यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में कलेसर नेशनल पार्क में जंगल सफारी में रुचि रखने वाले पर्यटकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. बीती 1 जुलाई से बंद हुई जंगल सफारी को 15 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए शुरू किया जाना था. लेकिन इस बार बरसात के सीजन के अंतिम दिनों में हुई तेज बरसात के कारण पर्यटकों का इंतजार और लंबे समय तक खींच सकता है.
बरसात में खराब हुए रास्ते: दरअसल, बरसाती सीजन के अंतिम दिनों में हुई बरसात के कारण जंगल सफारी के लिए वन विभाग द्वारा तैयार किए गए रास्ते खराब हो गए थे. जिन्हें दुरुस्त करने में विभाग जुड़ा हुआ है. विभाग द्वारा अधिकतर रास्ते ठीक कर लिए गए हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार जंगल सफारी शुरू होने में नवंबर तक का समय लग सकता है. विभाग का प्रयास है कि किसी भी तरह 1 नवंबर से पहले पहले जंगल सफारी को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए.
कलेसर वन्य वन्य जीव प्राणी विहार में हिरण, चीतल, सांभर और बारासिंघा का वर्चस्व कायम है. जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को हिरण, चीतल, सांभर और बारहसिंघा जैसे जानवर मायूस नहीं होने देते. जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को अक्सर हिरण, चीतल जैसे जानवर बहुत तादात में दिखाई देते हैं. जंगल सफारी शुरू करते ही इन जानवरों के झुंड पर्यटकों का मन मोह लेते हैं. कई बार पर्यटकों को तेंदुआ और हाथी भी दिखाई दे सकते हैं. कलेसर नेशनल पार्क में हिरण, चीतल, सांभर, वनबकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, बटेर, खरगोश, गिलहरी, अजगर, कोबरा जैसे जीव जंतु बहुतायत मात्रा में घूमते रहते हैं.
पार्क में दिखते हैं ये जानवर: कलेसर नेशनल पार्क में इस वक्त वन्य एवं वन्य जीव प्राणी विभाग के मुताबिक एक टाइगर 45 तेंदूए और 13 हाथी मौजूद हैं. यहां टाइगर ने पिछले एक वर्ष से लगातार डेरा जमाया हुआ है. वहीं, 45 की संख्या में तेंदुए नेशनल पार्क में घूम रहे हैं. पिछले कुछ सालों से तेंदुए की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यहां तेंदुए की प्रजनन रफ्तार भी काफी तेज है. वहीं, यहां पर तीन हाथियों ने परमानेंट ठिकाना बनाया हुआ है. 10 हाथी कभी नेशनल पार्क कभी सिंबल बाद तो कभी उत्तराखंड के राजा जी नेशनल पार्क में आना-जाना करते रहते हैं.
सांप और अजगर भी मौजूद: नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में अजगर और सांप मौजूद हैं जो समय-समय पर यमुना नदी और नेशनल हाईवे पर दिखाई देते हैं. यहां 8 फीट से लेकर 18 फीट तक लंबे अजगर मौजूद हैं. विभाग द्वारा गर्मियों के दिनों में पानी की तलाश में यमुना नदी के आसपास के क्षेत्र में आए अजगरों को दोबारा नेशनल पार्क में छोड़ दिया जाता है. विभाग के मुताबिक सांप रेक्टल प्रजाति के प्राणी है. जिनकी गणना संभव नहीं है. नेशनल पार्क में असंख्य सांप और अजगर मौजूद है.
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