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विध्वंस का मंजर याद कर डबडबाईं कारसेवक रमाकांत शर्मा की आखें, बताई कोठारी बंधुओं की कुर्बानी

Ram mandir pran pratishtha: अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने की घटना को लेकर कारसेवक आज भी भावुक हो जाते हैं. उन्हीं कारसेवकों में से एक रमाकांत शर्मा ने उस समय का मंजर बताया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

ram mandir pran pratishtha
ram mandir pran pratishtha
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 21, 2024, 4:36 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 1:33 PM IST

रमाकांत शर्मा से बातचीत

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक है. लेकिन आज भी लोग वह दिन नहीं भुला पाए हैं, जब लाखों कारसेवकों ने वहां विवादित ढांचे को गिराया था. इस घटना में कई लोगों ने अपने जान की आहूति दे दी थी. वहीं, कुछ कारसेवक ऐसे हैं, जो आज भी कोठारी बंधुओं की कहानी को याद कर से भावुक हो जाते हैं. ऐसे ही एक कारसेवक है रमाकांत शर्मा.

दिल्ली के बलबीर नगर के रहने वाले रमाकांत शर्मा ने बताया कि वह भी कारसेवा में गए थे. उस समय उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. इस दौरान कलकत्ता से आए दो भाई जो कोठरी बंधु के नाम से प्रसिद्ध थे, वो गोलियों से बुरी तरह जख्मी हो गए थे, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई थी. उस समय मंजर ऐसा था कि उनके शव को खोजना भी मुश्किल था. आज भी उस जगह को खूनी मकान के नाम से जाना जाता है.

उन्होंने बताया कि आज भी मेरी आंखों में वो दृश्य घूम जाता है, जब सभी कारसेवक एक साथ राम मंदिर निर्माण का कीर्तन करते हुए विवादित ढांचे के करीब जा रहे थे. इसी घटना में कोठरी बंधुओं को गोली लगी. इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को छिपा दिया. आज भी कोठारी परिवार इस बात को सोच कर खुद को संभाल नहीं पाते कि उनके बेटों का शव भी उन्हें नहीं मिला.

यह भी पढ़ें-राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पहले गाजियाबाद में डेढ़ लाख परिवारों तक विहिप द्वारा पहुंचाया गया पूजित अक्षत

वहीं कोठरी बंधुओं की बहन पूर्णिमा ने हाल ही में कहा कि अब जब राम जन्मभूमि भी पर रामलला की बालरूपी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तो उनको लगता है कि उनके भाई वापस आ रहे हैं. रमाकांत शर्मा ने कहा कि ये सनातन धर्म की जीत है हमारा सौभाग्य है कि 71 की उम्र में हम प्रभु राम को अयोध्या वापस आते देख पा रहे हैं. घर घर भगवा रंग छाया हुआ है. इससे ज्यादा खुशी की और कोई बार नहीं हो सकती.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद में 22 जनवरी को मंदिरों में होगा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण, रामलीला का भी होगा आयोजन

रमाकांत शर्मा से बातचीत

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक है. लेकिन आज भी लोग वह दिन नहीं भुला पाए हैं, जब लाखों कारसेवकों ने वहां विवादित ढांचे को गिराया था. इस घटना में कई लोगों ने अपने जान की आहूति दे दी थी. वहीं, कुछ कारसेवक ऐसे हैं, जो आज भी कोठारी बंधुओं की कहानी को याद कर से भावुक हो जाते हैं. ऐसे ही एक कारसेवक है रमाकांत शर्मा.

दिल्ली के बलबीर नगर के रहने वाले रमाकांत शर्मा ने बताया कि वह भी कारसेवा में गए थे. उस समय उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. इस दौरान कलकत्ता से आए दो भाई जो कोठरी बंधु के नाम से प्रसिद्ध थे, वो गोलियों से बुरी तरह जख्मी हो गए थे, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई थी. उस समय मंजर ऐसा था कि उनके शव को खोजना भी मुश्किल था. आज भी उस जगह को खूनी मकान के नाम से जाना जाता है.

उन्होंने बताया कि आज भी मेरी आंखों में वो दृश्य घूम जाता है, जब सभी कारसेवक एक साथ राम मंदिर निर्माण का कीर्तन करते हुए विवादित ढांचे के करीब जा रहे थे. इसी घटना में कोठरी बंधुओं को गोली लगी. इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को छिपा दिया. आज भी कोठारी परिवार इस बात को सोच कर खुद को संभाल नहीं पाते कि उनके बेटों का शव भी उन्हें नहीं मिला.

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वहीं कोठरी बंधुओं की बहन पूर्णिमा ने हाल ही में कहा कि अब जब राम जन्मभूमि भी पर रामलला की बालरूपी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तो उनको लगता है कि उनके भाई वापस आ रहे हैं. रमाकांत शर्मा ने कहा कि ये सनातन धर्म की जीत है हमारा सौभाग्य है कि 71 की उम्र में हम प्रभु राम को अयोध्या वापस आते देख पा रहे हैं. घर घर भगवा रंग छाया हुआ है. इससे ज्यादा खुशी की और कोई बार नहीं हो सकती.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद में 22 जनवरी को मंदिरों में होगा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण, रामलीला का भी होगा आयोजन

Last Updated : Jan 23, 2024, 1:33 PM IST
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