नई दिल्लीः साल 2024 समाप्त होने के कगार पर है, अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी सबसे मजबूत है और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली की राजनीति में अहम चेहरा हैं. दिल्ली में शराब नीति घोटाले से काफी क्षति हुई. शराब नीति घोटाले के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया, जेल गए. लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर भी आए. इस बीच आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट का भी मामला हो गया. फिर शराब घोटाले के आरोप में शर्तों के साथ नियमित जमानत मिलने पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. जनता की अदालत में अपनी बेगुनाही के नाम पर वोट मांग रहे हैं, जिससे वह चौथी बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बन सकें. इन तमाम घटनाओं से केजरीवाल इस साल सुर्खियों में रहे. आइए जानते हैं केजरीवाल को सुर्खियों में रखने वाली कौन सी घटनाएं कब हुई.
शराब नीति घोटाले के आरोप में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था. ईडी के 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया. करीब 51 दिन बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार हेतु 21 दिन के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. इसके बाद वह लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ दिल्ली ही नहीं, बल्कि अन्य प्रदेशों में इंडिया गठबंधन की पार्टियों के लिए प्रचार में गए. इस दौरान दिल्ली में जेल जाने पर 'जेल का जवाब वोट से' अभियान भी चलाया गया. लोगों से सहानुभूति के नाम पर उनकी पत्नी भी प्रचार में उतरीं, लेकिन जनता ने दिल्ली में भाजपा के उम्मीदवारों पर अपनी सहमति जताई.
सीबीआई केस में भी जमानत मिली: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की एक जून तक की अंतरिम जमानत दी थी. 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया. 26 जून को सीबीआई ने शराब नीति घोटाले में ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. उस वक्त वह तिहाड़ जेल में बंद थे. 12 जुलाई को केजरीवाल को ईडी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. 13 सितंबर को उनको आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई केस में भी जमानत मिल गई है.
मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफाः सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले के आरोप में जमानत तो दे दी, लेकिन कई शर्तों के साथ जमानत दी थी. केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जा सकते हैं, किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं. कैबिनेट की बैठक नहीं बुला सकते हैं. ऐसे में यदि वह मुख्यमंत्री रहते तो दिल्ली के लोगों के काम रुक जाता. ऐसे में उन्होंने 17 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री का पद संभाला. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें कोर्ट से जमानत तो मिल गई लेकिन वह जनता की अदालत में जाएंगे. यदि जनता ईमानदारी के सर्टिफिकेट के रूप में उन्हें एक-एक वोट देकर जिताती है, तभी वह दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे.
स्वाति मालीवाल से मारपीट मामला 13 मई 2024 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद के निजी सचिव द्वारा आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से मारपीट का मामला प्रकाश में आया. स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले के बाद यह भी सुर्खियां बनी कि केजरीवाल स्वाति मालीवाल से राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा मांग रहे थे. वह किसी और को राज्यसभा सांसद बनाना चाहते थे. वहीं, स्वाति को पंजाब से राज्यसभा सांसद बनाने की बात कही जा रही थी. हालांकि इस पर स्वाति मालीवाल की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया था. उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई थी कि वह अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए गईं थी. इस दौरान उनके निजी सचिव बिभव कुमार द्वारा स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की गई. बिभव कुमार गिरफ्तार होकर जेल भी गए. इस घटना ने भी केजरीवाल को सुर्खियों में रखा.
महिलाओं और बुजुर्गों के लिए केजरीवाल की योजनाएं: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने दिल्ली में 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को एक हजार रुपये महिला सम्मान राशि के रूप में देने की घोषणा की है. महिला सरकारी नौकरी में नहीं होनी चाहिए, पहले से किसी पेंशन की योजना में न हो. महिला का दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड होना आवश्यक है. देश के किसी भी राज्य में ऐसी स्कीम नहीं है. इस स्कीम से केजरीवाल देशभर में चर्चा में रहे. इसके आलावा, उन्होंने दूसरी योजना 'संजीवनी योजना' है, जो 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इस योजना के तहत बुजुर्गों को सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. केजरीवाल ने कहा था, "मिडिल क्लास के लोग अक्सर सरकार से सहायता नहीं पाते हैं और बुढ़ापे में इलाज की चिंता रहती है. इस योजना के अंतर्गत, दिल्ली सरकार बुजुर्गों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी." इस स्कीम से भी केजरीवाल काफी चर्चा में रहे.
राजनीतिक रूप से आक्रामक दिख रहे केजरीवाल: राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगांई ने कहा कि केजरीवाल के लिए वर्ष 2024 काफी मुश्किल भरा रहा. उन्हें जेल जाना पड़ा. इसका फायदा लेने में भाजपा सफल रही. क्योंकि ईमानदारी के नाम पर केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में आए थे. सीएम आवास को शीश महल नाम देकर संबोधित किया गया. केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद आरोप लगा कि वह आराम पसंद आदमी हैं. इन सब चीजों से राजनीतिक रूप से असर पड़ता है. कुल मिलाकर उपरोक्त मुद्दों से अरविंद केजरीवाल की छवि को नुकसान हुआ है. हालांकि केजरीवाल ने दिल्ली में 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को ₹1000 प्रतिमा महिला सम्मान राशि के रूप में देने की घोषणा की है, यह घोषणा उन महिलाओं के आक्रोश को कम कर सकती है जो शराब नीति घोटाले का विरोध कर रही थी. इन परिस्थितियों में जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल राजनीतिक रूप से बहुत आक्रामक हो गए हैं और वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जुनूनी तरीके से काम कर रहे हैं.
शीश महल को लेकर केजरीवाल रहे विवाद में: इस वर्ष दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल के सरकारी बंगले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. बंगले में सौंदर्यीकरण के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह सौंदर्यीकरण नहीं था पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया घर बनाया गया और वहां उनका कैंप ऑफिस भी है. खर्च लगभग 45 करोड़ रुपये हुए हैं. लोक निर्माण विभाग ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट दी थी. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. दस्तावेज के अनुसार निर्माण पर 43.70 करोड़ की स्वीकृति राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में के 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर केजरीवाल के सरकारी आवास पर खर्च हुए हैं. बता दें, वर्ष 2015 में जब दिल्ली में उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तब उन्होंने सरकारी बंगले के तौर पर सिविल लाइंस के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले को अपने लिए चुना था.
पैदल यात्रा के दौरान केजरीवाल पर अटैक मामला: केजरीवाल पर अब तक कई बार हमले हो चुके हैं. आम आदमी पार्टी के गठन से पहले और दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद सड़क से लेकर दिल्ली सचिवालय तक केजरीवाल के ऊपर हमला हुआ है. लेकिन हमला होने के बाद जो मामला दर्ज हुआ उस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई हुई, किसी आरोपी को कोई सजा मिली नहीं मिली. उसके ऊपर हमले का आरोप साबित हुआ या नहीं हुआ, इसका कोई भी मामला हमले के बाद फिर कभी चर्चा में नहीं आया. हालांकि इस हमले को लेकर भी केजरीवाल काफी चर्चा में रहे.
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