जयपुर. अब देश के अलग-अलग कोनों से लोग अयोध्या पहुंचकर भगवान श्री रामलला के दर्शन करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इन्हीं में शामिल हैं जालौर जिले के रूचियार गांव के दो भाई-बहन, जिन्होंने स्केटिंग करते हुए अयोध्या तक का सफर तय करने का फैसला लिया है. खास बात ये है कि इनमें से एक 12 साल और एक महज 8 साल की है.
जिस उम्र में बच्चे खिलौने और माता-पिता के साथ घूमने की जिद करते हैं. उस उम्र में जालौर के रूचियार गांव के दो भाई-बहन ने अपने माता-पिता से अयोध्या जाने की जिद की और वो भी स्केटिंग करते हुए. अपने गांव के नीलकंठ महादेव मंदिर से अयोध्या धाम की यात्रा शुरू करने वाले कैलाश पटेल 12 साल के हैं, और कक्षा 8 में पढ़ाई करते हैं. वहीं, सिमरन पटेल सिर्फ 8 साल की है और कक्षा 3 में पढ़ती हैं. इन दोनों के बाल मन पर राम भक्ति का ऐसा जुनून चढ़ा कि वो अपने माता-पिता से स्केटिंग करते हुए अयोध्या जाने की जिद कर बैठे. बालहठ के आगे परिजनों ने भी उनकी बात मानते हुए स्वयं भी उनके साथ चलने का फैसला किया.
कैलाश और सिमरन की अनूठी यात्रा: सिमरन और कैलाश लगभग 12 से 13 दिन की स्केटिंग यात्रा करते हुए 1250 किलोमीटर की दूरी तय कर अयोध्या धाम पहुंचेंगे. हाथ में भगवा ध्वज और जय श्री राम बोलते हुए अपना सफर तय कर रही है. नन्हीं सिमरन ने बताया कि उन्होंने गूगल पर अपने गांव से अयोध्या की दूरी देखी, तो वो करीब 1250 किलोमीटर थी और स्केटिंग करते हुए वहां तक जाने का मन बनाया. अब तक जालौर से जयपुर करीब 625 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं. वहीं कैलाश ने बताया कि स्केटिंग उनकी हॉबी है और अब इस स्केटिंग के साथ भगवान श्री राम का नाम लेते हुए अयोध्या जा रहे हैं.
स्केटिंग से आस्था की यात्रा: जिन रास्तों से सिमरन-कैलाश गुजर रहे हैं, लोग इन्हें देख कर दंग रह जाते हैं और फिर जय श्री राम के उद्घोष लगाते हुए इनका हौसला बढ़ाने लगते हैं. वहीं, अपने बच्चों का ख्यला रखने के लिए पिता बालाराम चौधरी भी उनके साथ गाड़ी लेकर के चल रहे हैं. जो इन बच्चों के आराम और खाने-पीने सहित सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में सुनकर उनके बेटे कैलाश और उनकी भतीजी सिमरन ने काफी उत्सुकता जाहिर की और स्केटिंग करते हुए अयोध्या जाने की जिद की. एक दिन खाना भी नहीं खाया, रोते रहे. काफी समझाने पर भी जब वो नहीं मानें, तो उन्होंने भी उनके साथ जाकर अयोध्या दर्शन करने का मन बनाया. पहले सोचा था कि 100-200 किलोमीटर घुमा करके दोबारा घर ले आएंगे, लेकिन अब ऐसा लगता है मानो भगवान श्री राम ने इन बच्चों में निवास कर लिया है. ये बच्चे जयपुर तक का सफर तय कर चुके हैं. इस दौरान ना तो थके ना रुके सीधा राम का नाम लेते हुए अयोध्या की तरफ चल रहे हैं.
परिजनों ने बताया कि घर में दादी मां राम नाम का जाप करती रहती हैं. ऐसे में बच्चों के हृदय में भी प्रभु श्री राम की भक्ति का असर पड़ा. इन बच्चों ने ऑनलाइन स्केटिंग मंगवा कर घर में ही एक टीचर से 2 महीने तक सीखा और अब श्री राम नाम का जाप करते हुए दोनों भाई-बहन अयोध्या नगरी रामलला के दर्शन के लिए चल पड़े हैं.