लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच में कथित रूप से चल रहे शीत युद्ध के बीच उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक पिछड़े वर्ग को लेकर भाजपा बड़ी बातें करने की तैयारी में है. उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक 29 जुलाई को लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय स्थित हॉल में आयोजित की जाएगी.
इसको लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग मोर्चा की विशेष बैठक का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता राज्य के मंत्री और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने की.
इसके बाद में नरेंद्र कश्यप पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अन्य नेताओं के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचे. नरेंद्र कश्यप की ओर से जानकारी दी गई है कि पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे.
बता दें कि 14 जुलाई को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति की बैठक का आयोजन लखनऊ में किया गया था. जहां उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बयान से हंगामा खड़ा कर दिया था. यहां उन्होंने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. माना जा रहा है कि इसके बाद में लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच एक शीत युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है.
एक बार फिर एक मंच पर होंगे सीएम और डिप्टी सीएम: केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में पिछड़ों और अनुसूचित जाति के संविदा की नौकरियों में आरक्षण को लेकर अपर सचिव कार्मिक से पत्र भेजकर सवाल भी पूछा है. इन सारे मुद्दों पर जबरदस्त राजनीति चल रही है. इसी सारी सियासत के बीच जब पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति होगी तो वहां एक बार फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आमने-सामने होंगे. ऐसे में इस कार्यक्रम पर सियासी जानकारों की नजरें टिकी हैं
ऐसे में इन दोनों नेताओं के बयानों पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर जरूर होगी. इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के भी मौजूद रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
सपा के PDA का तोड़ निकालने की तैयारी में भाजपा: यह भी बताते चलें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीडीए के फार्मूले पर चलते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में शानदार सफलता अर्जित की. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की एक बार फिर अपने पिछड़े वोटरों पर नजर है.
भारतीय जनता पार्टी को 2014 से लेकर साल 2022 तक लगातार पिछड़ों का जबरदस्त समर्थन प्राप्त हुआ है. मगर इस बार उत्तर प्रदेश के इस 60% वोटर ने भाजपा को गच्चा दे दिया. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी पिछड़े वर्ग की प्रदेश कार्य समिति के माध्यम से बड़ा संदेश देने की इच्छा रखेगी.
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