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हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास, जानिए भगवान विष्णु के प्रिय महीने में क्या करना है शुभ फलदायक ? - Hindu calendar 3rd month Jyeshtha - HINDU CALENDAR 3RD MONTH JYESHTHA

Jyesth Month 2024: इस साल 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है, इसका समापन 23 जून 2024 को होगा. ज्येष्ठ मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है. इसलिए इस महीने में क्या करना फलदायी है और क्या नहीं करने से आपको नुकसान हो सकता है.आइए जानते हैं.

हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास  में क्या करना है शुभफलदायक
हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास में क्या करना है शुभफलदायक (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 20, 2024, 6:11 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल के तीसरे महीने ज्येष्ठ मास की शुरुआत होने जा रही है. वैशाख पूर्णिमा के अगले दिन से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा. ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है. इसे जेठ मास के नाम से भी जाना जाता है. ज्येष्ठ मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ मास का क्या कुछ धार्मिक महत्व है ? कब से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है ? ज्येष्ठ मास में कौन से शुभ कार्य करने चाहिए?

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, सभी महीना में ज्येष्ठ मास तपनशील महीना होता है. ज्येष्ठ मास में जल दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस महीने में मीठा और ठंडा जल जरूर दान करना चाहिए. संभव हो तो ज्येष्ठ मास में एक समय भोजन करें. भोजन करने के पश्चात घर में बचे भोजन को गरीबों को दान करें. ज्येष्ठ मास में विवाह करना वर्जित बताया गया है. तीन ज्येष्ठ मिल जाने से अपशगुन की संभावना होती है. ज्येष्ठ युवक, ज्येष्ठ युवती का ज्येष्ठ मास में विवाह अपशगुन माना गया है.

हिंदू पंचाग के अनुसार, इस महीने 24 मई से तीसरे महीने की शुरुआत होने जा रही है. जिसे ज्येष्ठ का महीना या फिर जेठ का महीना कहा जाता है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह के नाम से जाना जाता है. इस महीने में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है, इसीलिए इस महीने में विशेष रूप से सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव, श्रीराम और हनुमान की पूजा की जाती है.

कब शुरू हो रहा ज्येष्ठ मासः ज्येष्ठ मास शुक्रवार, 24 मई 2024 से शुरू होगा. इस महीने का समापन रविवार 30 जून 2024 को होगा. बड़ा मंगल, अपरा एकादशी, वट सावित्री व्रत, ज्येष्ठ अमावस्या, महेश नवमी, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ पूर्णिमा आदि व्रत त्योहार पड़ रहे हैं. ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगल ग्रह है, जिसे ज्योतिष में साहस का प्रतीक माना गया है.

ये भी पढ़ें : इस रात चांद को देखने से बढ़ती है आंखों की रोशनी

ज्येष्ठ मास में दान का माना गया सर्वोत्म फलदायकः ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है. ऐसे में ठंडी वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ मास में ठंडा मीठा जल, घड़े सहित जल दान करना चाहिए. पशु पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करनी चाहिए. गरीब और जरूरतमंद लोगों को पंखा, घड़ा, अन्न, वस्त्र आदि दान करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में दान करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधा नष्ट हो जाती हैं

ये भी पढ़ें : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की आराधना, मिलेगा विशेष फल, जानें स्नान-दान का महत्व

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल के तीसरे महीने ज्येष्ठ मास की शुरुआत होने जा रही है. वैशाख पूर्णिमा के अगले दिन से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा. ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है. इसे जेठ मास के नाम से भी जाना जाता है. ज्येष्ठ मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ मास का क्या कुछ धार्मिक महत्व है ? कब से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है ? ज्येष्ठ मास में कौन से शुभ कार्य करने चाहिए?

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, सभी महीना में ज्येष्ठ मास तपनशील महीना होता है. ज्येष्ठ मास में जल दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस महीने में मीठा और ठंडा जल जरूर दान करना चाहिए. संभव हो तो ज्येष्ठ मास में एक समय भोजन करें. भोजन करने के पश्चात घर में बचे भोजन को गरीबों को दान करें. ज्येष्ठ मास में विवाह करना वर्जित बताया गया है. तीन ज्येष्ठ मिल जाने से अपशगुन की संभावना होती है. ज्येष्ठ युवक, ज्येष्ठ युवती का ज्येष्ठ मास में विवाह अपशगुन माना गया है.

हिंदू पंचाग के अनुसार, इस महीने 24 मई से तीसरे महीने की शुरुआत होने जा रही है. जिसे ज्येष्ठ का महीना या फिर जेठ का महीना कहा जाता है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह के नाम से जाना जाता है. इस महीने में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है, इसीलिए इस महीने में विशेष रूप से सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव, श्रीराम और हनुमान की पूजा की जाती है.

कब शुरू हो रहा ज्येष्ठ मासः ज्येष्ठ मास शुक्रवार, 24 मई 2024 से शुरू होगा. इस महीने का समापन रविवार 30 जून 2024 को होगा. बड़ा मंगल, अपरा एकादशी, वट सावित्री व्रत, ज्येष्ठ अमावस्या, महेश नवमी, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ पूर्णिमा आदि व्रत त्योहार पड़ रहे हैं. ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगल ग्रह है, जिसे ज्योतिष में साहस का प्रतीक माना गया है.

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ज्येष्ठ मास में दान का माना गया सर्वोत्म फलदायकः ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है. ऐसे में ठंडी वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ मास में ठंडा मीठा जल, घड़े सहित जल दान करना चाहिए. पशु पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करनी चाहिए. गरीब और जरूरतमंद लोगों को पंखा, घड़ा, अन्न, वस्त्र आदि दान करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में दान करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधा नष्ट हो जाती हैं

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