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40 साल की रंजिश में सुपारी देकर करवाई गई थी सुभाष की हत्या, पंजाब में पकड़े गए 3 आरोपी - सुभाष विश्नोई हत्याकांड

जोधपुर में 8 अक्टूबर को हुए सुभाष विश्नोई हत्याकांड मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी पंजाब भागे थे.

सुपारी देकर करवाई गई थी सुभाष की हत्या
सुपारी देकर करवाई गई थी सुभाष की हत्या (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 1:08 PM IST

जोधपुर : बासनी थाना क्षेत्र में 8 अक्टूबर को दिन दहाड़े आपसी रंजिश में हुए सुभाष विश्नोई हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को पंजाब पुलिस ने मोहाली के पास नाकाबंदी कर पकड़ लिया है. साथ ही उनसे हथियार भी बरामद हुए हैं. जोधपुर पुलिस उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी. आरोपियों ने पंजाब पुलिस को बताया कि वह जोधपुर में हत्या करके भागे हैं. उनके पास से दो पिस्टल के साथ आठ जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. बासनी थानाधिकारी मोहम्मद शफिक खान ने पंजाब पुलिस की ओर से तीन आरोपियों के पकड़ने की पुष्टि की है.

पंजाब पुलिस की पूछताछ के अनुसार जोधपुर के सांगरिया फांटा के पास सुभाष को गोली मार कर आरोपी पंजाब की ओर भागे थे. इनकी पहचान मुख्य शूटर आसिफ और सुपारी लेने वाले सरदारपुरा सोजत हाल इंद्रा कॉलोनी निवासी भानु उर्फ मोनू ढोली पुत्र माणक ढोली के रूप में हुई. इनका तीसरा साथी बालोरात निवासी अनिल कुमार मदानी है. पंजाब पुलिस की पूछताछ में भानु ने सुभाष को मारने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी लेने की बात कबूली है. भानु पाली आपराधिक मामले में पिछले 5 सालों से अभिरक्षा में था. इस दौरान ही भानु व सुभाष में जानपहचान हुई थी. हत्या के दिन भानु ने ही सुभाष की रेकी की थी और सुभाष को बाहर बुलाया था. भानु अनिल लेगा के संपर्क में था. उसकी एक फोटो मिली है, जिसमें वह अनिल लेगा की तस्वीर के साथ नजर आ रहा है.

पढ़ें. आपसी रंजिश में 5 साल बाद दादा की मौत का बदला लिया पोते ने, 24 घंटे में पुलिस को मिली कामयाबी

रंजिश में सुभाष की हुई थी हत्या : दो परिवारों के बीच हुई रंजिश में अब तक चार हत्याएं हो चुकी हैं. इसकी शुरुआत 1970 से हुई थी, जब थानाराम व उसके साथी ने 18 जून 1970 को अनिल के दादा चतुराराम लेगा की हत्या की थी. तब इसका मामला महामंदिर थाने में दर्ज हुआ था, जिसको लेकर थानाराम की गिरफ्तारी भी हुई थी. 1993 में जन्मे अनिल को बड़ा होने पर पता चला कि उसके दादा की हत्या करने वाला आदमी खुला घूम रहा है, तो उसने तय किया था वह बदला लेगा. उसने 15 अगस्त 2018 को थानाराम की हत्या कर दी. इसके बाद अनिल को गांव छोड़ना पड़ा. वह जोधपुर में रहने लगा.

पढ़ें. जोधपुर में शादी समारोह के दौरान आपसी रंजिश में युवक हत्या, 40 साल से थी दुश्मनी

इधर थानाराम के बेटे अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए मौका तलाशते थे. इसी साल 18 जनवरी को अनिल अपने मित्र छात्रनेता सुनील लोल की शादी सभा में गांव आया तो थानाराम के बेटों को उस पर हमला करने का मौका मिल गया. सुभाष के साथ आए विष्णु ने फायरिंग की, जिसमें एक गोली अनिल के सिर में लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सुभाष को मारने की सुपारी अनिल लेगा के भाई जितेंद्र ने दी है. पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है.

जोधपुर : बासनी थाना क्षेत्र में 8 अक्टूबर को दिन दहाड़े आपसी रंजिश में हुए सुभाष विश्नोई हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को पंजाब पुलिस ने मोहाली के पास नाकाबंदी कर पकड़ लिया है. साथ ही उनसे हथियार भी बरामद हुए हैं. जोधपुर पुलिस उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी. आरोपियों ने पंजाब पुलिस को बताया कि वह जोधपुर में हत्या करके भागे हैं. उनके पास से दो पिस्टल के साथ आठ जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. बासनी थानाधिकारी मोहम्मद शफिक खान ने पंजाब पुलिस की ओर से तीन आरोपियों के पकड़ने की पुष्टि की है.

पंजाब पुलिस की पूछताछ के अनुसार जोधपुर के सांगरिया फांटा के पास सुभाष को गोली मार कर आरोपी पंजाब की ओर भागे थे. इनकी पहचान मुख्य शूटर आसिफ और सुपारी लेने वाले सरदारपुरा सोजत हाल इंद्रा कॉलोनी निवासी भानु उर्फ मोनू ढोली पुत्र माणक ढोली के रूप में हुई. इनका तीसरा साथी बालोरात निवासी अनिल कुमार मदानी है. पंजाब पुलिस की पूछताछ में भानु ने सुभाष को मारने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी लेने की बात कबूली है. भानु पाली आपराधिक मामले में पिछले 5 सालों से अभिरक्षा में था. इस दौरान ही भानु व सुभाष में जानपहचान हुई थी. हत्या के दिन भानु ने ही सुभाष की रेकी की थी और सुभाष को बाहर बुलाया था. भानु अनिल लेगा के संपर्क में था. उसकी एक फोटो मिली है, जिसमें वह अनिल लेगा की तस्वीर के साथ नजर आ रहा है.

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रंजिश में सुभाष की हुई थी हत्या : दो परिवारों के बीच हुई रंजिश में अब तक चार हत्याएं हो चुकी हैं. इसकी शुरुआत 1970 से हुई थी, जब थानाराम व उसके साथी ने 18 जून 1970 को अनिल के दादा चतुराराम लेगा की हत्या की थी. तब इसका मामला महामंदिर थाने में दर्ज हुआ था, जिसको लेकर थानाराम की गिरफ्तारी भी हुई थी. 1993 में जन्मे अनिल को बड़ा होने पर पता चला कि उसके दादा की हत्या करने वाला आदमी खुला घूम रहा है, तो उसने तय किया था वह बदला लेगा. उसने 15 अगस्त 2018 को थानाराम की हत्या कर दी. इसके बाद अनिल को गांव छोड़ना पड़ा. वह जोधपुर में रहने लगा.

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इधर थानाराम के बेटे अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए मौका तलाशते थे. इसी साल 18 जनवरी को अनिल अपने मित्र छात्रनेता सुनील लोल की शादी सभा में गांव आया तो थानाराम के बेटों को उस पर हमला करने का मौका मिल गया. सुभाष के साथ आए विष्णु ने फायरिंग की, जिसमें एक गोली अनिल के सिर में लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सुभाष को मारने की सुपारी अनिल लेगा के भाई जितेंद्र ने दी है. पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है.

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