शिमला: न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालेंगे. 18 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर के सेवानिवृत होने पर हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है. राष्ट्रपति की ओर से जारी अधिसूचना के तहत इन्हें दूसरी बार यह जिम्मा दिया गया है. इससे पहले 20 अप्रैल 2023 से 29 मई 2023 तक इन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) का पद संभाला था.
9 जनवरी 1964 को रोहड़ू में जन्मे न्यायाधीश चौहान की बिशप कॉटन स्कूल शिमला से प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई. डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक व पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने व लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए. प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून की सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड व राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे. विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने.
तरलोक सिंह चौहान हाईडल प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए. तरलोक सिंह 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के बाद 30 नवंबर 2014 को हाईकोर्ट के स्थाई न्यायाधीश बनाये गए. इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल/बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वसन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया.
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