संभल : कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की भूमि भारत की है, न ओवैसी की है और न ही बाबर या तैमूर लंग की. भारत की भूमि पर भारत का अधिकार है. उन्होंने विपक्षी नेताओं से कहा कि अगर वह मुख्य धारा में नहीं लौटे तो बाबर और तैमूर लंग की तरह मिट जाएंगे.
संभल के ऐचौड़ा कम्बोह में शनिवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारत की भूमि भारत की है, न ओवैसी की, न बाबर की, न औरंगजेब की, न तैमूर की न लार्ड एडविन की और न ही मैकाले की. भारत की भूमि पर भारत का अधिकार है. उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर किसी बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है. भारत की सरकार और भारत की संसद इस फैसले को लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र भी है, सक्षम और समर्थ भी है. किसी भी बोर्ड का गठन परमात्मा ने नहीं किया है. भारत के संविधान में दी हुई शक्तियों का प्रयोग या दुरुपयोग करके किया गया है. भारत की संसद के द्वारा यदि कोई कानून आता है, उसे सभी भारतवासियों को मानना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड को खत्म किया जाता है तो वह उसका स्वागत करेंगे. उन्होंने कहा कि सनातन के विरोधियों को यह समझ लेना चाहिए कि सनातन को मिटाने वाले मिट गए और जितने भी यह सनातन विरोधी सो कॉल्ड सेकुलर नेता हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि भारत भावनाओं का देश है. भारत कृषि प्रधान के साथ ऋषि प्रधान देश है. भारत में सनातन का विरोध नहीं चलेगा, क्योंकि सनातन धर्म ऐसा धर्म है जिसकी उत्पत्ति भारत की भूमि पर हुई है, इसीलिए भारत में सभी धर्मों का सम्मान है. लेकिन सभी धर्म समान नहीं हैं, क्योंकि बाकी की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई है, इसीलिए सनातन और भारत को अलग करके नहीं देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वह सभी विपक्षी नेताओं से निवेदन करना चाहते हैं कि वो मुख्यधारा में लौटे और 'भारत माता की जय' बोलना शुरू करें, वंदे मातरम गाना शुरू करें, भारत में अमर शहीदों को नमन करना शुरू करें, भारत की सेना का सम्मान करना शुरू करें जिस तरह बाबर और तैमूर मिट गए, उसी तरह सो कॉल्ड नेता भी मिट जाएंगे.