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ज्येष्ठ पूर्णिमा आज: इस शुभ योग में मां लक्ष्मी की पूजा से बढ़ेगा धन! जानें पूजा की विधि और महत्व - Jyeshtha Purnima 2024

Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 21 तारीख को मनाई जा रही है. अगर कोई इंसान पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने उपरांत दान करें तो उसकी सभी प्रकार के मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं पूर्णिमा से जुड़ी और खास बातें.

Jyeshtha Purnima 2024
Jyeshtha Purnima 2024 (ईटीवी भारत करनाल)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 18, 2024, 4:03 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 12:07 PM IST

करनाल: ज्येष्ठ महीने को हिंदू वर्ष का सबसे अहम महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में दान स्नान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. वहीं, अगर ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने उपरांत दान करें तो उसका एक कई गुना फल की प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 21 तारीख को मनाई जा रही है. अगर कोई इंसान पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने उपरांत दान करें तो उसकी सभी प्रकार के मनोकामना पूरी होती है.

चांदी का दान करने से चंद्रमा होता है मजबूत: किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को इस पवित्र नदी में स्नान करने उपरांत शक्कर, सफेद वस्त्र, दही या चांदी का दान करना सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है. माना जाता है कि जिस भी इंसान की कुंडली में चंद्रमा मजबूत नहीं है, उसको मजबूत करने के लिए चांदी का दान करें .ऐसे में उसकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना की जाती है.

ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा: पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि इस बार लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कि ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा किस दिन मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की शुरुआत 21 जून को सुबह 6:01 से हो रही है. जबकि इसका समापन 22 जून को सुबह 5:07 पर हो रहा है. ऐसे में जो जातक पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वह 21 तारीख को उसका व्रत रखें. जबकि दान स्नान करने का समय 22 जून को है. स्नान करने का शुभ ब्रह्म मुहूर्त का समय 22 तारीख को सुबह 4:04 से शुरू होकर 4:44 तक रहेगा.

ये काम करें: पंडित ने बताया कि जिन लोगों के घर में आर्थिक तंगी चल रही है. वह इस पूर्णिमा के दिन किसी एक बर्तन में कच्चे चावल चीनी और दूध भरकर चंद्रमा को अर्पित करें. उसकी सभी प्रकार की आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और घर में पैसों की बरसात होगी. वहीं पूर्णिमा के दिन सवा किलो चावल को लेकर किसी एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर के मंदिर में माता लक्ष्मी के चरणों में रखें और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. इसके बाद उसे कपड़े को उठाकर अपने घर की तिजोरी में रख दें.

मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद: माना जाता है कि ऐसा उपाय करने से घर में धन की कमी नहीं होती और घर में लक्ष्मी विराजमान होती है. पूर्णिमा के दिन जातक को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उसको जल अर्पित करना चाहिए. ऐसे में अगर आपके और आपके परिवार पर किसी भी प्रकार की परेशानी है. वह सब दूर हो जाती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके परिवार पर बना रहता है. घर में अन्न और धन की बढ़ोतरी के लिए 900 ग्राम चने की दाल लेकर भगवान सत्यनारायण के आगे चढ़ा कर उसे ब्राह्मण को दान दे. जिस घर में अन्न और धन की वृद्धि होगी.

पूजा का विधि विधान: पंडित ने बताया कि पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके दान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें और फिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान सत्यनारायण की पूजा करें. उसके साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना करें. भगवान सत्यनारायण पूजा के दौरान पीले रंग के फल फूल वस्त्र अर्पित करें. दिन में अपने घर पर सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. जो भी जातक इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, वह सुबह भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना करने के बाद व्रत रखने का प्रण ले.

भोजन ग्रहण करने से पहले करें दान: माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते समय उनको लाल रंग के फूल और श्रृंगार अर्पित करें. ऐसे में घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और सत्यनारायण भगवान के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके परिवार पर बना रहता है. शाम के समय भगवान सत्यनारायण और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने उपरांत चंद्रमा के दर्शन करके उनको जल अर्पित करें और अपने व्रत का पारण कर ले. भोजन ग्रहण करने से पहले गए गरीब व ब्राह्मण को भोजन दें.

सफेद वस्त्र-अन्न दान करने से दूर होती है आर्थिक तंगी: उसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें. शुभ मुहूर्त के सफेद रंग की चीजों का दान करें पूर्णिमा के दिन जिस इंसान की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है. उसको मजबूत करने के लिए चांदी का दान करें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और धन की वर्षा होती है. वहीं, सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं. पूर्णिमा के दिन दही चावल शक्कर या सफेद वस्त्र दान करने से जहां घर में आर्थिक तंगी दूर होती है. साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होता है. पूर्णिमा के दिन जल और फल का दान करने से जीवन में कई प्रकार के उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं.

पूर्णिमा के दिन बन रहे शुभ योग: पंडित ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा सभी पूर्णिमा से लाभकारी होती है और इसका लाभ उस समय और भी बढ़ जाता है. जब पूर्णिमा के दिन शुभ योग बन रहे हो. इस पूर्णिमा के दिन शुभ योग बना रहे हैं. सुबह 6:42 पर स्नान करने का शुभ योग रहेगा. इस दिन भगवान शिव की भी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में उनके लिए शिव वास योग सुबह 6:38 से शुरू होकर 6:12 तक रहेगा. इस दौरान भगवान महादेव की पूजा अर्चना करें. जिससे घर के सभी दोष दूर हो जाएंगे.

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ये भी पढ़ें: 16 जून को है गंगा दशहरा त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व - Ganga Dussehra Festival 2024

करनाल: ज्येष्ठ महीने को हिंदू वर्ष का सबसे अहम महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में दान स्नान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. वहीं, अगर ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने उपरांत दान करें तो उसका एक कई गुना फल की प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 21 तारीख को मनाई जा रही है. अगर कोई इंसान पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने उपरांत दान करें तो उसकी सभी प्रकार के मनोकामना पूरी होती है.

चांदी का दान करने से चंद्रमा होता है मजबूत: किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को इस पवित्र नदी में स्नान करने उपरांत शक्कर, सफेद वस्त्र, दही या चांदी का दान करना सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है. माना जाता है कि जिस भी इंसान की कुंडली में चंद्रमा मजबूत नहीं है, उसको मजबूत करने के लिए चांदी का दान करें .ऐसे में उसकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना की जाती है.

ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा: पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि इस बार लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कि ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा किस दिन मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की शुरुआत 21 जून को सुबह 6:01 से हो रही है. जबकि इसका समापन 22 जून को सुबह 5:07 पर हो रहा है. ऐसे में जो जातक पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वह 21 तारीख को उसका व्रत रखें. जबकि दान स्नान करने का समय 22 जून को है. स्नान करने का शुभ ब्रह्म मुहूर्त का समय 22 तारीख को सुबह 4:04 से शुरू होकर 4:44 तक रहेगा.

ये काम करें: पंडित ने बताया कि जिन लोगों के घर में आर्थिक तंगी चल रही है. वह इस पूर्णिमा के दिन किसी एक बर्तन में कच्चे चावल चीनी और दूध भरकर चंद्रमा को अर्पित करें. उसकी सभी प्रकार की आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और घर में पैसों की बरसात होगी. वहीं पूर्णिमा के दिन सवा किलो चावल को लेकर किसी एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर के मंदिर में माता लक्ष्मी के चरणों में रखें और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. इसके बाद उसे कपड़े को उठाकर अपने घर की तिजोरी में रख दें.

मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद: माना जाता है कि ऐसा उपाय करने से घर में धन की कमी नहीं होती और घर में लक्ष्मी विराजमान होती है. पूर्णिमा के दिन जातक को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उसको जल अर्पित करना चाहिए. ऐसे में अगर आपके और आपके परिवार पर किसी भी प्रकार की परेशानी है. वह सब दूर हो जाती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके परिवार पर बना रहता है. घर में अन्न और धन की बढ़ोतरी के लिए 900 ग्राम चने की दाल लेकर भगवान सत्यनारायण के आगे चढ़ा कर उसे ब्राह्मण को दान दे. जिस घर में अन्न और धन की वृद्धि होगी.

पूजा का विधि विधान: पंडित ने बताया कि पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके दान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें और फिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान सत्यनारायण की पूजा करें. उसके साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना करें. भगवान सत्यनारायण पूजा के दौरान पीले रंग के फल फूल वस्त्र अर्पित करें. दिन में अपने घर पर सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. जो भी जातक इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, वह सुबह भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना करने के बाद व्रत रखने का प्रण ले.

भोजन ग्रहण करने से पहले करें दान: माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते समय उनको लाल रंग के फूल और श्रृंगार अर्पित करें. ऐसे में घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और सत्यनारायण भगवान के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके परिवार पर बना रहता है. शाम के समय भगवान सत्यनारायण और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने उपरांत चंद्रमा के दर्शन करके उनको जल अर्पित करें और अपने व्रत का पारण कर ले. भोजन ग्रहण करने से पहले गए गरीब व ब्राह्मण को भोजन दें.

सफेद वस्त्र-अन्न दान करने से दूर होती है आर्थिक तंगी: उसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें. शुभ मुहूर्त के सफेद रंग की चीजों का दान करें पूर्णिमा के दिन जिस इंसान की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है. उसको मजबूत करने के लिए चांदी का दान करें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और धन की वर्षा होती है. वहीं, सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं. पूर्णिमा के दिन दही चावल शक्कर या सफेद वस्त्र दान करने से जहां घर में आर्थिक तंगी दूर होती है. साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होता है. पूर्णिमा के दिन जल और फल का दान करने से जीवन में कई प्रकार के उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं.

पूर्णिमा के दिन बन रहे शुभ योग: पंडित ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा सभी पूर्णिमा से लाभकारी होती है और इसका लाभ उस समय और भी बढ़ जाता है. जब पूर्णिमा के दिन शुभ योग बन रहे हो. इस पूर्णिमा के दिन शुभ योग बना रहे हैं. सुबह 6:42 पर स्नान करने का शुभ योग रहेगा. इस दिन भगवान शिव की भी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में उनके लिए शिव वास योग सुबह 6:38 से शुरू होकर 6:12 तक रहेगा. इस दौरान भगवान महादेव की पूजा अर्चना करें. जिससे घर के सभी दोष दूर हो जाएंगे.

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Last Updated : Jun 21, 2024, 12:07 PM IST
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