नई दिल्ली: बुधवार को किसान आंदोलन के दूसरे दिन दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती लगातार बनी हुई है. दिल्ली आने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर जहां सुरक्षा के तमाम व्यापक इंतजाम किए गए हैं. वहीं साउथ वेस्ट दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण बॉर्डर में से एक कापसहेड़ा बॉर्डर पर भी काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद है. यहां पर भी क्रेन, कंटेनर और बड़े-बड़े सीमेंट के गार्डर रखे हुए हैं. आंसू गैस के गोलों के साथ पुलिसकर्मियों की तैनाती है.
खुद जिला के डीसीपी रोहित मीणा बॉर्डर पर पहुंचकर कई बार पुलिस कर्मियों को समय-समय पर ब्रीफ कर रहे हैं. यहां पर एसीपी देवेंद्र कुमार की देखरेख में एसएचओ नवीन कुमार, रविंद्र कुमार त्यागी, लक्ष्मी नारायण सैनी, इंस्पेक्टर विकास कुमार, दुर्गा प्रसाद की देखरेख में पुलिस के जवानों की तैनाती है, जो एंटी राइट्स इक्विपमेंट लेकर बॉर्डर पर मौजूद है और किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. यहां पर काफी संख्या में महिला पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई है.
गौरतलब है की कापसहेड़ा बॉर्डर के दूसरे हिस्से में हरियाणा के साइबर सिटी गुरुग्राम का हिस्सा लगता है. यहां से रोजाना लाखों की संख्या में जहां एक तरफ गाड़ियों का आने-जाने का सिलसिला दिन और रात भर लगा रहता है. वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम इलाके की फैक्ट्री में काम करने वाले हजारों लोग कापसहेड़ा के अलग-अलग कॉलोनी में रहते हैं.
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भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच यहां पर हरियाणा और दिल्ली के बीच लोगों के आने और जाने के सिलसिले में कोई कमी नहीं दिखाई पड़ रही है. लेकिन पुलिसकर्मी बैरिकेडिंग करके पैनी नजर गड़ाए हुए हैं.किसानों के द्वारा दिल्ली कूच का असर जब तक रहेगा तब तक कापसहेड़ा बॉर्डर पर भी पुलिस की तैनाती बनी रहेगी.
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