड की राजनीति को नजदीक से देखने और समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि पार्टियां चाहे जो भी दावा कर लें, लेकिन इन तीनों लोकसभा सीट के नतीजे अगर 2019 से अलग आ जाएं तो अचरज नहीं होगी. इसकी वजह यह है कि एसटी रिजर्व लोकसभा सीट सिंहभूम में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन, कोड़ा दंपती के साथ साथ झामुमो के सिंहभूम लोकसभा सीट से आनेवाले विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
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इसी तरह 2019 में मामूली वोट से जीत पाए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के ऊपर भी खूंटी लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने का दवाब है. इसी तरह का दवाब नीलकंठ सिंह मुंडा के ऊपर है. लोहरदगा लोकसभा सीट पर INDIA ब्लॉक की जीत हो, इसका दवाब रामेश्वर उरांव पर भी होगा, जो लोहरदगा से विधायक होकर राज्य के वित्तमंत्री हैं. प्रख्यात राजनीतिक पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि अगर झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले ने एकजुट होकर चुनाव लड़ लिया तो निश्चित रूप से भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी लेकिन नतीजा तो 04 जून को ही आएगा.
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