सिवान: बिहार के सिवान में खान ब्रदर्स के छोटे भाई रईस खान को कोर्ट ने एक मामले में रिहा कर दिया है. जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद रईस खान जेल से बाहर निकला. बता दें कि रईस खान के निकलने की सूचना जैसे उसके समर्थकों को हुई, सुबह से ही समर्थक छपरा पहुंचने लगे थे. रईस खान पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें वह न्यायालय के आदेश पर बेल पर है.
'मुझे झूठे मुकदमे में फंसाया गया': वहीं, जेल से निकलने के बाद रईस खान सीधे अपने गांव सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर पहुंचे. जहां मीडिया से रुबरु होते हुए उसने कहा कि जेल से बाहर आने की खुशी ही अलग होती है. उसने कहा कि यह मेरे दुश्मनों की चाल थी. मुझे झूठे मुकदमे में फंसाया गया और जेल भेज दिया गया था. मैं शुक्रगुजार हूं न्यायालय का जहां मुझे इंसाफ मिला है. यहीं नहीं रईस खान ने विधानसभा चुनाव लड़ने की बात भी मीडिया से कही है.
क्या था पूरा मामला: दरअसल, पुलिस की टीम को शराब की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस शराब के ठेके पर छापा मारने गई थी. इसके बाद पुलिस टीम जब वापस लौट रही थी तो कुछ अपराधियों ने टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इस हमले में एक पुलिसकर्मी वाल्मीकि यादव की मौत हो गई थी.
सिपाही की हुई थी मौत: वहीं, इस घटना में एक स्थानीय नागरिक की भी घायल होने की बात सामने आई थी. यह घटना रात करीब ढाई बजे हुई थी. गोली लगने से पुलिस सिपाही वाल्मिकी यादव की मौत के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. वहीं, इस मामले की जांच करने सारण डीआईजी भी पहुंचे थे, जिसके बाद इस केस में पूर्व एमएलसी प्रत्याशी रईस खान पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके: गौरतलब हो कि बिहार के चर्चित खान ब्रदर्स अयूब खान एवं रईस खान ग्यासपुर गांव के ही रहने वाले हैं. अयूब खान फिलहाल जेल से जमानत पर बाहर आ चुके है. जबकि रईस को आज रिहाई मिली है. बता दें कि कि रईस खान एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमे उन्हें हार हुई थी. उसी दिन जब वह घर वापस जा रहे थे तभी उनके काफिले पर AK 47 से हमला हुआ था. उस वक्त भी रईस खान खूब चर्चा में आये थे.
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