कानपुर: जिले के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक ऑटो चालक द्वारा इच्छा मृत्यु मांगने पर उसकी मदद करते हुए उसे गणतंत्र दिवस पर जहां विशिष्ट अतिथि बना दिया था. अब एक बार फिर कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के एक फैसले से वह सुर्खियों में हैं. दरअसल, जब शुक्रवार को डीएम अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई कर रहे थे, उसी समय किदवई नगर निवासी माधवी तिवारी अपने प्रार्थना पत्र के साथ उनके पास पहुंची.
माधवी तिवारी ने डीएम को बताया कि वह पिछले सात सालों से अपने एक प्लॉट पर दाखिल खारिज कराने संबंधी काम को लेकर घाटमपुर तहसील के चक्कर काट कर थक चुकी हैं. घाटमपुर तहसील के अफसर हमेशा ही उनके काम को लंबित कर देते हैं. माधवी तिवारी ने बताया डीएम ने उनकी बात सुनते ही फौरन ही घाटमपुर तहसील में फोन किया और महज सात घंटे के अंदर ही उनके प्लॉट के दाखिल खारिज का काम हो गया.
माधवी तिवारी ने बताया कि ऐसा डीएम तो हर जिले में होना चाहिए. इस तरीके से फैसले लेने वाले अफसर होंगे तो जनता को निश्चित तौर पर बहुत अधिक राहत मिलेगी. वहीं उन अफसरों को भी इसे कम से कम यह सीख लेनी चाहिए. किसी को बेवजह परेशान करने से बेहतर है उसका काम समय से कर दिया जाए.
माधवी तिवारी ने बताया कि 29 मई 2018 को पहली बार उन्होंने घाटमपुर तहसील में अपने एक प्लॉट के संबंध में दाखिल खारिज करने का प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन लगातार सात सालों तक विभागीय अफसरों ने केवल और केवल चक्कर कटवाए, उनका काम भी नहीं किया. वहीं जब वह शुक्रवार को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के पास पहुंची तो कुछ घंटे में उनका काम हो गया.
यह भी पढ़ें: बंदूक का लाइसेंस बनवाने पहुंचे युवक ने खुद को बताया डिप्टी एसपी, DM के सामने पहुंचते ही खुली पोल
यह भी पढ़ें: ग्रीन पार्क स्टेडियम के छात्रावास निर्माण में मिलीं कई खामियां, सभी कामों की जांच के आदेश