कांकेर: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस पहली सूची में छत्तीसगढ़ के 11 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर अंतागढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाया गया है. भोजराज नाग जनजाति सुरक्षा मंच के संगठन मंत्री है और लगातार धर्मांतरण को लेकर आवाज उठाते आए है. क्षेत्र में बैगा के नाम से प्रसिद्ध है. ETV भारत संवाददाता तामेश्वर सिन्हा ने भोजराज नाग से चुनावी मुद्दों और राजनीतिक सफर पर बात की.
सवाल: केंद्रीय नेतृत्व ने आप पर भरोसा जताते हुए कांकेर लोकसभा से पार्टी का टिकट दिया है, क्या कहेंगे?
जवाब: निश्चित ही केंद्रीय, प्रदेश नेतृत्व और जिला संगठन ने मुझ पर भरोसा जताया है. मुझ जैसे छोटे व्यक्ति को भाजपा पार्टी ने सांसद पद का प्रत्याशी बनाया है. ऐसा भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है. भारतीय जनता पार्टी छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़े से बड़ा दायित्व देने का काम करती है. दूसरी पार्टी सिर्फ परिवारवाद की पार्टी है. उसने सिर्फ एक परिवार के लोग स्थापित हो गए है. एक ही परिवार को बार-बार मौका देती है. भारतीय जनता पार्टी में कोई भी छोटे से छोटे कार्यकर्ता हो उसको मौका मिलता है.
सवाल: कांकेर लोकसभा सीट में किन मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में होंगे?
जवाब: इस लोकसभा में ही नहीं पूरे हिंदुस्तान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी योजना, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना, महिलाओं के लिए उज्जवला गैस योजना तमाम योजनाएं जो जनकल्याणकारी योजनाएं हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है. मोदी जी की जो गारंटी की योजना है उसे लेकर मैदान में होंगे. छत्तीसगढ़ में 3100 धान खरीदी, महतारी वंदन योजना के माध्यम से 1000 रुपये माताओं बहनों को देने की योजना है. इस प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर हम चुनाव में उतरने वाले हैं.
सवाल: आपका राजनीतिक सफर कैसे रहा है?
जवाब: मेरा राजनीतिक सफर सरपंच से लेकर शुरुआत हुई थी. मैं अंतागढ़ की ग्राम की हिमोडा में सरपंच रहा, इसके बाद अंतागढ़ में जनपद का अध्यक्ष बना, फिर अंतागढ़ में जिला पंचायत सदस्य बना, इसके बाद विधायक भी बना. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने मुझे सांसद का प्रत्याशी बनाया है. मैं मंडल का अध्यक्ष भी रहा हूं. इसके अलावा जिला महासचिव के पद पर भी काम कर चुका है.
सवाल: विवादित बयानों को लेकर आप चर्चा में रहे हैं?
जवाब: मैं जो बोलता हूं इसमें कोई विवाद की बात नहीं है. मैं जो बोलता हूं वह दिल से बोलता हूं. कई बार लोगों को बुरा लग जाता है. इसमें बुरा मानने की बात नहीं है. जो व्यक्ति चाहे वह अधिकारी हो या कोई भी व्यक्ति अगर गलत करता है तो उसको थोड़ा बहुत डांट फटकार जरूरी है. जो आदमी अच्छा करता है उसकी हम तारीफ भी करते हैं और हमारे यहां ऐसी व्यवस्था भी है जो आदमी चाहे वह घर में हो या परिवार में हो बड़े बुजुर्ग होने के नाते जवाबदारी पद में होने के नाते उसको फटकार लगाते हैं. जो अच्छा काम करते हैं उसका सम्मान भी करते हैं.
सवाल: आप धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर हमेशा मैदान में रहे हैं और मुखर होकर आवाज उठाते है?
जवाब: जनजाति सुरक्षा मंच का ही नहीं प्रत्येक सनातनी व्यक्ति जो हिंदू धर्म को मानता है, अपने देवी देवता को मानता है, समाज के रीति नियम को मानता है, ऐसे हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह अपने धर्म संस्कृति को बचाने के लिए अपने देवी देवता को बचाने के लिए निश्चित रूप से जो विदेशी षड्यंत्रकारियों द्वारा हमारे समाज को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, हमारे लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है, इसके विरुद्ध हम आवाज उठाते हैं और उठाते रहेंगे.
सवाल: नक्सली संगठन ने पर्चा जारी कर आपको धमकी दिया था इसे चुनौती मानते है.
जवाब: मैं इसको बिल्कुल चुनौती नहीं मानता हूं. भगवान राम, हमारे देवी देवता सबका आशीर्वाद मुझे मिला है. मैं संविधान पर भरोसा करता हूं. मैं स्वयं अच्छा काम करता हूं. ऐसा मैं मानता हूं इसलिए मुझे किसी की चुनौती नहीं है.
सवाल: क्षेत्र में बैगा के नाम से भी जाने जाते हैं?
जवाब: यहां जो परंपरा है देव आने का प्राचीन काल से आदिवासी समाज में है. मैं ही नहीं बस्तर समाज में लाखों लोग पूरे भारत देश में जो आदिवासी समाज के लोग हैं उसमें बैगा पुजारी की प्रथा है. निश्चित रूप से हम आत्मा को परमात्मा से जोड़ते हैं, जिस प्रकार से बड़े-बड़े ऋषि मुनि और साधु संत आत्मसाद हो जाते थे भगवान के ध्यान में मग्न हो जाते थे एक प्रकार से भगवान से साक्षात्कार करते थे उसी प्रकार से आदिवासी समाज का जो बैगा होता है वह देवी देवता से आत्मसात हो जाता है, डायरेक्ट उनके तार जुड़ जाता है, संबंध जुड़ जाता है. वही मैं बैगा के रूप में काम भी करता हूं.
सवाल: कांकेर लोकसभा के पांच विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है. पिछले लोकसभा में जीत का अंतर भी कम था कितना टास्क मानते हैं?
जवाब: यहां पर मोदी की लहर है. मोदी का भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं. इसीलिए किसी प्रकार की चुनौती नहीं है. पिछले समय आठ विधानसभा में हमारे विधायक नहीं थे फिर भी हमने इस लोकसभा सीट को जीता है. जब से छत्तीसगढ़ राज्य बना है तब से पूरे लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी पूरे बहुमत में लोकसभा सीट जीतकर आती रही है. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के पूरे 11 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है अबकी बार 400 पार इस नारा को लेकर हम काम कर रहे हैं.