कानपुर: शहर में जमीनों पर कब्जे के तो कई मामले कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के अफसरों की टेबल तक शिकायतों के तौर पर पहुंचते थे. लेकिन, बुधवार को तो अफसर उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें मालूम हुआ बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में करीब 57.93 करोड़ रुपये की जमीनों पर 37 काश्तकारों ने खतौनी में अपना नाम सालों से लिखवा रखा है. जबकि उन जमीनों पर मालिकाना हक केडीए का है.
केडीए के विशेष कार्याधिकारी रवि प्रताप सिंह ने जब यह फर्जीवाड़ा पकड़ा, तो फौरन ही जमीनों पर कब्जा लेने के लिए लैंडबैंक टीम का गठन कर गंभीरता से जहां जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, केडीए अफसरों का कहना है राजस्व अधिकारियों ने इन जमीनों पर खेल किया है. कागजों में हेराफेरी कर जमीनों को गलत ढंग से काश्तकारों के नाम कर दिया गया. अधिकतर जमीनें तालाब, ऊसर व बंजर भूमि वाली हैं. अब, बहुत जल्द प्राधिकरण के अफसर इन जमीनों पर नियमानुसार कब्जा लेंगे. केडीए के आला अफसरों का दावा है, करीब दो माह के अंदर यह दूसरा जमीन से संबंधित फर्जीवाड़ा का बड़ा मामला सामने आया है.
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आधार वर्ष से कराया मिलान, तो सामने आ गई सच्चाई: केडीए के ओएसडी व उपजिलाधिकारी डॉ.रवि प्रताप सिंह ने बताया, जब आधार वर्ष से बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में जमीनों का मिलान कराया गया. खतौनी देखी गईं तो हकीकत सामने आ गई. केडीए की जमीनों पर 37 काश्तकारों के नाम अंकित मिले हैं. अब केडीए की ओर से जिला प्रशासन को इन काश्तकारों की सूची सौंपी जाएगी. कई जमीनों के मामले ऐसे हैं, जिनमें लेखपाल की भूमिका भी संदिग्ध है. बोले, शहर के कई अन्य क्षेत्रों में भी केडीए के अफसर जमीनों की जांच करा रहे हैं.
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