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यूपी पुलिस भर्ती: प्रिंटिंग प्रेस से निकलने के बाद पेपर हुआ लीक, मास्टरमाइंड ने किया बड़ा खुलासा

पुलिस भर्ती परीक्षा (Police Exam Paper Leaked Case) का पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाले कर्मचारियों ने आउट किया था. यूपी एसटीएफ ने इस पूरे गैंग का खुलासा कर दिया है. अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ पेपर निकाला था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 2:52 PM IST

लखनऊ: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 का पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाले कर्मचारियों ने आउट किया था. यूपी एसटीएफ ने इस पूरे गैंग का खुलासा कर दिया है. अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ पेपर निकाला था. एसटीएफ ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा समेत दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 23 दिसंबर 2023 को कांस्टेबल के 60244 पदों के लिए भर्ती निकली थी. जिसमें 48,17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे. 17 व 18 फरवरी को सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई और 2385 एग्जाम सेंटर में करीब 43 लाख लोगों ने एग्जाम दिया था. हालांकि दोनों ही दिन की दूसरी पाली का पेपर लीक होने पर हंगामा बरपा था, लेकिन भर्ती बोर्ड लगातार पेपर लीक होने का खण्डन करती आ रही थी. लखनऊ के कृष्णानगर थानों दर्ज एक एफआईआर के बाद यह साफ हो गया था कि 17 व 18 फरवरी के दूसरी पाली का पेपर लीक हुआ था। इसके बाद योगी सरकार ने पेपर रद्द करते हुए अगले 6 माह में दुबारा पेपर करवाने की बात कही थी.

पेपर लीक में कौशाम्बी से भी एक गिरफ्तार

इधर, पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मंझनपुर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. टीम ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पेपर लीक मामले में प्रतापगढ़ के रहने वाले अरुण कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 15 फरवरी को तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार सिंह पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी है. हालांकि गिरफ्तार के बाबत अभी पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है. बताया जा रहा है कि आरोपी को मंझनपुर थाने में रखा गया है. जहां पर उससे पूछताछ की जा रही है.

पहले हुई थी तीन लोगों की गिरफ्तारी : 15 फरवरी की शाम को मंझनपुर कोतवाली को सूचना मिली थी कि यूपी में चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर शातिरों का गैंग जिले में सक्रिय हो चुका है. पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लोंगों को झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की वसूली हो रही थी. एडीजी और आईजी के निर्देश पर एसपी ने साइबर सेल और एसओजी टीम टीम को सक्रिय किया था. इसके बाद साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश प्रसाद और एसओजी प्रभारी सिदार्थ सिंह की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के ओसा नहर पुलिया के पास एक बलेनो कार में कुछ युवक खड़े हैं. इस सूचना पर पुलिस की संयुक्त टीम ने ओसा नहर पुलिया के पास से बलेनो कार सवार तीन युवकों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें से 8 लाख 84 हजार रुपये, एक फर्जी पुलिस आईडी, 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, 18 पुलिस भर्ती के प्रवेश पत्र, दो फर्जी दस्तावेज, तीन हस्ताक्षर सहित चेक बरामद हुआ.

पुलिस ने पकड़े गए युवकों से पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि वह भर्ती शुरू होते ही अपने रिश्तेदार, परिचित के माध्यम से सक्रिय हुए थे. युवाओं ने अपना परिचय आयुष पांडेय पुत्र विनोद कुमार पांडेय निवासी भमनपुरा थाना रानीगंज जिला मऊ, पुनीत सिंह पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम जोगिनका थाना गोपीगंज भदोही, नवीन सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी हरपुर मऊ के रूप में दिया. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने भी आरोपियों से पूछताछ की. इस दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. बहरहाल गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस का मानना है कि अभी गैंग के कई सदस्य पकड़ से बाहर हैं.

पुलिस भर्ती में कब क्या हुआ

2 मार्च: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. एटीएफ ने लखनऊ से भर्ती परीक्षा में सेंधमारी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में पेपर लीक में शामिल होने की बात भी कबूली है. साथ ही पेपर आगे बेचने के लिए कहने वाले आरोपी का नाम भी बताया है.

5 मार्च : पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड रेणुका मिश्रा को हटा दिया. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में हुई चूक और एफआइआर दर्ज कराने में हीला हवाली के चलते ये कार्रवाई की गई.

6 मार्च : पेपर लीक में मेरठ एसटीएफ ने 6 लोगों को अरेस्ट किया. गिरोह के सदस्यों से मोबाइल, कार, लैपटॉप आदि की बरामद हुई है. पेपर लीक मामले में कई अहम जानकारियां मिलीं.

1 मार्च : मुजफ्फरनग में शाहपुर पुलिस और एसटीएफ टीम ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा आउट करने वाले सॉल्वर गैंग के एक सदस्य प्रवीण बालियान को गिरफ्तार किया.

22 फरवरी : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने के साक्ष्य आमंत्रित किए.

25 फरवरी: एसटीएफ ने 18 फरवरी को दूसरी पाली में लखनऊ में परीक्षा दे रहे अमन को पेपर भेजने वाले बलिया के नीरज यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया.

26 फरवरी: यूपी पुलिस भर्ती 2024 के पेपर लीक मामले में राज्य की पुलिस व एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है. 391 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी हरियाणा, दिल्ली और बिहार से की गई.

24 फरवरी : 17 और 18 फरवरी को आयोजित यूपी पुलिस की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा रद कर दी गई. छह महीने के अंदर यह परीक्षा दोबारा कराने की घोषणा की गई सीएम योगी के आदेश पर परीक्षा रद करने का फैसला लिया गया. परीक्षा में 48,17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. 17 व 18 फरवरी को सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई और 2385 एग्जाम सेंटर में करीब 43 लाख लोगों ने एग्जाम दिया था.

19 फरवरी: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने जांच टीम का गठन किया. भर्ती बोर्ड ने कहा- सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं. 48 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है. किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.

17 फरवरी : यूपी पुलिस कांस्टेबल के 60244 पदों के लिए राज्य भर के सभी 75 जिलों में बनाए गए 2385 केंद्रों पर हुई. मऊ में परीक्षा से पहले ही नकल कराने वाला गैंग पकड़ लिया गया. आगरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया.

यह भी पढ़ें : पेड़ काटने को लेकर दो पक्षों में मारपीट, दो घायल, अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का किया घेराव

यह भी पढ़ें : बकरा चुराकर भाग रहे कार सवार बदमाशों ने सिपाही को कुचला, इलाज के दौरान मौत

लखनऊ: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 का पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाले कर्मचारियों ने आउट किया था. यूपी एसटीएफ ने इस पूरे गैंग का खुलासा कर दिया है. अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ पेपर निकाला था. एसटीएफ ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा समेत दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 23 दिसंबर 2023 को कांस्टेबल के 60244 पदों के लिए भर्ती निकली थी. जिसमें 48,17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे. 17 व 18 फरवरी को सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई और 2385 एग्जाम सेंटर में करीब 43 लाख लोगों ने एग्जाम दिया था. हालांकि दोनों ही दिन की दूसरी पाली का पेपर लीक होने पर हंगामा बरपा था, लेकिन भर्ती बोर्ड लगातार पेपर लीक होने का खण्डन करती आ रही थी. लखनऊ के कृष्णानगर थानों दर्ज एक एफआईआर के बाद यह साफ हो गया था कि 17 व 18 फरवरी के दूसरी पाली का पेपर लीक हुआ था। इसके बाद योगी सरकार ने पेपर रद्द करते हुए अगले 6 माह में दुबारा पेपर करवाने की बात कही थी.

पेपर लीक में कौशाम्बी से भी एक गिरफ्तार

इधर, पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मंझनपुर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. टीम ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पेपर लीक मामले में प्रतापगढ़ के रहने वाले अरुण कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 15 फरवरी को तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार सिंह पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी है. हालांकि गिरफ्तार के बाबत अभी पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है. बताया जा रहा है कि आरोपी को मंझनपुर थाने में रखा गया है. जहां पर उससे पूछताछ की जा रही है.

पहले हुई थी तीन लोगों की गिरफ्तारी : 15 फरवरी की शाम को मंझनपुर कोतवाली को सूचना मिली थी कि यूपी में चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर शातिरों का गैंग जिले में सक्रिय हो चुका है. पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लोंगों को झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की वसूली हो रही थी. एडीजी और आईजी के निर्देश पर एसपी ने साइबर सेल और एसओजी टीम टीम को सक्रिय किया था. इसके बाद साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश प्रसाद और एसओजी प्रभारी सिदार्थ सिंह की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के ओसा नहर पुलिया के पास एक बलेनो कार में कुछ युवक खड़े हैं. इस सूचना पर पुलिस की संयुक्त टीम ने ओसा नहर पुलिया के पास से बलेनो कार सवार तीन युवकों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें से 8 लाख 84 हजार रुपये, एक फर्जी पुलिस आईडी, 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, 18 पुलिस भर्ती के प्रवेश पत्र, दो फर्जी दस्तावेज, तीन हस्ताक्षर सहित चेक बरामद हुआ.

पुलिस ने पकड़े गए युवकों से पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि वह भर्ती शुरू होते ही अपने रिश्तेदार, परिचित के माध्यम से सक्रिय हुए थे. युवाओं ने अपना परिचय आयुष पांडेय पुत्र विनोद कुमार पांडेय निवासी भमनपुरा थाना रानीगंज जिला मऊ, पुनीत सिंह पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम जोगिनका थाना गोपीगंज भदोही, नवीन सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी हरपुर मऊ के रूप में दिया. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने भी आरोपियों से पूछताछ की. इस दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. बहरहाल गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस का मानना है कि अभी गैंग के कई सदस्य पकड़ से बाहर हैं.

पुलिस भर्ती में कब क्या हुआ

2 मार्च: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. एटीएफ ने लखनऊ से भर्ती परीक्षा में सेंधमारी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में पेपर लीक में शामिल होने की बात भी कबूली है. साथ ही पेपर आगे बेचने के लिए कहने वाले आरोपी का नाम भी बताया है.

5 मार्च : पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड रेणुका मिश्रा को हटा दिया. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में हुई चूक और एफआइआर दर्ज कराने में हीला हवाली के चलते ये कार्रवाई की गई.

6 मार्च : पेपर लीक में मेरठ एसटीएफ ने 6 लोगों को अरेस्ट किया. गिरोह के सदस्यों से मोबाइल, कार, लैपटॉप आदि की बरामद हुई है. पेपर लीक मामले में कई अहम जानकारियां मिलीं.

1 मार्च : मुजफ्फरनग में शाहपुर पुलिस और एसटीएफ टीम ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा आउट करने वाले सॉल्वर गैंग के एक सदस्य प्रवीण बालियान को गिरफ्तार किया.

22 फरवरी : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने के साक्ष्य आमंत्रित किए.

25 फरवरी: एसटीएफ ने 18 फरवरी को दूसरी पाली में लखनऊ में परीक्षा दे रहे अमन को पेपर भेजने वाले बलिया के नीरज यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया.

26 फरवरी: यूपी पुलिस भर्ती 2024 के पेपर लीक मामले में राज्य की पुलिस व एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है. 391 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी हरियाणा, दिल्ली और बिहार से की गई.

24 फरवरी : 17 और 18 फरवरी को आयोजित यूपी पुलिस की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा रद कर दी गई. छह महीने के अंदर यह परीक्षा दोबारा कराने की घोषणा की गई सीएम योगी के आदेश पर परीक्षा रद करने का फैसला लिया गया. परीक्षा में 48,17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. 17 व 18 फरवरी को सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई और 2385 एग्जाम सेंटर में करीब 43 लाख लोगों ने एग्जाम दिया था.

19 फरवरी: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने जांच टीम का गठन किया. भर्ती बोर्ड ने कहा- सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं. 48 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है. किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.

17 फरवरी : यूपी पुलिस कांस्टेबल के 60244 पदों के लिए राज्य भर के सभी 75 जिलों में बनाए गए 2385 केंद्रों पर हुई. मऊ में परीक्षा से पहले ही नकल कराने वाला गैंग पकड़ लिया गया. आगरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया.

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Last Updated : Mar 15, 2024, 2:52 PM IST
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