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साबरमती एक्सप्रेस हादसे में बड़ा खुलासा, ट्रेन को पलटाने के लिए ट्रैक पर रखा गया था 26 साल पुराना रेलवे पटरी का टुकड़ा - Kanpur Sabarmati accident

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 1:29 PM IST

साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने की घटना के बाद कई टीमें जांच में जुटी थीं. शुरुआत जांच में ही घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही थी. एसएजी टीम की जांच रिपोर्ट ने यह आशंका सच साबित होती हुई नजर आ रही है.

जांच में साजिश की आशंका और मजबूत.
जांच में साजिश की आशंका और मजबूत. (Photo Credit; Media Cell Commissionerate Police Kanpur)

कानपुर : शहर के गोविंदपुरी स्टेशन से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन मार्ग पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी. घटना 16 अगस्त की रात हुई थी. ट्रेन के लगभग 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. रेलवे समेत खुफिया विभाग के अफसरों को जांच में पता चला था कि ट्रैक पर एक भारी बोल्डर रखा गया था. इससे इंजन का कैटल गार्ड टकराया था. इसके बाद ट्रेन बेपटरी हो गई. इस घटना के पीछे साजिश की आशंका थी. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.

रेलवे की वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की टीम ने प्राथमिक जांच के दौरान तैयार रिपोर्ट में बताया है कि 26 साल पुराना एक पटरी का टुकड़ा रेलवे ट्रैक पर आया था. इससे साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी. ये टुकड़ा 90 आर रेल का था. 1998 तक रेलवे इस तरह ही पटरियों का प्रयोग करता था. अब साजिश की दिशा में टीमों ने अपनी जांच आगे बढ़ा दी है.

पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में 16 अगस्त की रात में साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. घटना रात करीब 2.35 बजे हुई थी. हादसे में कोई यात्री घायल नहीं हुआ था. जांच के लिए एसएजी (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) की टीम गठित की गई थी. टीम ने शहर में रहकर ही हादसे के कारणों को जानने की कोशिश की थी. पटरी के टुकड़े के अलावा इंजन के स्पीडोमीटर की भी जांच हुई थी.

जांच करती टीम (फाइल फोटो)
जांच करती टीम (फाइल फोटो) (Photo Credit; Media Cell Commissionerate Police Kanpur)

रेलवे की एसएजी टीम के पास बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे यात्री : साबरमती एक्सप्रेस के डिटेल होने के मामले में रेलवे की एसएजी की टीम ने जो जांच की कार्य योजना बनाई थी, उसमें रेलवे यात्रियों के बयान दर्ज करने की भी प्रक्रिया को शामिल किया गया था. अफसरों की ओर से यात्रियों को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक कोई भी यात्री रेलवे की एसएजी की टीम को बयान देने नहीं पहुंचा है.

रेलवे की ओर से बयानों को लेकर केवल 27 अगस्त तक ही इंतजार किया जाएगा. इसके बाद पूरी रिपोर्ट उत्तर मध्य रेलवे के जीएम को सौंप दी जाएगी. वहीं इस पूरे मामले पर कानपुर और झांसी से कुल 37 रेलवे कर्मियों का बयान दर्ज किए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में फिर बड़ा रेल हादसा; कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां पटरी से उतरीं, आधी रात मची चीख-पुकार

यह भी पढ़ें : साबरमती एक्सप्रेस को कानपुर में थी पलटाने की साजिश! ATS समेत कई एजेंसियों की टीमें जांच में जुटी

यह भी पढ़ें : कानपुर रेल हादसा; क्या साबरमती एक्सप्रेस के स्पीडोमीटर छुपा है डिरेलमेंट का राज, रेलवे अफसर जांच में जुटे

कानपुर : शहर के गोविंदपुरी स्टेशन से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन मार्ग पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी. घटना 16 अगस्त की रात हुई थी. ट्रेन के लगभग 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. रेलवे समेत खुफिया विभाग के अफसरों को जांच में पता चला था कि ट्रैक पर एक भारी बोल्डर रखा गया था. इससे इंजन का कैटल गार्ड टकराया था. इसके बाद ट्रेन बेपटरी हो गई. इस घटना के पीछे साजिश की आशंका थी. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.

रेलवे की वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की टीम ने प्राथमिक जांच के दौरान तैयार रिपोर्ट में बताया है कि 26 साल पुराना एक पटरी का टुकड़ा रेलवे ट्रैक पर आया था. इससे साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी. ये टुकड़ा 90 आर रेल का था. 1998 तक रेलवे इस तरह ही पटरियों का प्रयोग करता था. अब साजिश की दिशा में टीमों ने अपनी जांच आगे बढ़ा दी है.

पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में 16 अगस्त की रात में साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. घटना रात करीब 2.35 बजे हुई थी. हादसे में कोई यात्री घायल नहीं हुआ था. जांच के लिए एसएजी (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) की टीम गठित की गई थी. टीम ने शहर में रहकर ही हादसे के कारणों को जानने की कोशिश की थी. पटरी के टुकड़े के अलावा इंजन के स्पीडोमीटर की भी जांच हुई थी.

जांच करती टीम (फाइल फोटो)
जांच करती टीम (फाइल फोटो) (Photo Credit; Media Cell Commissionerate Police Kanpur)

रेलवे की एसएजी टीम के पास बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे यात्री : साबरमती एक्सप्रेस के डिटेल होने के मामले में रेलवे की एसएजी की टीम ने जो जांच की कार्य योजना बनाई थी, उसमें रेलवे यात्रियों के बयान दर्ज करने की भी प्रक्रिया को शामिल किया गया था. अफसरों की ओर से यात्रियों को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक कोई भी यात्री रेलवे की एसएजी की टीम को बयान देने नहीं पहुंचा है.

रेलवे की ओर से बयानों को लेकर केवल 27 अगस्त तक ही इंतजार किया जाएगा. इसके बाद पूरी रिपोर्ट उत्तर मध्य रेलवे के जीएम को सौंप दी जाएगी. वहीं इस पूरे मामले पर कानपुर और झांसी से कुल 37 रेलवे कर्मियों का बयान दर्ज किए जा चुके हैं.

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