मिर्जापुर : गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कार घोषणा हो गई है. इसमें मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजरी गायिका उर्मिला श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है. पिछले पांच दशक से ज्यादा कजरी गायन के प्रति उर्मिला श्रीवास्तव समर्पित रही हैं. उनको पद्मश्री अवार्ड मिलने की घोषणा होने से जनपद में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. लोग उर्मिला श्रीवास्तव के घर पहुंचकर बधाई दे रहे हैं. उर्मिला ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को धन्यवाद दिया है.
गफूर खां की गली वसलीगंज की रहने वालीं प्रसिद्ध कजरी गायिका उर्मिला श्रीवास्तव देश-विदेश में कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुकी हैं. इसके साथ ही कई पुरस्कारों से उर्मिला श्रीवास्तव सम्मानित सम्मानित हो चुकी हैं . उर्मिला श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मान मिर्जापुर की माटी और कला को मिला है. मैं बचपन में कजरी सुनती थी. इसके बाद मेरे मन में कजरी बस गई. फिर संगीत की पढ़ाई कर इसमें लीन हो गई हूं. पांच दशक के बाद आज मुझे यह पद्मश्री वार्ड से नवाजा जा रहा है, बहुत खुशी हुई है.
उर्मिला श्रीवास्तव की जन्म 28 अक्टूबर 1949 में हुआ था. 1968 से कजरी गायन के क्षेत्र में काम कर रही हैं. मिर्जापुर कजरी, देवी गीत, कहरवां, दादरा, चैती, होली, कजरी, झूमर, खेमटा, बन्नी, सोहर, लचारी, विदेशिया जैसी विद्या में इनको महारत हासिल है. अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव से लेकर देश में होने वाले महोत्सव में शिरकत कर चुकी हैं. दुबई शॉपिंग फेस्टिवल 1997, भूटान में भारत महोत्सव 2003, मॉरीशस विश्व भोजपुरी सम्मेलन 2009, मोगा फेस्टिवल रामायण मेला आदि में अपनी प्रस्तुति दी है.
आर्य कन्या इंटर कालेज से सेवानिवृत्त उर्मिला श्रीवास्तव 10000 से ज्यादा गीतों का संग्रह कर चुकी हैं. 10000 से ज्यादा शिष्यों को शिक्षा दे चुकी हैं. विख्यात कलाकारों के साथ मंच भी सजा किया है. पद्म भूषण गिरिजा देवी पंडित कृष्ण महाराज के साथ महोत्सव में प्रस्तुति दी है. इसके साथ ही दलेर मेहंदी, अनु मलिक, मुबारक बेगम, अनूप जलोटा, तीजन बाई जैसे कलाकारों के साथ मंच साझा किया है.