रायपुर: बघेल सरकार के दौरान कथित शराब घोटाले में ईडी का एक्शन तेज हो गया है. शुक्रवार को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर दबिश दी. इस कार्रवाई में कवासी लखमा और उनके बेटे से ईडी ने पूछताछ की. इस रेड के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति में कयासों का बाजार गर्म है. ईडी के एक्शन के बाद शनिवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बात की. उन्होंने इस एक्शन पर कई सवाल उठाए हैं.
"ईडी रेड राजनीति से प्रेरित": इस दौरान कवासी लखमा ने ईडी की रेड को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि मेरे यहां की गई कार्रवाई में ईडी को कुछ नहीं मिला है. साथ ही जो जमीन के कागजात मिले हैं , वह भी हमारे पूर्वजों की जमीन है, मंत्री बनने के बाद मैंने कोई भी संपत्ति नहीं खरीदी है. यह छापा पूरी तरीके से राजनीति से प्रभावित है. मेरे पास से ईडी को एक भी पैसा और एक भी पेपर नहीं मिला है.
मैं अनपढ़ हूं और ए पी त्रिपाठी जो भी कागज लाते थे ,उस पर मैं साइन कर देता था. अब उसमें क्या होता था मुझे जानकारी नहीं है. मुझे घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है.पूरी कार्रवाई नगरीय निकाय चुनाव को प्रभावित करने और उन्हें बदनाम करने की साजिश है. इस पूरे घोटाले में उन्हें एक भी रुपया नहीं मिला है, ना ही मुझे घोटाले के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी है- कवासी लखमा, पूर्व आबकारी मंत्री, छत्तीसगढ़
डिप्टी सीएम ने लखमा के आरोपों का किया खंडन: राजनीति के तहत ईडी की कार्रवाई का आरोप पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने लगाया है. इन आरोपों को प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि कवासी लखमा पर ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित नहीं है. साव ने ईडी की कार्रवाई को प्रक्रिया के तहत होना बताया है .साव ने कहा कि यह कार्यवाही राजनीति का हिस्सा नहीं है. क्योंकि यह जांच आज की नहीं बल्कि लंबे समय से चल रही है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व पर भी जोरदार हमला बोला है. अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार में पारदर्शी तरीके से काम हो रहा है.
यह किसी राजनीति का हिस्सा नहीं है. राजनीतिक कारण से नहीं हुआ है. यह जांच की प्रक्रिया का हिस्सा है. एक बात बहुत स्पष्ट है , मंत्री के रूप में जिम्मेदारी से काम का निर्वहन करना होता है. जो बातें वह कह रहे हैं ईडी उस पर जरूर विचार करेगी, लेकिन यह बात पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है.किसी राजनीतिक कारणों से यह कार्रवाई नहीं हुई है- अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
"लंबे समय से चल रही शराब घोटाले की जांच": उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि प्रदेश में शराब घोटाले की जांच लंबे समय से चल रही है.जांच लगातार आगे बढ़ रहा है, और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ,जिस दौरान यह शराब घोटाले हुए हैं उस दौरान कवासी लखमा प्रदेश के आबकारी मंत्री थे. इसलिए जो साक्ष्य आये होंगे, उसके आधार पर ईडी ने पूछताछ की है.
कितने का शराब घोटाला?: छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार के दौरान 2000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले का आरोप लगा है. इस केस में जांच एजेंसियों की कार्रवाई चल रही है. ईडी के मुताबिक इस घोटाले में कई नेता ,मंत्री और अधिकारी के हाथ होने की बात कही गई है. ईडी की जांच लगातार जारी है. ईडी एक के बाद एक नेता मंत्री अधिकारियों के यहां दबिश दे रही है. इसी के तहत पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर पर भी ईडी ने दबिश दी. ईडी की कार्रवाई में क्या मिला इसकी जानकारी अब तक प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से नहीं दी गई है. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शराब घोटाले में कवासी लखमा का भी नाम शामिल किया गया है. इस केस में बताया जा रहा है कि एपी त्रिपाठी अभी जेल में हैं.