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मंच पर दिखाया रानी दुर्गावती का अदम्य साहस और पराक्रम देख, दंग रह गए दर्शक - GOND EMPIRE QUEEN DURGAVATI

खजुराहो में गोंड साम्राज्य की रानी वीरांगना दुर्गावती के शौर्य को दर्शाया गया. इसमें बताया गया कि लीडर में क्या-क्या गुण होने चाहिए.

Gond Empire queen Durgavati
मंच पर रानी दुर्गावती के जीवन पर नाट्यमंचन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 12:57 PM IST

Updated : Nov 14, 2024, 1:22 PM IST

छतरपुर: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में शिल्पग्राम के मुक्तकाशी मंच पर कलाकारों ने गोंड साम्राज्य की रानी वीरांगना दुर्गावती को जीवंत कर दिया. कलाकारों ने सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर "कुशल रानी दुर्गावती" नाट्य श्रद्धांजलि पेश की. सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (CCRT) के युवा कलाकारों द्वारा "एक भारत श्रेष्ठ भारत" विषय पर नृत्य-संगीत प्रस्तुति दी गई, इसने लोगो का मन मोह लिया.

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कराया आयोजन

ये कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के स्वायत्त संगठन सीसीआरटी द्वारा आयोजित किया गया. इसमें छात्रवृत्ति धारकों और युवा कलाकारों द्वारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत” विषय पर नृत्य-संगीत की अद्भुत प्रस्तुति दी गई. नाटक की संकल्पना और निर्देशन सीसीआरटी, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. विनोद नारायण इंदुरकर ने किया. यह नाट्य प्रस्तुति रानी दुर्गावती के असाधारण जीवन और उनकी धरोहर को समर्पित की गई. 16वीं शताब्दी की इस वीरांगना और गोंड साम्राज्य की रानी ने अपने अदम्य साहस और अद्वितीय पराक्रम से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है.

मंच पर दिखाया रानी दुर्गावती का अदम्य साहस (ETV BHARAT)

मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ दिखाई वीरता

मुगल बादशाह अकबर के नेतृत्व में शत्रु सेना के आक्रमणों के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती की निर्णायक भूमिका, जनता की भलाई और समर्पण का प्रतीक है. घोर कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी सेना का वीरतापूर्वक नेतृत्व किया और अपनी आखिरी सांस तक असाधारण साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया. इस नाटक से उनके जीवन के अल्पज्ञात पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया गया, जिसमें उनकी अटूट इच्छाशक्ति, रणनीतिक कुशलता और अपने राज्य के प्रति असीम निष्ठा को दर्शाया गया है. उनकी साहसिक कथा को मंच पर लाकर उनके अमर व्यक्तित्व को सम्मानित करने का ये प्रयास है.

Gond Empire queen Durgavati
रानी दुर्गावती का अदम्य साहस और पराक्रम देख दंग रह गए दर्शक (ETV BHARAT)
Gond Empire queen Durgavati
रानी दुर्गावती ने मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ दिखाई वीरता (ETV BHARAT)

खजुराहो के मंदिरों की मुक्त कंठ से सराहना

इस विशेष आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार रंजना चोपड़ा आईएएस थीं. साथ ही अमिता प्रसाद सरभाई आईआरएएस संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय विशिष्ट अतिथि रही. नाट्य का निर्माण प्रमुख और सीसीआरटी के निदेशक राजीव कुमार आईआरएस भी मौजूद रहे. कार्यक्रम को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय व क्षेत्रीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे, जिन्होंने तालियां बजाकर इस सुंदर प्रस्तुति को सराहा. कलाकार कृष्ण भद्रा ने खजुराहो में प्रस्तुति देने के बाद यहां मंदिरों की सराहना की.

छतरपुर: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में शिल्पग्राम के मुक्तकाशी मंच पर कलाकारों ने गोंड साम्राज्य की रानी वीरांगना दुर्गावती को जीवंत कर दिया. कलाकारों ने सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर "कुशल रानी दुर्गावती" नाट्य श्रद्धांजलि पेश की. सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (CCRT) के युवा कलाकारों द्वारा "एक भारत श्रेष्ठ भारत" विषय पर नृत्य-संगीत प्रस्तुति दी गई, इसने लोगो का मन मोह लिया.

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कराया आयोजन

ये कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के स्वायत्त संगठन सीसीआरटी द्वारा आयोजित किया गया. इसमें छात्रवृत्ति धारकों और युवा कलाकारों द्वारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत” विषय पर नृत्य-संगीत की अद्भुत प्रस्तुति दी गई. नाटक की संकल्पना और निर्देशन सीसीआरटी, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. विनोद नारायण इंदुरकर ने किया. यह नाट्य प्रस्तुति रानी दुर्गावती के असाधारण जीवन और उनकी धरोहर को समर्पित की गई. 16वीं शताब्दी की इस वीरांगना और गोंड साम्राज्य की रानी ने अपने अदम्य साहस और अद्वितीय पराक्रम से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है.

मंच पर दिखाया रानी दुर्गावती का अदम्य साहस (ETV BHARAT)

मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ दिखाई वीरता

मुगल बादशाह अकबर के नेतृत्व में शत्रु सेना के आक्रमणों के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती की निर्णायक भूमिका, जनता की भलाई और समर्पण का प्रतीक है. घोर कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी सेना का वीरतापूर्वक नेतृत्व किया और अपनी आखिरी सांस तक असाधारण साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया. इस नाटक से उनके जीवन के अल्पज्ञात पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया गया, जिसमें उनकी अटूट इच्छाशक्ति, रणनीतिक कुशलता और अपने राज्य के प्रति असीम निष्ठा को दर्शाया गया है. उनकी साहसिक कथा को मंच पर लाकर उनके अमर व्यक्तित्व को सम्मानित करने का ये प्रयास है.

Gond Empire queen Durgavati
रानी दुर्गावती का अदम्य साहस और पराक्रम देख दंग रह गए दर्शक (ETV BHARAT)
Gond Empire queen Durgavati
रानी दुर्गावती ने मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ दिखाई वीरता (ETV BHARAT)

खजुराहो के मंदिरों की मुक्त कंठ से सराहना

इस विशेष आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार रंजना चोपड़ा आईएएस थीं. साथ ही अमिता प्रसाद सरभाई आईआरएएस संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय विशिष्ट अतिथि रही. नाट्य का निर्माण प्रमुख और सीसीआरटी के निदेशक राजीव कुमार आईआरएस भी मौजूद रहे. कार्यक्रम को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय व क्षेत्रीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे, जिन्होंने तालियां बजाकर इस सुंदर प्रस्तुति को सराहा. कलाकार कृष्ण भद्रा ने खजुराहो में प्रस्तुति देने के बाद यहां मंदिरों की सराहना की.

Last Updated : Nov 14, 2024, 1:22 PM IST
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