कानपुर : सूबे के 20 से अधिक राज्य विश्वविद्यालयों में शामिल छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के अनुदानित कॉलेजों के स्ववित्तपोषित शिक्षक भी अब पीएचडी करा सकेंगे. प्रदेश में सीएसजेएमयू पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसने अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के शिक्षकों को मौका दिया है. कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक की ओर से लिए गए फैसले के बाद शिक्षकों में हर्ष की लहर है.
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही विश्वविद्यालय की ओर से 555 सीटों पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराने की भी घोषणा की गई थी. सीएसजेएमयू के फैसले से प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी अब स्ववित्तपोषित शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनाने की राह खुल गई है. इस मामले को लेकर अनुदानित महाविद्यालय स्वपोषित शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने नया शिक्षक कोड- टीचर ऐडेड सेल्फ फाइनेंस (टीएएस) भी जारी कर दिया है. सभी शिक्षकों को अब पीएचडी पर्यवेक्षक भी बनाया जाएगा. साथ ही पेपर बनाने और अन्य शैक्षिक दायित्व सौंपने का भी निर्णय लिया गया है. स्ववित्तपोषित शिक्षकों का चयन भी विश्वविद्यालय के सदस्यों द्वारा किया जाता है और सभी यूजीसी मानकों को भी पूरा किया जाता है.
शोधार्थियों को 425 नए शोध शिक्षक मिलेंगे : सीएसजेएमयू के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि अनुदानित महाविद्यालयों में स्नातक और परास्नातक स्तर पर एनईपी के पाठ्यक्रमों को स्ववित्तपोषित व्यवस्था के अनुसार संचालित किया जा रहा है. बीएससी, एमएससी से लेकर बीकॉम, एमकॉम और अन्य विषयों का शिक्षण कार्य भी स्ववित्तपोषित शिक्षकों के जिम्मे है. अनुदानित कॉलेजों में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 425 है. विश्वविद्यालय में भी इसी माह 555 सीटों पर पीएचडी प्रवेश देने के फैसला किया है. ऐसे में अब अनुदानित कॉलेजों के 400 से अधिक शिक्षकों को शोध शिक्षक बनने का भी मौका मिल जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने इस संबंध में अधीनस्थ अफसरों को जल्द से जल्द कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
डिग्री कॉलेज के प्रबंधक बोले प्रवेश करते हैं एक और मौका : छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से संबंध अधिकांश डिग्री कॉलेजों में जो प्रवेश की स्थिति है वह बहुत ही खराब है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा छात्र दाखिला ले सकें. इसके लिए प्रबंधकों ने वीसी से मांग की है कि वह प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 21 अगस्त को अब आगे बढ़ा दें. इस संबंध में सीएसजेएमयू के प्रशासनिक अफसरों ने बुधवार शाम तक निर्णय लेने की बात कही है. सीएसजेएमयू के कुलसचिव डॉ. अनिल यादव ने बताया कि प्रबंधकों की बात को देखते हुए वह कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक से वार्ता करेंगे. उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा.