गया: बेलागंज से पहले प्रोफेसर खिलाफत हुसैन को प्रशांत किशोर ने पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में उनकी जगह मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार बनाया गया है. इसको लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में खिलाफत हुसैन ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से अपना नाम वापस नहीं लिया है. प्रशांत किशोर के जोर और इब्लीसी शक्ति के प्रोपेगेंडा के कारण चुनाव लड़ने से वह पीछे हटे हैं.
खिलाफत हुसैन का बड़ा खुलासा: प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने कहा कि 2025 में टिकट देने का आश्वासन प्रशांत किशोर ने दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने जन सुराज से मोहम्मद अमजद को पहले प्रत्याशी नहीं बनाए जाने का कारण भी बताया. उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय का मो अमजद पर विश्वास नहीं है. इस कारण पहले उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया.
"बेलागंज क्षेत्र की जनता के अनुरूप जन सुराज ने प्रत्याशी का चयन नहीं किया. चुनाव में क्या होगा यह कहना अभी से संभव नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर हम पार्टी के साथ हैं. प्रशांत किशोर अच्छे व्यक्ति हैं. हमें कहा गया कि प्रेस कांफ्रेंस में आपको ऐलान करना होगा कि आप प्रत्याशी नहीं होंगे. हम प्रशांत किशोर को बड़ा भाई मानता हूं. पार्टी के खिलाफ बात करना वसूल के खिलाफ है."-प्रोफेसर खिलाफत हुसैन, नेता, जन सुराज पार्टी
'नाम की घोषणा के दो दिन बाद PK ने आरा बुलाया था' : प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने कहा कि उनके नाम की घोषणा के दो दिन बाद उन्हें प्रशांत किशोर ने आरा बुलाया था, जहां प्रशांत किशोर ने उन से चुनाव नहीं लड़ने का आग्रह किया. हालांकि उस पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए आपत्ति भी जताई. चुनाव से संबंधित अपनी तैयारी भी बताया, लेकिन प्रशांत किशोर से सहमति नहीं बनी. उनसे कहा गया कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में मो अमजद के नाम की घोषणा करें.
2025 में टिकट दिए जाने पर बनी सहमति!: उन्हें प्रशांत किशोर से आश्वासन क्या मिला है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बहुत सी बातें हुई हैं. 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है, लेकिन हम अभी से 2025 की चिंता क्यों करें, कोई डील नहीं हुई है. राजनीतिक लोगों का जो काम होता है वही प्रशांत किशोर ने किया है.
किस कारण घोषणा के बाद भी नहीं मिला टिकट: प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने अपनी टिकट कटने के कारण बताते हुए कहा कि इस के पीछे इब्लीसी शक्ति ' शैतानी बल' है. कुछ लोगों ने प्रोपेगेंडा किया, इस कारण प्रशांत किशोर ने टिकट काटा है. इब्लीस कौन है? इस सवाल पर खिलाफत हुसैन ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि मुसलमान में 25 प्रतिशत ही है जो सही रास्ते पर चलते हैं.
टिकट कटने पर हुए थे भावुक: खिलाफत हुसैन ने कहा कि टिकट कटने पर वह भावुक भी हुए थे. उन्होंने कहा कि मायूसी तो हुई लेकिन कर किया सकते हैं. नेता माना है तो उनकी बात मानना पड़ेगा और यही तरीका भी है, हम प्रशांत किशोर के साथ हैं.
किसे कह रहे हैं शैतान: खिलाफत हुसैन अपनी टिकट काटे जाने का एक कारण इब्लीसी प्रोपेगेंडा बता रहे हैं. कौन इब्लीस है? इस पर उन्होंने कहा कि इब्लीसी व्यवस्था के बारे में प्रशांत किशोर को बताया है और यहीं से उनसे बात शुरू की थी. प्रशांत किशोर इस्लाम धर्म की बातें करते हैं इसलिए उन्हें इस व्यवस्था के संबंध में बताया और उन्हें भी कहा कि टिकट काटने का मुख्य कारण भी इब्लीसी व्यवस्था ही है.
पहले मो अमजद के नाम का ऐलान क्यों नहीं हुआ?: आपको बता दें कि विगत 18 अक्टूबर की शाम को प्रशांत किशोर की सभा मे हंगामा भी हुआ था. कुर्सियां भी तोड़ी गई थीं. हंगामा मो अमजद के कार्यकर्ताओं ने किया था. प्रशांत किशोर ने उसी नाराजगी के कारण नाम की घोषणा नहीं कि थी, लेकिन खिलाफत हुसैन ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं था. बल्कि बहुसंख्यक समुदाय की पसंद नहीं होने के कारण पहले टिकट कटा था.
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