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बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने का जुनून, रामलला-काशी विश्वनाथ के दर्शन को रवाना हुआ जत्था - FREE KASHI AYODHYA TOUR

Free Tirth Yatra, राजधानी जयपुर के कुछ युवाओं को बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि तीन साल से बुजुर्गों को देश के प्रसिद्ध मंदिरों के निशुल्क दर्शन करवा रहे हैं. इस बार अयोध्या में प्रभु श्रीराम और काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन के लिए जत्था आज बुधवार को जयपुर से रवाना हुआ.

Kashi Ayodhya Tour
बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने का जुनून (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 12, 2024, 3:08 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजधानी जयपुर के कुछ युवाओं को बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने का ऐसा जुनून चढ़ा कि वे तीन साल से बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थ यात्रा पर ले जा रहे हैं. इस बार उनकी इस मुहिम में 50 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के साथ ही काशी विश्वनाथ महादेव, मथुरा-वृंदावन और गोवर्धनजी के मंदिरों के दर्शन करवाए जाएंगे. तीर्थ यात्रियों का यह जत्था बुधवार को विधिवत पूजा-अर्चना और प्रभु श्रीराम के जयकारों के साथ जयपुर से रवाना हुआ. जयपुर सांसद मंजू शर्मा ने पूजा-अर्चना के बाद भगवा झंडी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया.

इस मौके पर सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थ यात्रा पर ले जाना पुण्य का काम है और यह टीम लगातार तीन साल से इस काम में जुटी हुई है. उन्होंने तीर्थ यात्रियों की सुखद यात्रा की कामना की. उन्होंने यह भी कहा कि जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है और इसी तरह की परोपकार की भावना से यह कारवां लगातार आगे बढ़ता रहे. यह प्रभु श्रीराम और महादेव से प्रार्थना है.

पढे़ं : कमाल की कारीगरी, ब्रह्मा की नगरी में बनाई 'राम मंदिर' की सुंदर कलाकृति

रहने-खाने का निशुल्क इंतजाम : यात्रा संचालन समिति के हेमराज सरवता ने बताया कि वे अपने साथियों के साथ तीन साल से बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर ले जा रहे हैं. आने-जाने के साथ ही खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम भी इन यात्रियों के लिए निशुल्क किया जाता है. किसी भी यात्री से एक रुपया भी नहीं लिया जाता है. इसके लिए बाकायदा पहले वे यात्रियों का पंजीयन करते हैं. उनका कहना है कि अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन और गोवर्धनजी के दर्शन के बाद यह जत्था 18 जून को जयपुर पहुंचेगा.

पहले ऋषिकेश-हरिद्वार, मथुरा-वृन्दावन की यात्रा : हेमराज सरवता ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला को देखकर उनके मन में यह भाव आया था. वह महिला आर्थिक स्थिति के कारण किसी तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाई थी. इसके बाद उन्होंने अपने साथियों से चर्चा की और बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थयात्रा पर ले जाने का तय किया. वे साल 2023 में बुजुर्गों को मथुरा-वृंदावन की यात्रा पर ले गए थे. जबकि पहले साल 2022 में ऋषिकेश-हरिद्वार की यात्रा पर गए थे. यात्रा का संचालन हेमराज सरावता, एडवोकेट प्रिया सरावता, संजय शास्त्री, मनोज सरावता और जयप्रकाश की ओर से किया जा रहा है.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजधानी जयपुर के कुछ युवाओं को बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने का ऐसा जुनून चढ़ा कि वे तीन साल से बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थ यात्रा पर ले जा रहे हैं. इस बार उनकी इस मुहिम में 50 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के साथ ही काशी विश्वनाथ महादेव, मथुरा-वृंदावन और गोवर्धनजी के मंदिरों के दर्शन करवाए जाएंगे. तीर्थ यात्रियों का यह जत्था बुधवार को विधिवत पूजा-अर्चना और प्रभु श्रीराम के जयकारों के साथ जयपुर से रवाना हुआ. जयपुर सांसद मंजू शर्मा ने पूजा-अर्चना के बाद भगवा झंडी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया.

इस मौके पर सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थ यात्रा पर ले जाना पुण्य का काम है और यह टीम लगातार तीन साल से इस काम में जुटी हुई है. उन्होंने तीर्थ यात्रियों की सुखद यात्रा की कामना की. उन्होंने यह भी कहा कि जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है और इसी तरह की परोपकार की भावना से यह कारवां लगातार आगे बढ़ता रहे. यह प्रभु श्रीराम और महादेव से प्रार्थना है.

पढे़ं : कमाल की कारीगरी, ब्रह्मा की नगरी में बनाई 'राम मंदिर' की सुंदर कलाकृति

रहने-खाने का निशुल्क इंतजाम : यात्रा संचालन समिति के हेमराज सरवता ने बताया कि वे अपने साथियों के साथ तीन साल से बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर ले जा रहे हैं. आने-जाने के साथ ही खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम भी इन यात्रियों के लिए निशुल्क किया जाता है. किसी भी यात्री से एक रुपया भी नहीं लिया जाता है. इसके लिए बाकायदा पहले वे यात्रियों का पंजीयन करते हैं. उनका कहना है कि अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन और गोवर्धनजी के दर्शन के बाद यह जत्था 18 जून को जयपुर पहुंचेगा.

पहले ऋषिकेश-हरिद्वार, मथुरा-वृन्दावन की यात्रा : हेमराज सरवता ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला को देखकर उनके मन में यह भाव आया था. वह महिला आर्थिक स्थिति के कारण किसी तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाई थी. इसके बाद उन्होंने अपने साथियों से चर्चा की और बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थयात्रा पर ले जाने का तय किया. वे साल 2023 में बुजुर्गों को मथुरा-वृंदावन की यात्रा पर ले गए थे. जबकि पहले साल 2022 में ऋषिकेश-हरिद्वार की यात्रा पर गए थे. यात्रा का संचालन हेमराज सरावता, एडवोकेट प्रिया सरावता, संजय शास्त्री, मनोज सरावता और जयप्रकाश की ओर से किया जा रहा है.

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